दूसरी लहर से लड़ने के लिए योगी सरकार राज्य में दे रही है ये सुविधाएं, जानें किस शहर में क्या है खास
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में रेमडेसिविर सहित सभी जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा है कि उपलब्ध कराए गये सभी वेंटिलेटर (Ventilator) व ऑक्सीजन (Oxygen) के सेंटर को चालू हालत में रखा जाए। उन्होंने कहा कि एनेस्थेटिक और तकनीशियन की व्यवस्था हर हाल में हो। इस आपूर्ति को 300 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 800 मीट्रिक टन से अधिक तक पहुंचाया गया है। प्रत्येक जनपद में एक ऑक्सीजन रीफिल सेन्टर होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के लिए निर्धारित किया जाए।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर बड़ी चुनौती के रूप में उभर कर हम सभी के सामने आयी है। इसे सभी के सहयोग से एकजुटता के साथ मुकाबला करते हुए परास्त करना होगा। साथ ही, आने वाली नई चुनौतियों के लिए भी तैयार रहकर पर्याप्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित करनी होंगी। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड मरीजों को मेडिकल किट शत-प्रतिशत उपलब्ध करायी जाए। कोविड मरीजों को हर हाल में अस्पताल में बेड उपलब्ध कराया जाए। सरकारी कोविड अस्पताल में बेड की उपलब्धता न होने पर उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया जाए। भुगतान न कर पाने की स्थिति में खर्च आयुष्मान भारत योजना की दरों पर राज्य सरकार वहन करेगी।
इस अवसर पर उन्होंने गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, वाराणसी, रायबरेली, मीरजापुर, आगरा, गाजीपुर, मेरठ, बरेली, फिरोजाबाद, गोरखपुर, कानपुर नगर, सुल्तानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, मुजफ्फरनगर, अलीगढ़, मुरादाबाद, झांसी आदि के जिलाधिकारियों से संवाद किया।
कोविड जांच व उपचार की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि फील्ड में तैनात अधिकारी निरन्तर सजग व सतर्क रहकर अपनी भूमिकाओं का निर्वहन करें। कोरोना के इस कालखण्ड में जरा सी लापरवाही बड़े खतरे का कारण बन सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत चुनाव में सेवा देने वाले सभी कार्मिकों की टेस्टिंग आवश्यक रूप से की जाए। पुलिस लाइन्स, पीएसी वाहिनी और पुलिस ट्रेनिंग स्कूल आदि में कोविड केयर सेन्टर स्थापित करते हुए कोविड जांच व उपचार की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। अस्पतालों में विद्युत की आपूर्ति निरन्तर हो और फायर सेफ्टी के प्रबन्ध सुनिश्चित किए जाएं।
टेलीकंसल्टेंसी की व्यवस्थाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड मरीजों से निरन्तर संवाद बनाया जाए। कोविड व नॉन कोविड मरीजों के लिए टेलीकंसल्टेंसी की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने निर्देशित किया कि नॉन-कोविड मरीजों के उपचार के लिए प्रत्येक जनपद में एक डेडीकेटेड हॉस्पिटल का संचालन किया जाए, जहां गम्भीर रोगों के इलाज की उच्चस्तरीय सुविधा उपलब्ध रहे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में नॉन-कोविड मरीजों को टेलीकंसल्टेंसी के माध्यम से चिकित्सीय परामर्श देने के लिए चिकित्सकों का पैनल गठित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण से गांवों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से प्रदेशव्यापी वृहद टेस्टिंग अभियान प्रारम्भ किया गया है। इसके तहत निगरानी समितियों के माध्यम से घर-घर स्क्रीनिंग की जाए। लोगों के तापमान और ऑक्सीजन लेवल को चेक किया जाए।
सरकारी कोविड अस्पतालों में निःशुल्क है रेमडेसिविर
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में रेमडेसिविर सहित सभी जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश के लिए रेमडेसिविर के दैनिक आवंटन में वृद्धि की गयी है। सरकारी कोविड अस्पतालों में यह इंजेक्शन पूर्णतः निःशुल्क है। सभी जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि जब भी किसी मरीज को यह इंजेक्शन दिया जाए तो वहां नर्सिंग स्टाफ के साथ-साथ एक चिकित्सक भी उपस्थित हो। इस जीवनरक्षक दवा की मांग, आपूर्ति और खपत का पूरा विवरण रखा जाए। प्रत्येक हॉस्पिटल जिला अधिकारी को इसकी रिपोर्ट दे।