Chitrakoot News: तुलसी जन्म महोत्सव पर उमड़ा भक्तों का जनसैलाब

Chitrakoot News: तुलसी जन्म महोत्सव के दूसरे दिन पूज्य गुरुदेव भगवान के श्रीमुख से शिव पार्वती विवाह के चरित्र का वर्णन किया गया।

Update:2024-08-03 16:43 IST

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Chitrakoot News: तुलसी जन्मभूमि राजापुर धाम में चल रहे दस दिवसीय तुलसी जन्म जयंती महोत्सव कार्यक्रम के आज यानी शनिवार को दूसरे दिन कालिंद्री तट के निकट तुलसी घाट पर नगर के विद्वान आचार्यो के द्वारा श्रीमद् रामचरितमानस का विधिवत दीप धूप पुष्प से पूजा अर्चना कर नवाह्नपारायण का पाठ प्रारंभ हुआ। परम पूज्य गुरुदेव भगवान रामदास महाराज जी के श्रीमुख से नवाह्नपारायण के पाठ का शुभारंभ किया गया जिसमें नगर और क्षेत्र की हजारों नर-नारी, बुजुर्ग महिला, पुरुष, बच्चे, साधु महात्माओं ने बहुत सुंदरता से पाठ का गायन किया। सुबह 7 बजे से पवित्र नवाह्न परायण पाठ का शुभारंभ हुआ। दस बजे तुलसी घाट के विशाल प्रांगण में बैठे समस्त तुलसी भक्तों को बाल भोग वितरण किया गया। बाल भोग पाने के उपरांत पुनः सुबह 10ः30 से नवाह्म पारायण का पाठ प्रारंभ हुआ और यह पवित्र पाठ दोपहर 1ः30 बजे तक चला।

सुबह से चला तुलसी भक्तों का दिव्य भंडारा

नवाह्व पारायण पाठ के उपरांत हजारों की तादाद में तुलसी घाट के विशाल प्रांगण में मौजूद समस्त तुलसी भक्त चल रहे दिव्य भंडारे में पहुंच कर तुलसी बाबा के नाम का जयकारा लगाते हुए एक साथ बैठकर भंडारे में बने स्वादिष्ट प्रसाद को ग्रहण किया। तुलसी जन्म जयंती महोत्सव कार्यक्रम के दूसरे दिन आज नवाह्ण पारायण पाठ में रामदास महराज जी के श्रीमुख से महादेव मां शक्ति के विवाह का सचित्र वर्णन किया गया।


मां शक्ति और महादेव का विवाह संपन्न हुआ

महादेव मां शक्ति को लेकर कैलाश पर्वत पर विराजमान हो गए, तब मां शक्ति ने महादेव से कहा कि आपकी चंद्रमा की किरणों के समान शीतल वाणी सुनकर मेरा अज्ञान रूपी शरद ऋतु की धूप का भारी ताप मिट गया। हे कृपालु आपने मेरा सब संदेह हर लिया और अब श्री रामचंद्र जी का यथार्थ स्वरूप मेरी समझ में आ गया है। हे नाथ आपकी कृपा से मेरा विषाद जाता रहा और आपके चरणों की अनुग्रह से मैं सुखी हो गई, यद्यपि मैं स्त्री होने के कारण स्वभाव से ही मूर्ख और ज्ञान हीन हूं तो भी आप मुझे अपनी दासी जानकर मुझे यह बात बताने का कष्ट करें कि क्या यह सत्य है कि रामचंद्र जी ब्रह्म हैं ज्ञान स्वरूप हैं अविनाशी हैं सबसे रहित हैं और सब के हृदय रूपी नगरी में निवास करने वाले हैं। रामचंद्र जी ने मनुष्य का शरीर किस कारण से धारण किया है। धर्म की ध्वज धारण करने वाले हे महादेव मुझे अज्ञान समझ कर मुझे रामचंद्र जी की कथा का रसपान कराएं। महादेव प्रसन्न हो गए और निर्मल रामचरितमानस की वह मंगलमयी कथा जिसे काक भुशुण्डी ने विस्तार से कहा था और पक्षियों के राजा गरुड़ जी ने सुना था। इस कथा का महादेव अपने श्रीमुख से माता शक्ति को सुनाना प्रारंभ करते हैं।


तुलसी जन्मभूमि राजापुर धाम में लगा साधु संतों का तांता

तुलसी जन्म भूमि राजापुर धाम में चल रहे तुलसी जन्म जयंती महोत्सव कार्यक्रम के आज दूसरे दिन चित्रकूट बांदा कौशांबी प्रयागराज अयोध्या वृंदावन मथुरा से हजारों श्रद्धालु, भक्तगण, दर्शनार्थी, श्रोतागण और तुलसी भक्तो का जनसैलाब उमड़ पड़ा।तुलसी जन्म जयंती महोत्सव मे तुलसी भक्तों की तुलसी सेवा परिवार ने खाने-पीने और ठहरने की समुचित व्यवस्था किया हुआ है। दूर दराज से आने वाले साधु महात्मा दर्शनार्थियों को सुबह बाल भोग से लेकर रात्रि भोजन तक की बहुत ही सुंदर व्यवस्था है, जिसमें हजारों भक्तगण सुबह से शाम तक भंडारे का पूरा आनंद उठाते हैं और तुलसी जन्म जयंती महोत्सव कार्यक्रम में सम्मिलित होकर अक्षय पुण्य के भागी बने।



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