CM Yogi Birthday Cake: यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ का जन्मदिन, 5,100 किलो और 14 फुट उंचा बनेगा केक
CM Yogi Birthday Cake: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्म दिन धूमधाम से मनाए जाने की तैयारियां की जा रही है। लखनऊ से लेकर गोरखपुर तक उनके समर्थकों में अभी से उत्साह देखने को मिल रहा है।;
CM Yogi Birthday Cake: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्म दिन धूमधाम से मनाए जाने की तैयारियां की जा रही है। लखनऊ से लेकर गोरखपुर तक उनके समर्थकों में अभी से उत्साह देखने को मिल रहा है। पांच जून को अजय कुमार बिष्ट उर्फ योगी आदित्यनाथ के जन्म दिन पर 5100 किलो का केक बनाने की तैयारी की जा रही है। वहीं 14 फुट उंचे और 12 फुट व्यास का केक भी बनाया जाएगा। अयोध्या के रामकथा पार्क में यह केक तैयार किया जा रहा है। इस दौरान पांच लाख लोग हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हाल ही में विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा को सत्ता दिलाने में बडी भूमिका निभाई। जिसे देखते हुए उनके जन्म दिन को इस बार और भी धूमधाम से मनाने की तैयारी की जा रही है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उत्तराखण्ड में जन्म हुआ था। बहुत कम लोग जानते होंगे कि योगी आदित्यनाथ का मूल नाम अजय सिंह बिष्ट है। उनके पिता आनन्द सिंह बिष्ट ने जब अपने बेटे का नाम अजय सिंह बिष्ट (योगी आदित्यनाथ) रखा तो पूरे गांव को शुद्व देशी घी का हलवा खिलाया था। आनन्द सिंह बिष्ट के सात बच्चों में तीन बड़ी बहनों व एक बड़े भाई के बाद योगी आदित्यनाथ पांचवी संतान है। योगी के दो छोटे भाई और भी हैं।
प्रारम्भिक शिक्षा स्थानीय स्कूल में करने के बाद अजय सिंह बिष्ट ने 1987 में हाईस्कूल की परीक्षा पास की। इसके बाद उन्होंने ऋषिकेश से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की फिर जब वह डिग्री कालेज में आए तो यहां आकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड गए। इस बीच अयोध्या आंदोलन शुरू हो गया तो वह इस आंदोलन में बढचढकर भाग लेने लगे। उत्तराखण्ड क्षेत्र के श्रीनगर स्थित हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से अजय सिंह बिष्ट ने गणित में बीएससी पूरा किया।
पढाई के प्रति बेहद लगनशील अजय सिंह बिष्ट नें गणित में एमएससी की पढ़ाई की। इस दौरान जब गुरु गोरखनाथ पर शोध करने के लिए वह गोरखधाम आए तो यहां अपने रिश्तेदार और सांसद महंत अवैद्यनाथ के संरक्षण में रहने लगे। इस दौरान उनको घर परिवार से वैराग्य हो गया। इसके बाद महंत अवैद्यनाथ से दीक्षा लेकर पूरी तरह से सांसरिक जीवन से मोह खत्म कर गोरखधाम पीठ से जुड गए।
इस राजनीति गतिविधियों में वह लगातार हिस्सा लेते रहे। 1998 में आदित्यनाथ गोरखपुर से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े। जब वह लोकसभा का यह चुनाव जीते तो उस समय उनकी उम्र केवल 26 साल की थी। यह चुनाव उन्होंने महंत अवैद्यनाथ के सीट छोडने के कारण लड़ा था। वे बारहवीं लोक सभा (1998-99) के सबसे युवा सांसद थे। इसके बाद इसी सीट से 1999 में वह गोरखपुर से फिर से सांसद चुने गए।
केन्द्र में अटल विहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान ही उन्होंने 2004 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए जमकर खून पसीना बहाया और खुद भी तीसरी बार गोरखपुर से लोकसभा का चुनाव जीता। इसके बाद सांसद आदित्यनाथ के हिन्दुत्ववादी पहचान और बढने लगी। 2009 में वह एक बार फिर 2 लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर लोकसभा पहुंचे।
2014 में पांचवी बार दो लाख से ज्यादा वोटों से लोकसभा का चुनाव जीते। फिर जब नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2014 में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला। 2017 में हुए विधान सभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची में थें और इस दौरान उन्होंने अंधाधुध चुनावी सभाएं की। भाजपा को पूरे प्रदेश में अकेले 312 सीटें मिली। इसके बाद 19 मार्च 2017 को योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया।