Chitrakoot: निर्धारित रकबे से हटकर पट्टेधारक ने कराया खनन, कमिश्नर से शिकायत

Chitrakoot News: शिकायती पत्र में बताया कि पड़ोसी पट्टेधारक के यहां पूर्व में खनन टीम ने आकर जांच की थी, जिसमें अवैध खनन जांच दौरान टीम ने पाया था। जिस पर उसे पेनाल्टी लगाई गई थी।

Update: 2024-02-28 13:01 GMT

Chitrakoot News (Pic:Newstrack)

Chitrakoot News: जनपद के भरतकूप थाना क्षेत्र के गोंडा स्थित पहाड़ में संचालित पत्थर खदान में असरदार खनन कारोबारी ने बगल की खदान में खनन करा डाला है। इसकी शिकायत संबंधित पट्टाधारक ने मंडलायुक्त व डीएम से की है। आरोप लगाया कि उसके रकबे की तरफ रात-दिन जबरिया अवैध तरीके से खनन किया जा रहा है।मुख्यालय कर्वी के लक्ष्मणपुरी मोहल्ला निवासी खनन पट्टाधारक आनंद द्विवेदी ने मंडलायुक्त को प्रेषित शिकायती पत्र में बताया कि उसे 29 जून 2022 को ई-नीलामी में खनन पट्टा मिला है। जिसका एग्रीमेंट इसी वर्ष 23 जनवरी को हुआ है।

भरतकूप के गोंडा गांव में पत्थर खनन का मामला

एग्रीमेंट कराने के बाद जब वह अपने खनन पट्टा स्थल को देखने गया तो वहां बगल के पट्टेधारक को खनन कराते हुए पाया। करीब पांच से छह हजार घन फीट रकबे में असरदार पट्टाधारक ने उसकी खदान में खनन कराया है। बताया कि जब उसने देखा तो जबरिया खनन कराने वाले पड़ोसी पट्टाधारक को मना किया, फिर भी वह नहीं मान रहा है। मानक विहीन ब्लास्टिंग कराकर रात-दिन उसके रकबे से खनन कराया जा रहा है। यहां पर चार-पांच पोकलैंड मशीनें भी लगी है।

मंडलायुक्त व डीएम से की शिकायत  

शिकायती पत्र में बताया कि पड़ोसी पट्टेधारक के यहां पूर्व में खनन टीम ने आकर जांच की थी, जिसमें अवैध खनन जांच दौरान टीम ने पाया था। जिस पर उसे पेनाल्टी लगाई गई थी। फिर भी जिम्मेदारों की मिलीभगत से रात दिन अवैध खनन रात-दिन चल रहा है। मांग किया कि मौके पर पैमाइस कराकर अवैध तरीके से किए गए खनन की वसूली की जाए। डीएम अभिषेक आनंद ने कहा कि एसडीएम सदर को मामले की जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए है।

रकबे से हटकर खनन का चल रहा लंबा खेल

भरतकूप व उसके आसपास गोंडा, रौली कल्याणपुर में संचालित पत्थर खदानों पर निर्धारित रकबे पर अवैध तरीके से खनन का लंबा खेल काफी पहले से चल रहा है। इसमें खनिज, राजस्व से लेकर पुलिस महकमे की सहभागिता है। बताते हैं कि असरदार पट्टाधारक बगल के खनन स्थलों या फिर वन विभाग के रकबे में खनन करा रहे है। लेकिन सहभागिता होने की वजह से जिम्मेदार महकमे भी कोई ध्यान नहीं दे रहे है।

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