Chitrakoot News : आठ बड़ी चोरियों का खुलासा करने में अब तक पुलिस नाकाम

Chitrakoot News : जिले में एक साल के भीतर हुई आठ बड़ी चोरियां पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है। जिनका अभी तक पुलिस खुलासा नहीं कर पाई है। इन चोरियों में शातिरों ने घरों के ताले तोड़कर लाखों के कीमती आभूषण के साथ ही नकदी पार किए है।

Update: 2024-07-27 15:42 GMT

Chitrakoot News : जिले में एक साल के भीतर हुई आठ बड़ी चोरियां पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है। जिनका अभी तक पुलिस खुलासा नहीं कर पाई है। इन चोरियों में शातिरों ने घरों के ताले तोड़कर लाखों के कीमती आभूषण के साथ ही नकदी पार किए है। चोरियों का खुलासा करने के लिए पुलिस के पास महज सर्बिलांस सेल ही सहारा बना है।

कर्वी कोतवाली क्षेत्र में सर्वाधिक पांच बड़ी चोरियां हुई हैं। जिनमें दो चोरियां सीतापुर-बेडीपुलिया के बीच की शामिल हैं। जिनमें दिवंगत कथावाचक के घर से करीब 22 लाख के जेवरात एवं वहीं पर एक ठेकेदार के मकान से भी लाखों के जेवरात शातिरों ने पार किए थे। जबकि एक अन्य चोरी बेडीपुलिया के पास भी हो चुकी है। इसी तरह मुख्यालय कर्वी के रेलवे स्टेशन के सामने पिछले सप्ताह दिनदहाड़े शिक्षिका के घर से नकदी के अलावा करीब 20 लाख के जेवरात चोरी हुए है। बहिल पुरवा थाना क्षेत्र के ऐचवारा निवासी भइयाराम के गौतम के मकान में भी दिनदहाड़े 13 लाख की चोरी हुई थी।

इसके अलावा शिवरामपुर चौकी क्षेत्र के कल्ला, भरतकूप थाना क्षेत्र के भारतपुर तरांव व बरगढ़ कस्बे में एक जैन परिवार के यहां चोरी हो चुकी है। पुलिस इन सभी चोरियों का अभी तक खुलासा नहीं कर पाई है। खास बात यह है कि पुलिस ने अब तक जिन चोरियों का खुलासा किया है, उनमें सर्विलांस ही सहारा रहा है। इससे स्पष्ट है कि पुलिस के पास केवल सर्विलांस ही एक सहारा बचा है और उसका शहर से लेकर गांव तक फैला मुखबिर तंत्र पूरी तरह फेल हो चुका है। यही वजह है कि जिन चोरियों का खुलासा नहीं हुआ है, उनमें पीड़ितों को हल्का इंचार्ज से लेकर थाना प्रभारी व विशेष टीम सर्बिलांस के जरिए खोजबीन करने की बात कहकर टाल रहे है।

मुखबिरतंत्र से दूरी बनाने के कारण नहीं मिल रही कामयाबी

अभी कुछ साल पहले तक पुलिस ने पाठा के बीहड़ से दुर्दांतों का सफाया करने के लिए सर्बिलांस के साथ ही सर्वाधिक मुखबिरतंत्र का ही सहारा लिया है। मुखबिरों के जरिए ही दस्यु गिरोहों की जानकारी पुलिस को मिलती रही है। लगभग हर गांव और मजरों में पुलिस ने मुखबिर तैयार किए थे। लेकिन दस्यु गिरोहों का खात्मा होने के बाद शायद पुलिस ने मुखबिरतंत्र से दूरी ही बना ली है। यही वजह है कि अब घटनाओं का खुलासा करने के लिए पुलिस सिर्फ सर्बिलांस पर ही निर्भर होकर रह गई है।

बोले जिम्मेदार-

एसपी अरुण कुमार सिंह ने कहा कि संबंधित थाना प्रभारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि चोरियों का जल्द खुलासा किया जाए। घटनाओं का खुलासा करने व अपराधियों पर नजर रखने के लिए मुखबिर तंत्र को मजबूत करें। इसके साथ ही अपने-अपने क्षेत्र में नियमित तौर पर गश्त किया जाए। अगर जल्द ही चोरियों का खुलासा नहीं हुआ तो वीट प्रभारी से लेकर थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई होगी।

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