Chitrakoot News: तालाबों के भीटों से सिर्फ हटाई जाती झुग्गी-झोपड़ी, असरदारों पर कोई कार्रवाई नहीं

Chitrakoot News: न्यायालय स्तर से तालाबों पर किए गए अवैध कब्जों को अभियान चलाकर हटाने के सख्त निर्देश है। इसके साथ ही सरकार ने अभियान भी चला रखा है।

Update:2023-12-16 19:36 IST

तालाबों के भीटों से सिर्फ हटाई जाती झुग्गी-झोपड़ी, असरदारों पर कोई कार्रवाई नहीं: Photo- Newstrack

Chitrakoot News: न्यायालय स्तर से तालाबों पर किए गए अवैध कब्जों को अभियान चलाकर हटाने के सख्त निर्देश है। इसके साथ ही सरकार ने अभियान भी चला रखा है। लेकिन जिले में उन तालाबों को अधिकारियों ने नजर अंदाज कर रखा है, जहां पर असरदारों ने कब्जे जमा रखे है। जिनकी तरफ अधिकारी नजर तक नहीं उठा रहे है। राजनीतिक रसूखदारों से लेकर कारोबारियों ने तालाबों की जमीनों पर कब्जे कर भवन बनवा लिए है। इतना ही नहीं कई जगह तो भीटों में स्कूल संचालित हो रहे है। मुख्यालय से सटे आसपास के इलाकों में ही इन दिनों तालाब अतिक्रमण की वजह से सिकुडकर रह गए है।

रानीपुर भट्ट में बिजली पावर हाउस के बगल वाले तालाब के भीटों से काफी अतिक्रमण हटाया जा चुका है। जबकि इसी के आगे वाले तालाब से अतिक्रमण हटाने में अफसर खामोश है। यहां पर तालाब के नाम पर थोडा हिस्सा बचा है, जबकि ज्यादातर हिस्से में लोगों के कब्जे है। ऐसे ही बेड़ीपुलिया स्थित पुरवा तरौहा मार्ग में संचालित एक निजी कालेज का काफी हिस्सा तालाब के भीटे पर ही बना हुआ है। खास बात यह है कि अक्सर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में जिम्मेदार अफसर पहुंचते है, लेकिन इस अतिक्रमण की तरफ शायद अफसरों की निगाह नहीं गई।


असरदारों के नजदीक जाने को प्रशासन तैयार नहीं

जिले लगभग हर तालाब में अवैध कब्जे है। कहीं कम तो किसी में अधिक है। अभी इसी सप्ताह लोढ़वारा व चकौंध में तालाब के भीटों से प्रशासन ने अतिक्रमण हटवाया है, लेकिन इसमें सिर्फ झुग्गी-झोपडी ही हटी है। लोगों का कहना है कि तालाबों में अतिक्रमण हटाने के नाम पर प्रशासन सिर्फ खानापूरी कर रहा है। क्योंकि असरदारों के कब्जे हटवाने के नजदीक प्रशासन जाने को तैयार नहीं है। जिसकी वजह से तालाबों में लगातार अवैध कब्जे हो रहे है।

विभागीय कर्मचारियों ने करवाए अवैध कब्जे

मुख्यालय कर्वी समेत आसपास की जमीन काफी कीमती है। जिससे राजस्व कर्मचारियों की मिलीभगत से लोग सरकारी जमीनों में अवैध कब्जे कर रहे है। ग्राम सभा की ज्यादातर जमीनों में कब्जे हो चुके है। इसके साथ ही तालाबों की भी ज्यादातर जमीनों में मकान बन गए है। खास बात यह है कि प्रशासन कभी-कभी खानापूरी करने के नाम पर नोटिसें जारी कर देता है। इसके बाद फिर मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है। राजस्वकर्मियों ने खुद के साथ ही अपने नजदीकियों व रिश्तेदारों को सरकारी जमीनों में कब्जे करवाए है।

बोले जिम्मेदार

एसडीएम सदर सौरभ यादव ने बताया तालाब के भीटे में किसी स्कूल के अवैध कब्जे संबंधी शिकायत नहीं आई है। अगर किसी ने शिकायत किया तो जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। वैसे जिन तालाबों में अतिक्रमण संज्ञान में आ रहा है, वहां से अवैध कब्जे हटवाए जा रहे है। अभी हाल ही में कई तालाबों से अवैध कब्जे हटवाए गए है।


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