भ्रष्टाचार के खिलाफ सीएम योगी का बड़ा एक्शन, गाजियाबाद की पूर्व डीएम निधि केसरवानी निलंबित

सीएम योगी ने गाजियाबाद की पूर्व जिलाधिकारी निधि केसरवानी को निलंबित कर दिया है।

Published By :  Ragini Sinha
Update:2022-05-04 14:18 IST

CM Yogi Adityanath said development of education system in UP (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

CM Yogi Adityanath: भ्रष्टाचार खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक और बड़ी कार्रवाई की है । गाजियाबाद की पूर्व जिलाधिकारी निधि केसरवानी को निलंबित कर दिया है। आईएएस निधि केसरवानी इस वक्त केंद्र में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर में उप सचिव के पद पर तैनात हैं. लेकिन यूपी सरकार ने अब उनके खिलाफ कार्यवाही के लिए केंद्र को अपनी रिपोर्ट भेज दी है।

बता दें यह मामला भूमि अधिग्रहण से जुड़ा हुआ है, दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे एवं ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे भूमि अधिग्रहण प्रकरण में यह बड़ी कार्यवाही हुई है। विदित हो इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद के एसएसपी को भी निलंबित कर दिया था।

गाजियाबाद की पूर्व डीएम निधि केसरवानी निलंबित

सीएम ऑफिस की तरफ से आज इसकी जानकारी दी गई है. जिसमें ट्वीट कर कहा गया कि 'भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति के अनुरूप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्कालीन जिलाधिकारी गाजियाबाद को निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही शुरू करने हेतु प्रकरण भारत सरकार को संदर्भित करने के आदेश दिए हैं'।


इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि दोषियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर विधिक कार्रवाई के भी आदेश दिए गए हैं. जांच आख्या उपलब्ध होने के बाद भी पत्रावली में अत्यधिक विलंब हेतु जिम्मेदार नियुक्ति विभाग के संबंधित अनुभाग अधिकारी व समीक्षा अधिकारी तत्कालीन प्रभाव से होंगे निलंबित तथा उनके एवं अनु सचिव के विरुद्ध शुरू होगी विभागीय कार्रवाई।

इस एक्शन से साफ है की इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सूबे में भ्रष्ट अफसरों पर जरा भी रहम नहीं दिखाएंगे. उनके भ्रष्टाचार की पोल खुलते ही सीधे गाज गिरेगी।

मणिपुर कैडर की आईएएस है निधि 

निधी केसरवानी 2004 बैच की मणिपुर कैडर की आईएएस ऑफिसर है. 21 जुलाई 2016 को वह गाजियाबाद डीएम के तौर पर कार्यभार संभाला था। इसके पहले वह फिरोजाबाद, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, बुलंदशहर, एटा जिले की भी डीएम रह चुकी हैं. उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई एमटेक भी किया है. उसके बाद सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास कर मणिपुर कैडर की आईएएस बनी. निधी प्रतिनियुक्ति पर यूपी आई थीं. लेकिन भ्रष्टाचार में नाम आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें निलंबित कर जांच के आदेश दे दिए हैं।

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