Chitrakoot News: चित्रकूट में पतित पावनी मंदाकिनी के रामघाट से लेकर कामदनाथ तक जगमगा रहे आस्था के दीप

Chitrakoot News: पतित पावनी मंदाकिनी तट पर श्रद्धालु दीपदान कर रहे है। रामघाट से लेकर कामदनाथ मंदिर व परिक्रमा मार्ग में दीप जलाकर श्रद्धालु भगवान से अपनी मनोकामना को पूरा करने को प्रार्थना कर रहे है।

Update:2024-10-30 16:29 IST

Chitrakoot News ( Pic- News Track)

Chitrakoot News: भगवान राम की तपोभूमि धर्मनगरी चित्रकूट में आस्था के दीप जगमगा उठा है। धर्मनगरी को जोड़ने वाले सभी मार्गों से श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंच रही है। पतित पावनी मंदाकिनी तट पर श्रद्धालु दीपदान कर रहे है। रामघाट से लेकर कामदनाथ मंदिर व परिक्रमा मार्ग में दीप जलाकर श्रद्धालु भगवान से अपनी मनोकामना को पूरा करने को प्रार्थना कर रहे है। यूपी-एमपी प्रशासन मेला क्षेत्र में आपसी समन्वय के साथ डटा हुआ है।


पांच दिवसीय दीपदान मेला की शुरुआत एक दिन पहले धनतेरस में मंगलवार से हो चुकी है। आगामी दो नवंबर तक मेला चलने वाला है। करीब 40 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना भी जताई जा रही है। इसको देखते हुए यूपी-एमपी प्रशासन ने मेला क्षेत्र में इंतजाम किए है। पहले ही दिन देर शाम तक धर्मनगरी पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। सर्वाधिक पैदल चलकर श्रद्धालु पहुंच रहे है। बुधवार को सुबह मुख्यालय कर्वी पहुंची ट्रेनों से काफी श्रद्धालुओं की भीड़ धर्मनगरी पहुंची। प्रशासन ने यूपीटी तिराहे से वाहनों का प्रवेश रोक रखा है। इसी तरह पीली कोठी की तरफ एमपी बार्डर तक ही वाहन जा पा रहे है।


वाहनों के लिए पार्किंग स्थल बनाए गए है। रामघाट में पहुंचकर श्रद्धालु मंदाकिनी स्नान के साथ ही दीपदान भी कर रहे है। इसके अलावा भगवान कामदनाथ मंदिर और परिक्रमा मार्ग में दीपदान हो रहा है। रात में जगह-जगह जगमगाते दीप आसमान में तारों की नजर आ रहे थे। तीर्थ क्षेत्र के भरतकूप, हनुमान धारा, सती अनुसुइया, गुप्त गोदावरी आदि स्थलों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। प्रशासन की ओर से पूरे मेला क्षेत्र को रंग-बिरंगी रोशनी बिखेरने वाली झालरें लगवाकर सजाया गया है। मंगलवार की देर रात डीएम शिवशरणप्पा जीएन व एसपी अरुण कुमार सिंह ने मेला क्षेत्र पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। रामघाट व परिक्रमा मार्ग में उन्होंने मातहतों को निर्देश दिए कि मेला में आए श्रद्धालुओं के साथ कोई अभद्रता नहीं करेगा। श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए।

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