KGMU: जूनियर व सीनियर डॉक्टरों में तकरार ने बढ़ाई मरीजों की समस्या

Update: 2018-02-09 06:34 GMT

लखनऊ: राजधानी के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में अब ट्रॉमा सेंटर जैसा ही हाल हो गया है। विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र अपने गुरुओं के साथ ही तानाशाही रवैया अपना रहे हैं। ताजा मामला केजीएमयू के यूरोलॉजी विभाग का है।

यूरोलॉजी विभाग के जूनियर डॉक्टरों ने अपने 2 वरिष्ठ चिकित्सकों पर ही उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए शिकायत की है। वहीं, आरोपी डॉक्टरों का कहना है कि उन पर गलत इंलजाम लगाया जा रहा है। मामला कुछ और है। जूनियर डॉक्टर गलत रास्ते पर चल रहे हैं।' फिलहाल यह मामला केजीएमयू के कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भट्ट के पास पहुंच चुका है। संबंधित विभागाध्यक्ष की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि गुनाहगार कौन है।

प्रभावित हो रहा इलाज

अब यह मामला सोशल मीडिया पर भी वायरल हो चुका है। इस मामले के गरमाने का असर केजीएमयू के यूरोलॉजी विभाग में मरीजों पर भी पड़ने लगा है। बताया जा रहा है कि विवाद की वजह से मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा है।

क्या है मामला?

दरअसल, केजीएमयू के यूरोलॉजी विभाग में कुछ दिनों से जूनियर व सीनियर डॉक्टरों के बीच तनाव चल रहा है। अपने-अपने मरीज पहले दिखाने को लेकर शुरू हुआ यह विवाद अब उत्पीड़न तक पहुंच गया। जूनियर डॉक्टरों ने दो सीनियर डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अभद्रता से लेकर कई मुद्दों पर रेजिडेंट डॉक्टर खफा हैं।

क्या कहना है सीनियर डॉक्टरों का?

इस विवाद पर दोनों सीनियर डॉक्टरों का कहना है कि शिकायतकर्ता में से 6 रेजीडेंट की मेरे अंडर में कभी ड्यूटी ही नहीं लगी। शिकायत पूरी तरह झूठी है। विभाग के दो रेजीडेंट माहौल खराब कर रहे हैं। उनका काम सिर्फ नेतागिरी करना है। एक जूनियर डॉक्टर को हाल ही में मरीज की केयर न करने पर टोका था, तभी से वह भड़का है। यह आरोप पूरी तरह गलत है।'

ये कहा कुलपति ने

इस मसले पर कुलपति एमएलबी भट्ट ने कहा, 'मामले की जांच संबंधित विभागाध्यक्ष को सौंप दी गई है। जैसे ही वे तथ्य को स्पष्ट करेंगे, दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी केजीएमयू की मर्यादा से खिलवाड़ करने का हक नहीं है।'

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