यूपी सरकार ने 38 जिलों में छेड़ा दिमागी बुखार के खिलाफ अभियान, लिया ये संकल्प

पिछले साल एक्यूट इन्फेटिलाइटिस सिंड्रोम और जापानी इन्फेटिलाइटिस के कुल 4724 मामले सामने आये जिसमे 654 की मृत्यु हो गई। पूरे देश में इस बीमारी से होने वाली मौतों में 80 फीसदी से ज्यादा मौतें सिर्फ पूर्वी उत्तर प्रदेश में होती हैं। इनमें भी मुख्यमंत्री का गृह जिला गोरखपुर सबसे ज्यादा चपेट में रहता है। दिमागी बुखार से मरने ज्यादातर मरीज 15 साल

Update: 2018-02-05 11:09 GMT

लखनऊ: पिछले साल एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम और जापानी इंसेफेलाइटिस के कुल 4724 मामले सामने आये जिसमे 654 की मृत्यु हो गई। पूरे देश में इस बीमारी से होने वाली मौतों में 80 फीसदी से ज्यादा मौतें सिर्फ पूर्वी उत्तर प्रदेश में होती हैं। इनमें भी मुख्यमंत्री का गृह जिला गोरखपुर सबसे ज्यादा चपेट में रहता है। दिमागी बुखार से मरने ज्यादातर मरीज 15 साल या इससे भी कम आयु के मासूम बच्चे हैं। इसलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिमागी बुखार की इस बिमारी को जड़ से खत्म करने का बीड़ा उठाया है, जिसकी शुरुआत सोमवार को दस्तक नामक मेगा जागरूकता प्रोग्राम की से की गई।

यह है दस्तक कैम्पेन

-यूनिसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन और प्रदेश सरकार के संयुक्त तत्वाधान में दस्तक प्रोग्राम चलाया जाएगा। जिसमे प्रदेश के 38 जिलों में घर घर जाकर दिमागी बुखार से बचाव, लक्षण और उपचार के बारे में लोगों को जागरूक किया जायेगा। - इसमें अखबार, पोर्टल, टीवी और रेडिओ विज्ञापन के माध्यम से, ग्राम पंचायत, ब्लॉक और जिला पंचायतों के माध्यम से सामूहिक मोबिलाइजेशन किया जाएगा।

- स्वास्थ्य कर्मी घर घर सम्पर्क करेंगे और उचित जानकारी देंगे। स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित होंगे और परिवारों को जोड़ा जायेगा।

- प्रचार सामग्री बनती जायेगी और लोगों को साफ़ सफाई, शौचालय का उपयोग करने, काम उम्र के बच्चों को पुष्टाहार देने की जानकारी दी जाएगी ताकि दिमागी बुखार को फैलने से रोका जा सके।

स्वास्थ्य विभाग बना नोडल एजेंसी

दस्तक नामक इस मेगा कैम्पेन में यूनिसेफ, डब्लूएचओ के साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय, नगर विकास मंत्रालय के अधिकारी शामिल किये गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय इसकी नोडल एजेन्सी है और यह सभी विभागों को कोर्डिनेट करने का काम करेगा। जहां जिस विभाग की आवश्यकता होगी वहां तुरंत वह विभाग कार्य करेगा और उसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्रालय के माध्यम से मुख्यमंत्री तक पहुंचाई जाएगी। यह अभियान बच्चों में वैक्सीनेशन से लेकर, शुद्ध पेयजल मुहैया कराने, शौचालय का निर्माण सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पतालों में दिमागी बुखार की जांच, इलाज की सभी तैयारियां पूरी करेगा।

सीएम ने दी चेतावनी- सकारात्मक सोच से काम हो

सोमवार को इस बड़े प्रोजेक्ट का शुभारम्भ करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी विभागों और सम्बंधित अधिकारीयों को चेतावनी देते हुए कहा की सब सकारात्मक सोच से आगे बढे तभी इस बीमारी पर जीत मिलेगी। उन्होंने कहा की झोलाछाप डॉक्टरों को इस अभियान से बिलकुल न जोड़ें क्योंकि वे इसे नुकसान पंहुचा सकते हैं।

दस्तक प्रोग्राम के आंकड़े

- 92 लाख बच्चो और वयस्कों का टीकाकरण

- 41299 आशा कार्यकार्तियों का मिलेगा सहयोग

- 31 लाख 37 हजार घरों तक पहुंचेगी टीम

- 193 विकास खंड का होगा दौरा

- 31 मार्च तक सभी प्रभावित जिलों में शुद्ध पेयजल

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