सीएम योगी का बयान: संक्रमण को रोकने के लिए ऐसा जरूरी, लक्ष्णरहित रहें अस्पताल में

सीएम योगी ने कहा कि कोविड-19 संक्रमित लक्षणरहित व्यक्ति को भी घर में रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती, क्योंकि इससे संक्रमण के प्रसार की आशंका बनी रहती है।

Update:2020-06-15 13:19 IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विगत तीन वर्षों में विभिन्न स्तरों पर सावधानी बरतने से इंसेफेलाटिस के संक्रमण में 60 प्रतिशत तथा इससे होने वाली मृत्यु में 90 प्रतिशत की कमी आई है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा अंतर्विभागीय समन्वय के माध्यम से विभिन्न गतिविधियों का संचालन कराया गया। स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग बनाया गया।

प्राथमिक, सामुदायिक तथा जिला चिकित्सालयों को किया गया सुदृढ़- सीएम योगी

इसके अलावा, चिकित्सा शिक्षा, नगर विकास, पंचायतीराज, बेसिक शिक्षा, बाल विकास एवं पुष्टाहार आदि विभागों द्वारा कार्यवाहियां की गईं। इसके तहत स्वच्छता, जागरूकता, खुले में शौच के खिलाफ अभियान, पुष्टाहार की उपलब्धता, प्राथमिक, सामुदायिक तथा जिला चिकित्सालयों को सुदृढ़ करने के लिए कार्य किया गया। सभी गतिविधियों का माइक्रो मैनेजमेन्ट किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा, सर्विलांस की व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया।

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आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों तथा आशा वर्कर्स द्वारा किसी भी बच्चे को बुखार आने पर प्राथमिक अथवा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर भेजा गया। इसके लिए एम्बुलेंस व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया। चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की ट्रेनिंग करायी गयी। जिससे लक्षण के आधार पर मरीजों का तत्काल उपचार प्रारम्भ किया जा सके। इससे इंसेफेलाइटिस से बीमार बच्चों को समय से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हुई, जिससे संक्रमण का प्रसार तथा मृत्यु दर नियंत्रित हुई।

लक्षण रहित व्यक्ति को भी रखा जाए अस्पताल में- सीएम योगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण में भी ऐसी ही प्रभावी व्यवस्था बनाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आपदा का यह समय, एक ऐसा अवसर है, जिसमें प्रशासनिक मशीनरी तथा हेल्थ वारियर्स अपनी कार्य कुशलता का प्रदर्शन कर अपने प्रति जनविश्वास को दृढ़ कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण को हर हाल में रोका जाना है।

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ऐसे में, कोविड-19 संक्रमित लक्षणरहित व्यक्ति को भी घर में रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती, क्योंकि इससे संक्रमण के प्रसार की आशंका बनी रहती है। राज्य में एल-1, एल-2 व एल-3 के कोविड अस्पतालों में 1 लाख से अधिक बेड उपलब्ध हैं। संक्रमण को रोकने के लिए कोविड-19 संक्रमित लक्षणरहित व्यक्ति को भी अस्पताल में रखा जाना चाहिए।

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