Chitrakoot News: बसुधैव कुटुंबकम के भाव से चल रहा भारत, पांच हजार साल पुरानी संस्कृति आज भी जीवित: जगदीप धनखड़

Chitrakoot News: उपराष्ट्रपति ने गोष्ठी का शुभारंभ करते हुए कहा कि ऋषि परंपरा का सिद्धांत है। ऋषि परंपरा की वजह से ही हमारा भारत जल, स्थल, वायु और अंतरिक्ष में निरंतर आगे बढ़ रहा है। वसुधैव कुटुंबकम के भाव से भारत चल रहा है।

Update:2024-09-07 22:13 IST

Vice President Jagdeep Dhankhar (Pic: Newstrack)

Chitrakoot News: जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय में ऋषि पंचमी पर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ करने के लिए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शनिवार अपरान्ह करीब पौने चार बजे पहुंचे। उन्होंने आधुनिक जीवन में ऋषि परंपरा विषय पर आयोजित गोष्ठी का शुभारंभ करते हुए कहा कि ऋषि परंपरा के कारण ही पूरे विश्व में भारत का लोहा माना है। भारत ने कभी दूसरे की जमीन लेने का प्रयास नहीं किया। भारत जैसी सांस्कृतिक विरासत दुनिया के किसी देश के पास नहीं है, यह हमारे जीवन का आधार होगा।

तीन दिवसीय गोष्ठी का आयोजन जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय के अष्टावक्र सभागार में हो रहा है। इस गोष्ठी का आयोजन दिव्यांग विश्वविद्यालय व केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय दिल्ली संयुक्त रुप से कर रहे है। उपराष्ट्रपति हेलीकाप्टर से पत्नी डा स्वदेश धनखड़ के साथ आरोग्यधाम परिसर स्थित हेलीपैड़ पर उतरे। यहां पर यूपी-एमपी के जनप्रतिनिधियो व अधिकारियो ने गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया। उपराष्ट्रपति ने गोष्ठी का शुभारंभ करते हुए कहा कि ऋषि परंपरा का सिद्धांत है। ऋषि परंपरा की वजह से ही हमारा भारत जल, स्थल, वायु और अंतरिक्ष में निरंतर आगे बढ़ रहा है। वसुधैव कुटुंबकम के भाव से भारत चल रहा है। भारत में किसी भी संकट के समाधान का यह एक ही रास्ता है। लोग राजनैतिक स्वार्थ के लिए राष्ट्र धर्म को नहीं मानते हैं। ऋषियों के मुख से जो वाणी निकल गई, वह हमेशा रहेगी।

उन्होंने कहा कि भारत में पांच हजार साल की संस्कृति आज भी जीवित है। उपराष्ट्रपति ने जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज से कहा कि आज उनकी उपस्थिति में यह है ऋषि परंपरा कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ है। जगद्गुरु भी एक ऋषि हैं। उनका भी जीवन ऋषि जीवन पर ही समर्पण हो रहा है। वह उनको दिव्यांग नहीं मान रहे हैं। वह दृष्टिहीन कैसे हो सकते हैं, जिन्होंने भगवान श्रीराम की तपोस्थली चित्रकूट में इतना बड़ा दिव्यांग विश्वविद्यालय खोलकर दिव्यांगों की सेवा कर रहे हैं। भगवान से कामना किया कि जगद्गुरु सतायु हो, स्वस्थ और चिरायु रहें। उन्होंने कहा कि आज वह पत्नी स्वदेश धनखड़ के साथ यहां पर जगद़्गुरु को दिल्ली स्थित अपने भवन पर आने के लिए आमंत्रण देने आए है। वह चाहते हैं कि जगद्गुरु कुछ दिन उनके भवन पर भी रुकें और शोभा बढ़ाते हुए उनको सेवा का अवसर दें। इसके साथ ही उन्होंने पत्नी के साथ जगद्गुरु से आशीर्वाद लिया। इस दौरान जगद्गुरु ने उपराष्ट्रपति को सम्मानित किया। जगद्गुरु ने उनका आमंत्रण स्वीकार करते हुए वादा किया कि जब भी वह दिल्ली आएंगे, उनके भवन जरुर पहुंचेंगे और एक रात अवश्य विश्राम करेंगे।


जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि उपराष्ट्रपति का यहां आगमन उनके लिए सौभाग्य है। भारत दुनिया की पांचवी अर्थ अर्थव्यवस्था बन चुका है। भारत ने चीन को भी पीछे छोड़ दिया है। कहा कि उन्होंने किसी से विश्वविद्यालय बनाने में पैसा नहीं लिया। बल्कि रामकथा के पैसे से इस विश्वविद्यालय को बनाया और 23 वर्ष से चला रहे है। कुछ लोगों ने जब विरोध किया तो उन्होंने मुस्कराते हुए विश्वविद्यालय सरकार को दे दिया। कहा कि वह जब तक रहेंगे, आखिरी सांस तक दिव्यांगों की सेवा करते रहेंगे। इस दौरान यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी, जिले के प्रभारी मंत्री नरेंद्र कश्यप, मंत्री अनिल राजभर, एमपी की राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी, एडीजी प्रयागराज जोन भानु भास्कर, कमिश्नर चित्रकूट मंडल बालकृष्ण त्रिपाठी, डीआईजी अजय कुमार सिंह, डीएम शिवशरणप्पा जीएन, एसपी अरुण कुमार सिंह, सीडीओ अमृतपाल कौर, पूर्व सांसद आरके सिंह पटेल, पालिकाध्यक्ष नरेंद्र गुप्ता, भाजपा जिलाध्यक्ष लवकुश चतुर्वेदी, सहकारी बैक अध्यक्ष पंकज अग्रवाल, महामंत्री आलोक पांडेय, पद्मश्री जल योद्धा उमाशंकर पांडेय, एडीएम वित्त एवं राजस्व उमेशचंद्र निगम, एएसपी चक्रपाणि त्रिपाठी, सीएमओ डा भूपेश द्विवेदी, डीएफओ नरेंद्र कुमार सिंह आदि मौजूद रहे।


उपराष्ट्रपति ने बुआ जी की प्रतिमा का किया अनावरण

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो शिशिर कुमार पांडेय व तुलसीपीठ के उत्तराधिकारी आचार्य रामचंद्र दास महराज ने अतिथियों का स्वागत किया। उत्तराधिकारी ने कहा कि आज देश-दुनिया आशा भरी रूप में देख रही है। बहुत लोग सरकार से सहयोग मांगते हैं, लेकिन गुरुदेव ने सरकार को सहयोग दिया है। इसके पहले उपराष्ट्रपति व उनकी पत्नी ने चंदन व रुद्राक्ष के पौधे का रोपण किया। इसके साथ ही जगद्गुरु की बहन रही डॉ कुमारी गीता देवी मिश्रा की प्रतिमा का अनावरण किया। जगद्गुरु ने उपराष्ट्रपति व उनकी पत्नी को रामायण, तुलसी विवाह, अंग वस्त्र भेंट किया।

कामदगिरि की छटा निहारी और हाथ जोड़कर कामदनाथ को किया प्रणाम

आरोग्यधाम से निकलते ही कार के जानकीकुंड रघुवीर मंदिर के पास पहुंचते ही उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड ने धर्मपत्नी डा सुदेश धनखड को कामदनाथ द्वितीय प्रमुख द्वार की ओर इशारा करके एक नजर में ही कामनाओ की पूर्ति करने वाले भगवान को प्रणाम किया। इसके बाद उपराष्ट्रपति का काफिला के रामघाट में पहुंचने पर यहां विराजमान क्षेत्र के लोकपाल महाराजाधिराज मत्यगयेन्द्रनाथ को भी उन्होने दोनो हांथ जोडकर प्रणाम किया। इस दौरान आरोग्यधाम से लेकर दिव्यांग राज्य विवि तक चप्पे में सुरक्षा के लिए भारी पुलिस बल तैनात रहा।


पुष्प अर्पित कर नाना जी देशमुख किया नमन, प्रदर्शनी का अवलोकन

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का आरोग्यधाम स्थित हेलीपैड पर उतरने के बाद डीआरआई के प्रधान सचिव अतुल जैन, राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी, सतना महापौर योगेश ताम्रकार ने गुलदस्ता भेंटकर अभिनन्दन किया। उपराष्ट्रपति ने आरोग्यधाम परिसर में स्थित नानाजी देशमुख की प्रतिमा में पुष्प अर्पित का उनको नमन किया। 

सुबह से ही पुलिस टीमों ने जगह-जगह चलाया चेकिंग अभियान

उपराष्ट्रपति के आगमन से पहले ही यूपी-एमपी प्रशासन ने सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम कर लिए थे। प्रशासन ने बेड़ीपुलिया तिराहे से ही बैरियर लगाकर आने-जाने वालों की चेकिंग शुरु कर दी थी। यूपी-एमपी प्रशासन ने उनके आने से पहले अपने-अपने क्षेत्र में संचालित होटलों व धर्मशालाओं में चेकिंग अभियान चलाया। संचालकों को निर्देश दिए गए कि बिना पहचान पत्र के किसी को न रोका जाए। इसके साथ ही कार्यक्रम स्थल से लेकर हर जगह निगरानी के लिए एलआईयू, डॉग स्क्वायड टीमें छानबीन में जुटी रही।

सुरक्षा का रहा सख्त पहरा, जगह-जगह तैनात रहे मजिस्ट्रेट

यूपी प्रशासन ने अपनी सीमा से लेकर कार्यक्रम स्थल विश्वविद्यालय समेत पूरे क्षेत्र को तीन जोन व नौ सेक्टरों में बांटकर सुरक्षा का कड़ा पहरा लगाया था। जिसमें तीन एसपी, पांच एएसपी, 18 सीओ, 75 इंस्पेक्टर, 201 सब इंस्पेक्टर, 12 महिला सब इंस्पेक्टर, 710 हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल, तीन कंपनी पीएससी लगा रहा। सभी पुलिस अधिकारी, जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने आपस में समन्वय स्थापित बनाते हुए कार्यक्रम को सफल बनाया।

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