UP: CM योगी के मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा- सफाई और शुद्ध पेयजल हमारी सरकार की प्राथमिकता

Update:2017-04-28 19:37 IST
UP: CM योगी के मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा- सफाई और शुद्ध पेयजल हमारी सरकार की प्राथमिकता

Vijay Shankar Pankaj

लखनऊ: प्रदेश के नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने शाहजहांपुर शहर सीट से 1989 से 2017 तक लगातार आठ विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की। सुरेश खन्ना भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विधानमंडल दल के नेता और मुख्य सचेतक भी रह चुके हैं। बीजेपी तथा गठबंधन की सरकारों में कई बार मंत्री रह चुके खन्ना को योगी सरकार में नगर विकास मंत्री की जिम्मेदारी मिली है। पूर्ववर्ती सपा सरकार में यह विभाग सबसे विवादास्पद मंत्री आजम खान के पास रहा। पेश है सुरेश खन्ना से newstrack.com और 'अपना भारत' के लिए हु़ई वार्ता के मुख्य अंश। :

सवाल: नगर विकास मंत्री के रूप में आपकी पहली प्राथमिकता क्या है?

सुरेश खन्ना: पीएम नरेन्द्र मोदी का पहला सपना है 'स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत'। मोदी के सपने को साकार करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हम 'स्वच्छ यूपी' बनाने के लिए कृतसंकल्प हैं। देश की सबसे बड़ी आबादी वाले प्रदेश के लोगों को स्वच्छता के साथ शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य शुरू कर दिया गया है। सीएम ने 19 मार्च को शपथ लेने के साथ ही जो क्रान्तिकारी निर्णय लेना शुरू किया है, हम सभी उनके सहायक के रूप में अभियान को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।

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सवाल: यहां हर कदम पर गंदगी एवं समस्याओं का अंबार है। नगर निकायों के पास न तो सफाई के लिए पैसा है और न पर्याप्त सफाईकर्मी। ऐसे में स्वच्छ यूपी का अभियान कैसे सफल होगा?

सुरेश खन्ना: राज्य सरकार ने इसके लिए व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। नगरीय निकायों को स्वावलम्बी बनाने के साथ ही आवश्यक कर्मचारियों की भी भर्ती की जाएगी। शीघ्र ही सफाईकर्मियों की कमी की समस्या दूर हो जाएगी। इस संदर्भ में कई स्थानों पर निजी संस्थान तथा कान्ट्रैक्ट व्यवस्था की जा सकती है। सफाई की नियमित सुपरवीजन की प्रक्रिया को मजबूत किया जाएगा। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदार बनाया जाएगा। महानगरों तथा नगर निकायों को सफाई में आदर्श प्रस्तुत करने के लिए पुरस्कार भी दिए जाएंगे।

देशभर में 3842 नगर निकाय हैं जिसमें सर्वाधिक 630 उत्तर प्रदेश में ही हैं। प्रदेश की 16 प्रतिशत आबादी नगरीय क्षेत्रों में बसती है। वैसे अब दिनोंदिन शहरों की आबादी बढ़ रही है। इसलिए नगरीय इकाइयों पर जनता का बोझ लगातार बढ़ रहा है। बढ़ती आबादी के हिसाब से नगरीय निकायों को आवश्यक जरूरतों को पूरा करने के उपाय करने होंगे।

सवाल: लखनऊ में ही टूटी सडकें, गड्ढे तथा सडक़ों पर बहता सीवर का पानी आम तौर पर देखा जाता है। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बंद पड़े हैं। नालों के निर्माण का काम अधूरा पड़ा है। इन कामों को पूरा करने के लिए सरकार क्या करेगी?

सुरेश खन्ना: सरकार ने 15 मई तक नगरीय निकायों की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का आदेश दिया है। तब तक काम पूरा न होने पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जहां तक सीवरेज की समस्या और अधूरी परियोजनाओं का सवाल है तो उसकी पूरी रिपोर्ट मंगाई गई है। अधूरी परियोजनाओं में अनाप-शनाप खर्चे की शिकायतों की जांच होगी और तत्काल काम पूरा करने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जाएगी। घटिया काम कराने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सरकार को आए अभी कुछ ही दिन हुए है, ऐसे में कुछ कामों में सुधार समय से ही हो पाएगा। बड़े नालों का निर्माण तथा सफाई का काम बरसात से पहले ही पूरा कर लिया जाएगा।

सवाल: नगर निकाय वाटर टैक्स तथा सीवर टैक्स तो वसूलते हैं मगर लोगों की आवश्यकता के अनुरूप पेयजल की आपूर्ति नहीं होती।

सुरेश खन्ना: पानी और पेयजल का संकट सब तरफ है। लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, आगरा, झांसी तथा चित्रकूट में जल संस्थान है। इनकी पेयजल आपूर्ति की क्षमता बढ़ाने के लिए नए संयंत्र लगाए जाएंगे। साथ ही अन्य नगरीय क्षेत्रों में भी उनकी आवश्यकता के अनुरूप सर्वे कराकर आवश्यक व्यवस्था की जाएगी। सरकार जनता की तकलीफों से परिचित है और उसके निवारण के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा। यह जनता के हित में काम करने वाली पारदर्शी सरकार है। अब अधिकारी पिछली सरकारों की तरह से न तो लापरवाही कर पाएंगे और न भ्रष्टाचार। जब मुख्यमंत्री और मंत्री 18 घंटे काम कर रहे हैं तो अधिकारियों को उन्हीं की गति से चलना होगा।

सवाल: जेएनयूआरएएम योजना के तहत केन्द्र से बड़ी धनराशि राज्य को मिली, लेकिन उसके अनुरूप काम नहीं दिख रहा। इस योजना में लगातार भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलती रही हैं।

सुरेश खन्ना: इस परियोजना की पूरी रिपोर्ट मंगाई है। प्रदेश के 64 शहरों में इस योजना के तहत काम किया जा रहा है। इसके तहत केन्द्र एवं राज्य की तरफ से कितनी धनराशि जारी हुई और क्या-क्या काम हुए तथा कितने काम अधूरे हैं, इसकी रिपोर्ट आने के बाद स्थलीय निरीक्षण कराकर उसकी जांच की जाएगी। अभी इस संदर्भ में कुछ स्पष्ट किया जाना संभव नहीं है। परंतु जनता से तमाम शिकायतें जरूर मिली हैं।

सवाल: गंगा सफाई का बड़ा क्षेत्र उत्तर प्रदेश में है और यहीं पर काम सबसे पिछड़ा हुआ है।

सुरेश खन्ना: केन्द्र सरकार से गंगा सफाई योजना के तहत बड़ी धनराशि यूपी के लिए जारी की गई। परंतु पिछली समाजवादी सरकार ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया, जिससे यह काम पिछड़ा है। इसी योजना का धन पिछली सरकार ने गोमती रिवरफ्रंट पर खर्च कर दिया। जिसके निर्माण में भारी गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं। इसकी जांच के आदेश दे दिए गए हैं। प्रदेश में गंगा नदी 23 जिलों से होकर गुजरती है और 26 नगर इसके किनारे बसे हैं। गंगा के शुद्धीकरण के लिए शहरों से बहने वाले गंदे नालों को बाहर करने, ट्रीटमेंट प्लांट लगाने तथा कानपुर, उन्नाव की टेनरियों और फैक्ट्रियों के कचरे के निस्तारण जैसे प्रोजेक्टों पर तेजी से काम शुरू किया जाएगा जिसका परिणाम शीघ्र ही दिखेगा।

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