विवेक तिवारी हत्याकांड का मामला: पुलिस की ओर से दाखिल आरोप-पत्र पर सीजेएम ने लिया संज्ञान
इस मामले में अभियुक्त पुलिसकर्मी प्रंशात के खिलाफ हत्या जबकि संदीप के खिलाफ सिर्फ मारपीट में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। केर्ट ने इन्हीं आरोपों में संज्ञान लेते हुए अभियुक्तों का अभिरक्षा वारंट सही करने व उन्हें आरोप पत्र की नकलें देने का आदेश दिया है। केर्ट ने अभियुक्तों को पांच जनवरी को जेल से तलब करने का आदेश भी दिया है।
लखनऊ: मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आनंद प्रकाश सिंह ने एप्पल के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के मामले में पुलिस की ओर से जाचं के बाद दाखिल आरोप पत्र पर सोमवार को संज्ञान ले लिया।
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इस मामले में अभियुक्त पुलिसकर्मी प्रंशात के खिलाफ हत्या जबकि संदीप के खिलाफ सिर्फ मारपीट में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। केर्ट ने इन्हीं आरोपों में संज्ञान लेते हुए अभियुक्तों का अभिरक्षा वारंट सही करने व उन्हें आरोप पत्र की नकलें देने का आदेश दिया है। केर्ट ने अभियुक्तों को पांच जनवरी को जेल से तलब करने का आदेश भी दिया है।
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संज्ञान के मसले पर मृतक विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी की ओर से भी कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा गया था। अभियुक्त पुलिसकर्मी संदीप कुमार के खिलाफ समान आशय से हत्या करने के आरोप में संज्ञान लेने की लिखित दलील दी गयी थी।
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वहीं अभियोजन की ओर से दाखिल आरोप पत्र पर ही संज्ञान लेने की मांग की गई थी। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस के बाद अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था। अदालत ने पुलिस द्वारा दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए कल्पना तिवारी की अर्जी को निस्तारित कर दिया। पुलिस ने इस मामले में अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर प्रंशात कुमार चौधरी को हत्या (आईपीसी की धारा 302) जबकि संदीप कुमार को मारपीट (आईपीसी की धारा 323) का आरोपी बनाया गया है।