Court News: दहेज के लिए कर दी पत्नी की हत्या, पति को 8 वर्ष की सजा

Chitrakoot News: दहेज हत्या के मामले में दोष सिद्ध होने पर त्वरित न्यायालय ने मृतका के पति को 8 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 8 हजार रूपए के अर्थदण्ड से भी दण्डित किया है।

Update: 2024-06-26 14:41 GMT

Symbolic Image (Pic: Social Media)

Chitrakoot News: कोरोना काल के दौरान दहेज हत्या के मामले में दोष सिद्ध होने पर त्वरित न्यायालय ने मृतका के पति को 8 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 8 हजार रूपए के अर्थदण्ड से भी दण्डित किया है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गोपाल दास ने बताया कि दहेज हत्या के मामले की रिपोर्ट सरधुवा थाने में रैपुरा थाना क्षेत्र के गढवारा गांव के निवासी पुरूषोत्तम ने बीती 5 सितम्बर 2020 को दर्ज करवायी थी। शिकायतकर्ता के अनुसार उसने अपनी बेटी सविता की शादी सरधुवा निवासी अखिलेश के साथ 6 साल पूर्व की थी। शादी में हैसियत के अनुसार दान दहेज देने के बावजूद बेटी के ससुराल वाले खुश नहीं थे और 50 हजार रूपए की मांग कर रहे थे।

कुंए में फेक दिया शव

बेटी द्वारा इस चीज की जानकारी दिए जाने पर उसने पैसा न होने के चलते असमर्थता जाहिर कर दी थी। दहेज के लिए उसकी बेटी के साथ ससुरालीजन अक्सर मारपीट करते थे। इसकी शिकायत भी उसने थाने में की थी। जिसके बाद पुलिस ने सुलह करा दिया था। इसके बावजूद ससुरालीजनों के आचरण में कोई सुधार नहीं हुआ और बीती 27 मार्च 2020 की रात उसकी बेटी के साथ मारपीट की गयी और मृत्यु होने के बाद घटना छिपाने के उद्देश्य से घर के पास सुखे कुएं में फेंक दिया गया। सबेरे गांव के लोगों द्वारा इसकी सूचना मिलने पर पुलिस की मौजूदगी में सूखे कुएं से बाहर निकाला गया।

कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ था मुकदमा

मृतका के पिता ने बताया कि घटना के समय वह मध्य प्रदेश के जबलपुर में मजदूरी करने गया था। मोबाइल पर सूचना मिलने के बाद उसने तत्काल यहां आने का प्रयास किया, किन्तु वैश्विक बीमारी कोरोना के कारण लगे लाकडाउन में वाहन नहीं चल रहे थे। इसके चलते वह सूचना के लगभग 20 दिन बाद पैदल अपने घर पहुंचा था। थाने जाने पर पुलिस ने रिपोर्ट नहीं लिखी इसके चलते उसने न्यायालय में धारा 156(3) के तहत प्रार्थना पत्र दिया था। जिसे चित्रकूट के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा स्वीकार करते हुए रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश बीती 30 जुलाई 2020 को दिए गए थे।

जिसके आधार पर पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज की थी और मामले के मुख्य आरोपी अखिलेश को गिरफ्तार किया था। साथ ही न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था। बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद त्वरित न्यायालय के अपर जिला जज नीरज कुमार श्रीवास्तव ने बुधवार को निर्णय सुनाया। जिसमें दोष सिद्ध होने पर आरोपी मृतका के पति अखिलेश को 8 वर्ष सश्रम कारावास के साथ 8 हजार रूपए अर्थदण्ड के लिए दण्डित किया गया।

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