लखनऊ: यूपी के सत्ताधारी यदुकुल की लडाई का असर अब सरकार पर भी पड़ने लगा है। मुलायम के मुंहलगे पर अखिलेश को फूटी आंख नहीं सुहा रहे गायत्री प्रजापति से अब सीएम की नाराजगी सरकारी कामकाज पर असर ड़ालने लगी है। अखिलेश यादव अब प्रजापति को बिलकुल सह नहीं पा रहे, यही वहज है कि अब वो अपने मुंह से उनका नाम भी नहीं लेना चाहते। पिछले 30 गंतों में सीएम ने गायत्री प्रजापति को तीन बार झटका दिया है।
ये भी पढ़ें ...गायत्री प्रजापति को फिर मंत्री बनाए जाने की याचिका पर राजभवन ने लिया संज्ञान
अखिलेश ने नहीं लिया गायत्री का नाम भी
यूपी के सीएम अखिलेश यादव भले ही सियासी मजबूरी और पिता के दबाव में गायत्री प्रजापति को अपने कैबिनेट में मंत्री बनाए हुए हैं पर अब तो वह उनका नाम भी नहीं लेना चाहते। यशभारती सम्मान में जब अखिलेश यादव बोलने उठे तो उन्होंने मंच पर बैठे रामगोविंद चौधरी और राजेंद्र चौधऱी का नाम लिया पर वहीं बैठे गायत्री प्रजापति का नाम नहीं लिया। इसी समारोह में गायत्री के पैर छूने पर उनकी तरफ से मुंह फेरने की कहानी आम हो चुकी है।
ये भी पढ़ें ...मंत्री गायत्री प्रजापति को वादा याद दिलाने बेलन ले सड़क पर उतरीं औरतें
अखिलेश ने रद्द किया परिवहन विभाग का कार्यक्रम
अखिलेश यादव ने अपने आवास पर परिवहन विभाग के कार्यक्रम को भी रद्द कर दिया। दरअसल, शुक्रवार को अखिलेश यादव के आवास 5, कालीदास मार्ग पर परिवहन विभाग के कुछ शिलान्यास और बसों की रवानगी होनी थी पर ऐन पहले सीएम ने उस कार्यक्रम को रद्द कर दिया। बाकयदा उसका प्रेस नोट भी जारी करा दिया।
क्या हो सकती है वजह
दरअसल, गायत्री प्रजापति को ही सीएम अखिलेश इस झगड़े की वजह मानते हैं। वो मंच से भी कह चुके हैं कि मैंने नेताजी को कहा था कि 'गायत्री मेरी सुनता कहां है।' ऐसे में सीएम सिर्फ गायत्री को कैबिनेट में इसलिए रखे हैं कि गायत्री मुलायम के बेहद खास हैं। ऐसे में गायत्री को मंत्रिमंडल में रखने के बाद भी उनके खिलाफ नाराजगी जाहिर करने का वह कोई भी मौका नहीं चूकना चाहते हैं।