पूर्वांचल को चीनी का कटोरा बनाने में जुटे सीएम योगी
चौधरी चरण सिंह की कर्मभूमि रमाला में भी हाल ही में 50 हजार कुंतल क्षमता की चीनी मिल का शुभारंभ हुआ है, यहां से भी 27 मेगावाट बिजली और 45 हजार लोगों के लिए रोजगार के अवसर मिल रहे हैं।
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार पूर्वांचल को एक बार फिर वही चीनी के कटोरे की पहचान दिलाने में जुटी है जिसके लिए इस इलाके को जाना जाता था। इस बात का सबूत है पिपराइच में रिकार्ड एक साल के भीतर तैयार हुई पिपराइच चीनी मिल। आज योगी आदित्यनाथ ने इस मिल का उद्घाटन किया। यहां प्रत्यक्ष तौर पर 15 हजार लोगों को तो अप्रत्यक्ष तौर पर 30 हजार किसानों को मिला कर कुल लगभग 45 हजार लोगों को यहां रोजगार मिलेगा।
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यहां से रोज 27 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा
इस चीनी मिल के उद्घाटने के बाद जल्द ही मुख्यमंत्री बस्ती की मुंडेरवा चीनी मिल का भी शुभारंभ करने जा रहे हैं। ये मिल भी 50 हजार कुंतल की क्षमता की होगी, 27 मेगावाट बिजली पैदा करेगी व 45 हजार लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। गौरतलब है कि सपा सरकार में इसी इलाके में चीनी मिल चलाने की मांग कर रहे किसानों पर फायरिंग कर तीन लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था
चौधरी चरण सिंह की कर्मभूमि रमाला में भी हाल ही में 50 हजार कुंतल क्षमता की चीनी मिल का शुभारंभ हुआ है, यहां से भी 27 मेगावाट बिजली और 45 हजार लोगों के लिए रोजगार के अवसर मिल रहे हैं।
इसी प्रकार पिछले दस सालों से बंद पड़ी चार चीनी मिलों–सहारनपुर, बुलंदशहर, चंदौसी व मेरठ का पुनरूद्धार कर वहां रोजगार व विकास के अवसर पैदा किए गए। वहीं एक दर्जन से ज्यादा चीनी मिलों की क्षमता बढा कर किसानों की सालों से चली आ रही मांग को पूरा किया ग़या।
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करीब 3 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर दे चुकी है योगी सरकार
किसानों की सुविधा के लिए पिछले 25 साल से मांग हो रही थी कि क्रेशर के लाइसेंस शुरू किए जाए, पर पिछले 25 साल से ये लाइसेंस नहीं मिलते थे। योगी की सरकार ने इसे शुरू कर दिया है और आज तक 101 लाइसेंस दिए जा चुके हैं। इस तरह केवल चीनी मिलों के जरिए ही योगी की सरकार अब तक करीब 3 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर दे चुकी है।
सपा सरकार में 2016/17 में गन्ना किसानों को भुगतान– 18 हजार करोड़, भाजपा सरकार में 2017/18 में गन्ना किसानों को भुगतान– 35 हजार करोड़ मिला है। इस प्रकार योगी की सरकार अब तक गन्ना किसानों को कुल 76 हजार करोड़ का भुगतान कर चुकी हैं जो आजादी के बाद अपने आप में एक रिकार्ड है।
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