Chitrakoot News: धर्मनगरी में अमावस्या मेला के दौरान कम रही भीड़, प्रशासन रहा मुस्तैद
Chitrakoot News: भगवान राम की तपोभूमि धर्मनगरी चित्रकूट में अमावस्या मेला के दौरान इस बार भीड़ कम नजर आई। जबकि हर बार एक दिन पहले से ही धर्मनगरी में श्रद्धालुओं के जत्थे नजर आने लगते रहे है।
Chitrakoot News: भगवान राम की तपोभूमि धर्मनगरी चित्रकूट में अमावस्या मेला के दौरान इस बार भीड़ कम नजर आई। जबकि हर बार एक दिन पहले से ही धर्मनगरी में श्रद्धालुओं के जत्थे नजर आने लगते रहे है। मठ-मंदिरों से लेकर होटल, लॉज व धर्मशालाओं में ठहरने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ दिखने लगती थी। लेकिन मौजूदा समय पर किसान रबी की बुवाई व धान की कटाई-मडाई में जुटे हुए है।
इसके साथ ही पिछले कई दिनों से तापमान में गिरावट से सर्दी भी बढ़ी है। फलस्वरूप इस बार अमावस्या मेला में श्रद्धालुओं की भीड़ कम रही। धर्मनगरी पहुंचे श्रद्धालुओं ने रामघाट में मंदाकिनी स्नान कर राजाधिराज मत्तगयेन्द्रनाथ मंदिर में जलाभिषेक किया। इसके बाद भगवान राम के जयकारे लगाते हुए कामदनाथ मंदिर पहुंचकर दर्शन किया और परिक्रमा लगाई। मंगलवार को सुबह नौ बजे तक धर्मनगरी में श्रद्धालुओं की भीड़ बहुत ही कम थी। लेकिन धूप निकलने पर दोपहर में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ गई। जिससे कामदनाथ प्रमुख द्वार में दर्शन के दौरान श्रद्धालुओं को कुछ दिक्कतें आई।
वहीं दूसरी ओर यूपी-एमपी प्रशासन ने मेला को लेकर जोनल, सेक्टर मजिस्ट्रेट के अलावा पुलिस अधिकारी मुस्तैदी के साथ डटे रहे। मेला दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर खुफियातंत्र पूरी तरह सक्रिय रहा। मुख्यालय कर्वी से लेकर मेला क्षेत्र में टीमें लगातार भ्रमण करती रही। मंगलवार को एएसपी चक्रपाणि त्रिपाठी के पर्यवेक्षण में डॉग स्क्वॉयड एवं एलआईयू की संयुक्त टीम ने रामघाट सीतापुर, परिक्रमा मार्ग, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड आदि स्थलों पर संदिग्ध वस्तुओं और व्यक्तियों की सघन चेकिंग किया। टीमों ने मुसाफिरों व श्रद्धालुओं के खासतौर पर बैग चेक किए।
रोक के बावजूद परिक्रमा मार्ग में घूमते दिखे गोवंश
जिला प्रशासन हर बार अमावस्या मेला दौरान परिक्रमा मार्ग में अतिक्रमण व गोवंश घूमने को लेकर सख्त निर्देश जारी करता रहा है। लेकिन इस बार परिक्रमा मार्ग में तैनात कर्मचारियों की लापरवाही से गोवंश परिक्रमा मार्ग में घूमते रहे। परिक्रमा मार्ग में रहने वाले लोग अपने पालतू गोवंशों को दूध निकालने के बाद रोजाना सुबह छोंड देते है, जिससे यह गोवंश परिक्रमा मार्ग में घूमते रहते है। अमावस्या मेला के दौरान इन गोवंशों की वजह से श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।