UP News: CM योगी ने ‘प्लेज पार्क योजना’ के अन्तर्गत इन जिलों में निजी औद्योगिक पार्कों के विकास के लिए दिए 1689.98 लाख

UP News: मुख्यमंत्री के समक्ष बैंक ऑफ इण्डिया तथा सिडबी द्वारा प्रदेश सरकार के साथ वित्तीय सहयोग हेतु एमओयू का आदान-प्रदान किया गया, विभिन्न जनपदों में सराहनीय कार्य करने वाले अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए।

Update: 2023-05-24 23:32 GMT
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ: Photo- Social Media

Lucknow : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश अनन्त सम्भावनाओं का प्रदेश है। इस पर प्रकृति व परमात्मा की असीम कृपा है। आज प्रदेश अपनी अभिनव योजनाओं के माध्यम से देश में नयी पहचान बना रहा है। उत्तर प्रदेश अपनी प्रतिभा व अपनी सम्भावनाओं को देश व दुनिया के सामने प्रस्तुत करने की दिशा में सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है। ‘प्लेज योजना’ इसी श्रृंखला का हिस्सा है।

मुख्यमंत्री बुधवार को यहां अपने सरकारी आवास पर औद्योगिक विकास के लिए उद्योगों को भूमि उपलब्ध कराए जाने हेतु ‘प्लेज (प्रमोटिंग लीडरशिप एण्ड इण्टरप्राइज फॉर डेवलपमेण्ट ऑफ ग्रोथ इंजन्स) पार्क योजना’ के अन्तर्गत जनपद अलीगढ़, सहारनपुर तथा कानपुर देहात में निजी औद्योगिक पार्कों के विकास हेतु विकासकर्ताओं को 1689.98 लाख रुपये की प्रथम किश्त का वितरण करने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने तीन विकासकर्ताओं को चेक वितरण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के समक्ष बैंक ऑफ इण्डिया तथा सिडबी द्वारा प्रदेश सरकार के साथ वित्तीय सहयोग हेतु एमओयू का आदान-प्रदान किया गया। उन्होंने विभिन्न जनपदों में सराहनीय कार्य करने वाले अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किए।

समूह बनाकर निजी पार्कों को प्रोत्साहित करेंगे-

मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रदेश के एमएसएमई सेक्टर में कार्य करने वाले उद्यमी अपने जनपदों में एक अच्छा समूह बनाकर निजी पार्कों को प्रोत्साहित करेंगे। इससे राज्य की सम्भावनाओं को वैश्विक मंच मिलने में देर नहीं लगेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड कालखण्ड में प्रदेश की एमएसएमई यूनिट ने बहुत अच्छा कार्य किया था। उस समय लगभग 40 लाख प्रवासी कामगार एवं श्रमिक प्रदेश में आए थे। इन्हें राज्य की एमएसएमई यूनिट में समायोजित किया गया था। एमएसएमई में पिछले 5-6 वर्षों में किए गए कार्यों का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश एक्सपोर्ट का हब बना है। उत्तर प्रदेश का निर्यात 86 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर आज लगभग पौने दो लाख करोड़ रुपये का हो चुका है। आने वाले समय में इसमें अनेक सम्भावनाएं बनेंगी।

इस समय वैश्विक मंच पर भारत के प्रति लोगों के मन में अच्छे भाव हैं। लोग भारत को तथा भारत में उत्तर प्रदेश को सकारात्मक भाव से देख रहे हैं। हम इन सम्भावनाओं का लाभ उठाएंगे तथा इसे सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे। इसके माध्यम से उत्तर प्रदेश अपने परम्परागत उद्यमियों को प्रोत्साहित करने की दिशा में सफलतापूर्वक आगे बढ़ेगा।

वुड वर्क के लिए अच्छे डिजाइन देने की आवश्यकता है-

मुख्यमंत्री ने कहा कि सहारनपुर वुड वर्क के लिए प्रसिद्ध है। यहां के वुड वर्क के लिए अच्छे डिजाइन देने की आवश्यकता है। इसके लिए दुनिया के अच्छे संस्थानों की मदद लेकर सहारनपुर या उसके आसपास डिजाइन इंस्टीट्यूट बनाए जाने की आवश्यकता है। इससे इन्हें प्रोत्साहन मिलेगा तथा इनका फर्नीचर दुनिया के मार्केट में जाएगा। एमएसएमई विभाग को इस कार्य को आगे बढ़ाना चाहिए। भारत सरकार इसके लिए सहयोग करना चाहती है। हमें इस सम्बन्ध में अपना प्रस्ताव तत्काल भेजना चाहिए। अलीगढ़ हार्डवेयर के लिए दुनिया में विख्यात है। डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर का एक महत्वपूर्ण नोड अलीगढ़ में है। वहां भी अच्छा इंस्टीट्यूट स्थापित किए जाने की आवश्यकता है। कानपुर में भी डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर का एक महत्वपूर्ण नोड है। कानपुर देहात में निजी औद्योगिक पार्क की स्थापना अच्छी सम्भावनाओं को जन्म देती है। मुख्यमंत्री ने उद्यमियों से कहा कि राज्य सरकार जो प्रोत्साहन राशि उपलब्ध करा रही है, इसके तहत वे अपने कार्यक्रमों को आगे बढ़ाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश आबादी की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य है। आबादी वहीं बसी होगी, जहां बसने लायक माहौल रहा होगा। प्रदेश में आज 25 करोड़ की आबादी निवास कर रही है। इस आबादी की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रदेश में प्रकृति ने संसाधनों की कमी नहीं की है। हमारे यहां सबसे अच्छी उर्वरा भूमि तथा प्रचुर जल संसाधन मौजूद है। जीव सृष्टि को आगे बढ़ने के लिए आवश्यक बुनियादी सुविधाएं प्रदेश में उपलब्ध हैं। आवश्यकता थी कि हम अपने आप को आज के अनुरूप प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की बड़ी आबादी की आवश्यकताओं की पूर्ति तथा यहां के युवा को नौकरी और रोजगार के लिए केवल सरकारी नौकरी ही पर्याप्त नहीं थी, बल्कि इसके लिए निजी क्षेत्र में निवेश प्रोत्साहन के साथ-साथ परम्परागत उद्यमियों को भी प्रोत्साहन देने की आवश्यकता थी। प्रदेश को एमएसएमई के रूप में सैकड़ों वर्षों की विरासत धरोहर के रूप में मिली है। राज्य में 96 लाख एमएसएमई इकाइयां मौजूद हैं, लेकिन समय के अनुरूप उन्हें प्रोत्साहित नहीं किया गया, जिससे वे दम तोड़ रही थीं। उनसे जुड़े कारीगर व हस्तशिल्पी पलायन कर रहे थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर परम्परागत उद्यमियों के प्रोत्साहन के लिए ‘एक जनपद एक उत्पाद’ (ओ0डी0ओ0पी0) योजना प्रारम्भ की गयी। आज यह देश की अत्यन्त लोकप्रिय योजना है। यह केन्द्रीय बजट का हिस्सा बनी है। सभी राज्यों को इस प्रकार की योजना चलाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह आत्मनिर्भर भारत के संकल्पों को पूरा करने तथा समर्थ भारत बनाने में अपना योगदान देगी।

यह भी केन्द्रीय बजट का हिस्सा बनी है-

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के दूसरे स्थापना दिवस पर ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ के रूप में एक विशिष्ट योजना चलायी गयी। आज यह भी केन्द्रीय बजट का हिस्सा बनी है। परम्परागत हस्तशिल्पियों तथा कारीगरों को प्रोत्साहित करने, उन्हें स्थानीय स्तर पर ही कार्य उपलब्ध कराने तथा उनकी प्रतिभा और ऊर्जा का लाभ राज्य को दिलाने के उद्देश्य से इन योजनाओं को आगे बढ़ाया गया था। आज रोजगार सृजन की दृष्टि से यह योजनाएं अत्यन्त लोकप्रिय हुई हैं और देश में इनको सम्मान भी प्राप्त हुआ है।

कहा जाता था कि यहां कुछ नहीं हो सकता-

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से 06 वर्ष पूर्व उत्तर प्रदेश के बारे में कहा जाता था कि यहां कुछ नहीं हो सकता। प्रदेश में निवेश को बढ़ाने तथा परम्परागत उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के मार्ग में खराब कानून व्यवस्था बाधा थी। आज उत्तर प्रदेश दंगा मुक्त हुआ है। यहां की कानून व्यवस्था देश में नजीर बनी है। प्रदेश का हर तबका राज्य के विकास में अपना योगदान दे रहा है। बेहतर कानून व्यवस्था के साथ ही प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेण्ट के कार्य हुए हैं। राज्य की इण्टरस्टेट कनेक्टिविटी को 4-लेन से जोड़ा गया है। आज पूर्वान्चल एक्सप्रेस-वे के माध्यम से पूर्वी उत्तर प्रदेश के जनपदों को तथा बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के माध्यम से बुन्देलखण्ड क्षेत्र को जोड़ दिया गया है। आज से लगभग 02 हजार वर्ष पूर्व चन्द्रगुप्त मौर्य ने भारत को जोड़ने के लिए उत्तरपथ व दक्षिणपथ का निर्माण कराया था। उत्तर पथ के माध्यम से पाटलिपुत्र (पटना) से तक्षशिला तक जाने में 04 दिन लगते थे।

यदि आज दिल्ली से पटना जाते समय उत्तर प्रदेश के एक्सप्रेस-वेज का प्रयोग किया जाए तो मात्र 10 घण्टे में यह यात्रा पूरी की जा सकती है। इसी प्रकार दक्षिणपथ को भी आपस में जोड़ने के लिए भारत सरकार का इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेण्ट का अभियान बेहतर रूप में आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में गंगा एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे, बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे तथा लखनऊ-कानपुर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे पर युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है। एक्सप्रेस-वे के संजाल ने प्रदेश की सम्भावनाओं को और आगे बढ़ाया है। कहा कि राज्य की एयर कनेक्टिविटी भी बेहतर हुई है।

वर्ष 2017 में प्रदेश में मात्र 02 एयरपोर्ट पूर्ण रूप से तथा 02 एयरपोर्ट आंशिक रूप से क्रियाशील थे। आज राज्य में 09 एयरपोर्ट पूर्ण रूप से क्रियाशील हैं तथा 12 एयरपोर्ट पर कार्य किया जा रहा है। इस वर्ष के अंत तक उत्तर प्रदेश में 05 अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे होंगे। जब भी प्रदेश में निवेश की बात होती थी तो यह कहा जाता था कि उत्तर प्रदेश लैण्ड लॉक्ड स्टेट है। आज राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या-01 हल्दिया से वाराणसी के बीच प्रारम्भ हो चुका है। उन्होंने उत्तर प्रदेश में जलमार्गों के विकास के बारे में सर्वे करके इन सम्भावनाओं को आगे बढ़ाने के लिए एक अथॉरिटी के गठन किए जाने की बात कही, जिससे परिवहन की लागत को कम किया जा सके तथा प्रदेश से निर्यात प्रोत्साहन के नये अभियान को आगे बढ़ाया जा सके। राज्य में रेलवे का 16 हजार किमी का नेटवर्क मौजूद है। ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर तथा वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर प्रदेश से गुजरते हैं और इनका जंक्शन भी राज्य में है।

01 करोड़ युवाओं को नौकरी मिलेगी-

उन्होंने कहा कि यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के आयोजन में देश व दुनिया के उद्यमी लखनऊ आए। इस दौरान प्रदेश में 35 लाख करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए। यह प्रदेश की सम्भावनाओं को आगे बढ़ाता है तथा भारत में निवेश के सबसे अच्छे गंतव्य के रूप में स्थापित करता है। इस निवेश के माध्यम से 01 करोड़ युवाओं को नौकरी मिलेगी। हमें इसके लिए अपने आपको तैयार करना होगा। इतने बड़े निवेश के लिए प्रदेश का इन्फ्रास्ट्रक्चर, कानून व्यवस्था तथा एमएसएमई के उद्यम आधारशिला बनेंगे। बड़े उद्योग लगाने के लिए एमएसएमई की सबसे बड़ी भूमिका है। यह उसकी बैकबोन है। कृषि के साथ ही यह रोजगार सृजन तथा एक्सपोर्ट प्रमोशन का बड़ा माध्यम है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में निजी क्षेत्र को आगे आना होगा। प्रदेश में एक्सप्रेस-वे का नेटवर्क उद्यमियों को कनेक्टिविटी के साथ-साथ उनके द्वारा किए जाने वाले निवेश की सुरक्षा प्रदान करने तथा एक अच्छा मार्केट उपलब्ध कराने में सहायक होगा। यह नेटवर्क उनके उत्पादों को दुनिया के बाजार में पहुंचाने में योगदान देगा। प्रदेश सरकार ने तकनीकी का प्रयोग करते हुए बहुत से रिफॉर्म किए हैं। सभी उद्यमी इनका लाभ लें। इस अवसर पर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री राकेश सचान ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आज उत्तर प्रदेश एक क्रांतिकारी परिवर्तन की यात्रा की शुरुआत कर रहा है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेण्ट, कानून व्यवस्था की स्थापना तथा प्रमुख शासकीय सुधारों से उद्यमियों के लिए विकास का माहौल बना है। उत्तर प्रदेश पर उद्यमियों का भरोसा बढ़ा है।

इस अवसर पर अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई अमित मोहन प्रसाद, सूचना निदेशक शिशिर, अपर सूचना निदेशक अंशुमान राम त्रिपाठी, सिडबी के डिप्टी एमडी सुदत्त मंडल, बैंक ऑफ इण्डिया के महाप्रबन्धक विश्वजीत मिश्रा सहित वरिष्ठ अधिकारी, उद्योगों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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