Chitrakoot: मरीजों को न हो कोई समस्या, वरना खैर नहीं.., निरीक्षण के दौरान DM की सख्त हिदायत

Chitrakoot: दौरान जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर वंदना श्रीवास्तव को निर्देश दिए कि जिला अस्पताल की अच्छी तरह से साफ सफाई हो।

Update: 2024-08-06 08:57 GMT

चित्रकूट में डीएम ने किया जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण (न्यूजट्रैक)

Chitrakoot News: जिलाधिकारी शिवशरणप्पा ने मंगलवार को जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान डीएम ने जिला अस्पताल में आकस्मिक वार्ड ,शल्य क्रिया कक्ष, वीआईपी रूम, वाह्य रोगी विभाग, दवा वितरण कक्ष, हड्डी रोग विशेषज्ञ, एक्स-रे रूम, सीएनसी यू वार्ड, जच्चा बच्चा बार्ड ,रसोई घर, दवा भंडार कक्ष, पुरुष वार्ड ,आयुष्मान भारत कक्ष, सिटी स्कैन कक्ष, पोषण पुनर्वास केंद्र, पीएनसी वार्ड, पैथोलॉजी विभाग, डॉट्स सेंटर, ब्लड बैंक, ओपीडी, पंजीकरण कक्ष का निरीक्षण किया।

इस दौरान जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर वंदना श्रीवास्तव को निर्देश दिए कि जिला अस्पताल की अच्छी तरह से साफ सफाई हो। सीसीटीवी कैमरों का संचालन सही तरीके से कराया जाए तथा प्रतिदिन मरीजों के वार्डों में बेडशीट अवश्य बदली जाए। रसोई घर में जिलाधिकारी ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से भोजन के बारे में जानकारी ली। जिसमें रसोइयों ने बताया कि दो सब्जी, दाल, चावल और रोटी बनाई जा रही है।

इस पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि प्रतिदिन मैन्यू के अनुसार भोजन, नाश्ता और चाय की व्यवस्था की जाती है। पोषण पुनर्वास केंद्र में जो बच्चे भर्ती हैं उनके अभिभावकों व बच्चों के भोजन की भी व्यवस्था रहती है। जिला अस्पताल में निष्प्रोज्य सामग्री पड़ी होने पर जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देश दिए कि तत्काल इसकी नीलामी कराई जाए। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल में सभी दवाइयां उपलब्ध रहे। मरीजों को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी चिकित्सक बाहर की दवाई मरीजों को न लिखें।

जिलाधिकारी ने सीएमएस को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि मरीज का सही तरीके से उपचार कराया जाए। लापरवाही करने वाले डॉक्टरों के बारे में जानकारी दी जाए। जिससे उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके। साथ ही अनावश्यक रूप से मरीज को रेफर न किया जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की ओपीडी के सामने जो प्राइवेट लोग मरीजों के तीमारदारों से बाहर की दवा खरीदने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। प्राइवेट आदमी किसी भी प्रकार से डॉक्टर के साथ काम करता न पाया जाए। ऐसे लोगों को चिन्हित कर कठोर कार्रवाई की जाए। 

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