Chitrakoot News: किसान उद्यमियों को कृषि मंत्री ने प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित

Chitrakoot News: सोमवार को केंद्र के सुदृढ़ीकरण के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में कृषक भवन, कृषक सभागार, मशरूम इकाई, खाद्य प्रसंकरण एवं वर्मी कंपोस्ट इकाई का शिलान्यास कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने किया।

Update: 2024-07-22 15:08 GMT

 प्रशस्ति पत्र देते कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही (Pic: Newstrack)

Chitrakoot News: कृषि विज्ञान केंद्र गनीवा में सोमवार को केंद्र के सुदृढ़ीकरण के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में कृषक भवन, कृषक सभागार, मशरूम इकाई, खाद्य प्रसंकरण एवं वर्मी कंपोस्ट इकाई का शिलान्यास कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने किया। केंद्र में 25 महिला किसान 60 दिवसीय सिलाई प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है। वहीं 25 पशुपालक किसान पांच दिवसीय पशुपालन व उनके रख रखावों का प्रशिक्षण ले रहे है। मंत्री ने किसान प्रशिक्षण का भ्रमण करते हुए किसानों से संवाद किया। इस दौरान वरिष्ठ वैज्ञानिक कमला शंकर शुक्ला ने संचालित योजनाओं की जानकारी देकर परिणामो पर चर्चा किया। बताया कि इकाई का निर्माण होने से जिले के किसानों को कृषि तकनीकी ज्ञान और विज्ञान के मेल से होने वाले नवाचार से आधुनिक पद्धति सिखाने मे सहायक होंगे।

उन्होंने कहा कि इन इकाई के निर्माण से किसानों को रोजगार परख प्रशिक्षण व कौशल विकास से किसानों की आय मे वृद्धि होगी। इस योजना में रोजगार प्रशिक्षण के लिए मशरूम उत्पादन इकाई, किसानों के उत्पादित अन्न व अनाज को प्रसंस्करण से मूल्यवर्धन करने की दृष्टि से खाद्य प्रसंकरण इकाई, पशुपालक को वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए भौतिक प्रशिक्षण वर्मी कंपोस्ट इकाई का निर्माण किया जाएगा। वहीं केवीके में दूसरी ओर विष मुक्त प्राकृतिक खेती पर किसान संगोष्ठी हुई। जिसमें केंद्र की गृह वैज्ञानिक ममता त्रिपाठी ने किसानों को खेतों मे उत्पादित होने वाले उत्पाद श्रीअन्न के प्रसंकरण व आहार महत्व की किसानों को जानकारी दी। वरिष्ठ वैज्ञानिक विजय गौतम ने किसानों को विषमुक्त खेती की जानकारी उपलब्ध कराई। कृषि विज्ञान केंद्र मझगवा प्रमुख डा राजेन्द्र सिंह नेगी ने श्री अन्न के पोषक गुण व आहार प्रबंधन की जानकारी दी।


मंत्री ने फल उत्पादन करने वाले सात किसानो को फलदार पौध का सांकेतिक वितरण, सिलाई प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी 25 महिला उद्यमियों को प्रमाण पत्र वितरण किया। प्राकृतिक खेती करने वाले प्रगतिशील किसान हरिश्चंद्र पटेल ग्राम इटरौर, कौशलेन्द्र सिंह ग्राम अरवारा को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। पूर्व सांसद आरके सिंह पटेल ने कहा कि खेती के साथ सब्जी व दुग्ध उत्पादन किसान जब तक नहीं करेंगे, तब तक उनकी आमदनी में वृद्धि नहीं होगी। मंत्री ने एक पौधा मां के नाम पर फलदार पौध अमरूद प्रजाति श्वेता का रोपण किया। इस मौके पर वैज्ञानिक उत्तम कुमार त्रिपाठी, भाजपा जिलाध्यक्ष लवकुश चतुर्वेदी, क्वापरेटिव बैंक अध्यक्ष पंकज अग्रवाल, अपर निदेशक कृषि एएन मिश्रा, अपर निदेशक प्रसार आरके सिंह, दीनदयाल शोध संस्थान उप महाप्रबंधक डा अनिल जायसवाल, उप निदेशक कृषि राजकुमार, जिला कृषि अधिकारी रमापति शुक्ल, जन शिक्षण संस्थान निदेशक अनिल कुमार सिंह, इंजी राजेश त्रिपाठी, कृषि वैज्ञानिक अखिलेश जागरे, पुष्पेंद्र सिंह, डा मनोज शर्मा, डा दीपेश भारत मिश्रा, सतीश पाठक, अंकुर त्रिपाठी, आलोक पांडेय आदि मौजूद रहे।

कृषि मंत्री को फील्ड वर्कशाप में शामिल होने का दिया आमंत्रण

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही से डीएम शिवशरणप्पा जीएन की मौजूदगी में संभावित चित्रकूट जियोपार्क के लिए होने वाली फील्ड वर्कशाप के आयोजक सचिव डा अश्विनी अवस्थी व भाजपा जिला मंत्री आलोक पाण्डेय ने चर्चा किया। आगामी एक से तीन अगस्त तक जिओ पार्क चित्रकूट के लिए आरोग्यधाम में होने वाली फील्ड वर्कशाप में शामिल होने के लिए कृषि मंत्री को आमंत्रण पत्र दिया। बताया कि चित्रकूट में वैश्विक स्तर पर जियोपार्क स्थापित करने के लिए फील्ड वर्कशाप का आयोजन सोसायटी आफ अर्थ साइंस, आईआईटी कानपुर और दीनदयाल शोध संस्थान कर रहा है। मंत्री ने कहा कि जिओ पार्क के साथ चित्रकूट के समग्र विकास के लिए एग्रो टूरिज्म को भी शामिल किया जाए।

डीएम ने कहा कि चित्रकूट में जिओ पार्क बनना एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी। आयोजक सचिव ने बताया कि फ़ील्ड वर्कशाप में देश के भू-वैज्ञानिक चित्रकूट के प्रमुख भू-स्थलों का भ्रमण करके चित्रकूट जियोपार्क की संभावना का परीक्षण करेंगे। वर्कशाप में भारत में यूनेस्को के प्राकृतिक विज्ञान प्रमुख बेन्नो बोअर भी शामिल होंगे। यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क एकल, एकीकृत भौगोलिक क्षेत्र हैं। जहां अंतर्राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक महत्व के स्थलों और परिदृश्यों को सुरक्षा, शिक्षा व सतत विकास की समग्र अवधारणा के साथ प्रबंधित किया जाता है। वर्तमान में 48 देशों में 213 यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क हैं। लेकिन भारत में एक भी जियो पार्क नही है।

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