Chitrakoot News: जनजातीय गौरव दिवस का हुआ आयोजन, देश की सुरक्षा में जनजाति के लोगों का हमेशा रहा सराहनीय योगदान
Chitrakoot News: गनीवां कृषि विज्ञान केन्द्र प्रमुख ने कहा कि भारत का जनजाति समाज अपनी आध्यात्मिक परंपराओं विशिष्ट संस्कृति और श्रेष्ठ जीवन मूल्यों के साथ भारतीय सभ्यता और संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है।
Chitrakoot News: कृषि विज्ञान केंद्र गनीवां व जन शिक्षण संस्थान ने जनजातीय गौरव दिवस एवं विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम का आयोजन गांव गोपीपुर में हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ दीनदयाल शोध संस्थान के राष्ट्रीय संगठन सचिव अभय महाजन, बांदा कमिश्नर बालकृष्ण त्रिपाठी, डीआईजी विपिन मिश्रा, सीडीओ अमृतपाल कौर, मानिकपुर एसडीएम रामजन्म यादव, प्रधान श्यामलाल कोल, कृषि विज्ञान केंद्र प्रमुख डा चंद्रमणि त्रिपाठी, जन शिक्षण संस्थान निदेशक अनिल सिंह ने वीर बिरसा मुंडा की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर किया।
गनीवां कृषि विज्ञान केन्द्र प्रमुख ने कहा कि भारत का जनजाति समाज अपनी आध्यात्मिक परंपराओं विशिष्ट संस्कृति और श्रेष्ठ जीवन मूल्यों के साथ भारतीय सभ्यता और संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है। जब जब देश की सुरक्षा पर संकट आया जनजाति समाज ने अपने त्याग और बलिदान से राष्ट्र की रक्षा में अपना संपूर्ण योगदान दिया है। भारत संकल्प यात्रा में किसानों को जल एवं वन संरक्षण के लिए शिक्षित करना है।
वैज्ञानिक उत्तम त्रिपाठी ने कहा कि जनजाति समाज के द्वारा किए गए योगदान संघर्ष और बलिदान के स्मरण के लिए भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिवस को जनजाति गौरव दिवस के रूप में हम सभी मना रहे हैं। जन शिक्षण संस्थान निदेशक ने कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय की विभिन्न रोजगार परख प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जानकारी देकर स्वावलंबी बनने पर जोर दियाद्य। सीडीओ ने कहा कि सबकी ऊर्जा, उत्साह उत्तम है। संकल्प ले कि नशे से दूर रहें।
डीआईजी ने कहा कि यहा के वनवासी सदैव स्वभिमान पूर्वक अपना जीवन निर्वाह करने के लिए प्रयत्नशील रहे हैं। कमिश्नर ने कहा कि भारतरत्न नाना जी देशमुख की सोच कितनी दूरदर्शी थी कि वह कहते थे कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम मानव समाज के लिए संकल्प है। सीडीओ से कहा कि ग्राम आबादियों में कैम्प लगाकर शासन की सभी योजनाओं लाभ दिलाएं।
राष्ट्रीय संगठन सचिव ने कहा कि जनजातीय नायकों को और उनके योगदान को याद करने के लिए यह दिन बेहद खास है। इस मौके पर गृह वैज्ञानिक ममता त्रिपाठी, पुष्पेंद्र सिंह, डा मनोज शर्मा, सतीश पाठक, प्रभाकर मिश्रा, अंकुर त्रिपाठी, सुरेश यादव, गणेश पटेल आदि मौजूद रहे।