BSP का बेटी पेश करो नारा पहुंचा कोर्ट, थाने से तलब की गई रिपोर्ट

Update: 2016-07-23 14:28 GMT

लखनऊ: बसपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के दौरान बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह की पत्नी और बेटी के खिलाफ आपत्तिजनक नारा लगाने का मामला अब कोर्ट पहुंच गया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संध्या श्रीवास्तव ने बसपा के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी, राष्ट्रीय सचिव मेवालाल और रामअचल राजभर सहित एक हजार बसपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए शनिवार को अदालत में दाखिल एक अर्जी पर हजरतगंज थाने से 28 जुलाई को रिपोर्ट तलब की है।

स्थानीय वकील ने दी अर्जी

यह अर्जी एक स्थानीय वकील सुनीता तिवारी ने दाखिल की है। अर्जी में इन सभी के खिलाफ हजरतगंज चौराहे पर जमा होकर माइक पर अमानवीय शब्दों का प्रयोग करते हुए समाज के विभिन्न वर्गों में शत्रुता फैलाने का आरोप लगाया गया है। साथ ही सार्वजनिक रूप से महिलाओं की लज्जा भंग करने के मामले में भी इन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है।

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मायावती को बनाया विपक्षी पक्षकार

अर्जी में बसपा प्रमुख मायावती को भी विपक्षी पक्षकार बनाया गया है। याची का यह भी आरोप है कि 21 जुलाई को हजरगंज से गुजरते वक्त जब उसने बसपा कार्यकर्ताओं के इस कृत्य का विरोध किया तो उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई। सीजेएम ने इस अर्जी पर थाना हजरतगंज से रिपोर्ट तलब किया है।

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क्या है मामला ?

गौरतलब है कि बीते दिनों बीजेपी के नेता दयाशंकर सिंह ने बसपा सुप्रीमो मायावती के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। इसके बाद बसपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने 21 जुलाई को जगह-जगह प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन के दौरान दयाशंकर सिंह की बेटी और पत्नी के लिए 'पेश करो' के नारे लगे। धीरे-धीरे ये मुद्दा गरमाने लगा। प्रतिक्रिया स्वरूप बीजेपी ने भी राज्य भर में प्रदर्शन किए। उसके बाद आज यह मामला कोर्ट तक पहुंच गया।

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