UP News: मुख्यमंत्री ने की भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा, दिये आवश्यक दिशा निर्देश
UP News: उन्होंने कहा कि एनजीटी के आदेशों का अनुपालन करते हुए प्रदेश की नदियों का समय पर ड्रेजिंग कराने का कार्य हर हाल में पूर्ण कराया जाए।
UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को मुख्य सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त, अपर मुख्य सचिव वन, प्रमुख सचिव खनन सहित अन्य अधिकारियों के साथ भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के कार्यों की उच्चस्तरीय समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एनजीटी के आदेशों का अनुपालन करते हुए प्रदेश की नदियों का समय पर ड्रेजिंग कराने का कार्य हर हाल में पूर्ण कराया जाए। इससे बाढ़ की समस्या के समाधान होने के साथ ही नदियों को चैनलाइज करने में भी मदद मिलेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री ने खनन और सिंचाई विभाग को मिलकर विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये।
Also Read
एम सैंड को प्रोत्साहित करने के निर्देश
उन्होंने खनन के नये ब्लॉकों को चिह्नित करते हुए खनिज उत्पादन बढ़ाने के भी निर्देश दिये। ईंट भट्टों के लिए उपजाऊ जमीन से मीट्टी लेने के बजाय कोई अन्य विकल्प चुना जाए। मुख्यमंत्री ने एम सैंड को प्रोत्साहित करने के निर्देश देते हुए कहा कि इससे नदी तंत्र की परिस्थितिकी को संरक्षित करने में मदद मिलेगी।
अवैध खनन पर हर हाल में लगाएं अंकुश-सीएम योगी
उन्होंने उन्होंने पर्यावरणीय एनओसी को सीघ्र प्रदान करने के निर्देश दिए। अवैध खनन पर हर हाल में अंकुश लगाए जाएं। इंटीग्रेटेड माइनिंग सर्विलांस सिस्टम को और प्रभावी बनान। प्रदेश के विभिन्न सीमावर्ती जनपदों में कार्यरत 39 चेकगेट्स पर तकनीकी का उपयोग करते हुए बालू, मोरम, बोल्डर सहित अन्य खनिजों की माल ढुलाई के दौरान विशेष निगरानी बरतने। ओवरलोडिंग को रोकने। चेकगेट्स की संख्या भी बढ़ाने और अधिकारियों को बाजार के मूल्य के अनुसार खनिजों का मूल्य निर्धारित करने के लिए निर्देशित किया।
बालू, मोरंग का विकल्प तलाशने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने नदियों के रेप्लेनिशमेंट स्टडी में लगने वाले समय को कम करने का निर्देश दिया। एम सैंड के उत्पादन को बढ़ाए जाने को कहा, जिससे नदियों के पारिस्थितिकी पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव को कम किया जा सके। भविष्य में बालू, मोरंग का विकल्प उपलब्ध कराने पर भी जोर दिया, जिससे भविष्य में विकास कार्यों को गति प्रदान किया जा सके। प्रदेश में अधिकाधिक नये भंडारण को स्वीकृत प्रदान करने के लिए इसकी प्रक्रिया के सरल बनाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही अलग-अलग उपखनिजों के लिए भंडारण की अवधि को निर्धारित करने के लिए भी कहा।
अधिकारियों दिया ब्योरा
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेश में फॉस्फोराइट, पोटाश, आयरन, प्लैटिनम समूह, स्वर्णधातु, सिलीमेनाईट, ऐडालुसाइट और लाइमस्टोन के 19 ब्लॉक ऑक्शन के लिए तैयार हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 6762 लाख क्यूबिक मीटर उपखनिजों का उत्पादन प्रदेश में हुआ है, जिससे 3367.26 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में 95.6 प्रतिशत राजस्व प्राप्त हुआ, जो यानी 1093.6 करोड़ रुपए है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की पहली तिमाही की तुलना में 356.6 करोड़ रुपए से अधिक है। प्रदेश के खनिज राजस्व में उपखनिजों का योगदान 70 प्रतिशत है। इसमें साधारण बालू, मॉरम, गिट्टी, बोल्डर उपखिनज संसाधनों का लगभग 91 प्रतिशत योगदान है।