कृषि बिल पर बोले CM योगी-किसानों पर राजनीति करने वाले फैला रहे भ्रम

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संसद में पास किए गये कृषि सुधार के दो विधेयकों का स्वागत करते हुए इन विधेयकों को देश के कृषि क्षेत्र में व्यापक बदलाव लाने वाला बताते हुए कहा है

Update:2020-09-20 17:14 IST
कृषि बिल पर बोले CM योगी-किसानों पर राजनीति करने वाले फैला रहे भ्रम (file photo)

लखनऊ: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संसद में पास किए गये कृषि सुधार के दो विधेयकों का स्वागत करते हुए इन विधेयकों को देश के कृषि क्षेत्र में व्यापक बदलाव लाने वाला बताते हुए कहा है कि इन विधेयकों के विरोध में कुछ राजनीतिक दलों द्वारा की जा रही टिप्पणियां किसानों को भ्रमित करने का कुत्सित प्रयास है। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वह किसी के बहकावे में न आएं।

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योगी ने बिना नाम लिए कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा

योगी ने बिना नाम लिए कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कुछ लोगों को किसानों की उन्नति रास नहीं आती। यह वही लोग हैं जिन्होंने बीते छह-सात दशकों तक किसानों को महज वोट बैंक समझा। रविवार को संसद में कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 तथा कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 पारित किए है।

इन विधेयकों में प्रधानमंत्री के संकल्पों का प्रतिबिंब देखा जा सकता है

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन विधेयकों में प्रधानमंत्री के संकल्पों का प्रतिबिंब देखा जा सकता है। यह दोनों विधेयक पूरी तरह से खेती और किसानों के हित में और उनकी आय में कई गुना वृद्धि करने वाली सिद्ध होंगे। योगी ने कहा कि अब किसानों को कानूनी बंधनों से आजादी मिलेगी, कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन आएगा, खेती-किसानी में निजी निवेश होने से तेज विकास होगा तथा रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

कृषि क्षेत्र की अर्थव्यवस्था मजबूत होने से देश की आर्थिक स्थिति और सुदृढ़ होगी। उन्होंने कहा कि कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक-2020 कृषि उपज के कुशल, पारदर्शी और बाधारहित अंतर-राज्य और राज्य के भीतर व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देगा। इससे किसानों को बिक्री और खरीद के लिए विकल्प चुनने की आजादी मिलेगी।

farmer (social media)

प्रदेश सरकार किसानों के कल्याण और उनकी आय को दोगुना करने के लिए कृतसंकल्पित है

सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के कल्याण और उनकी आय को दोगुना करने के लिए कृतसंकल्पित है। कोविड महामारी के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान ही यूपी सरकार ने फल व सब्जी में 45 जिंसों को मण्डी शुल्क से मुक्त कर दिया, जिसका किसानों को सीधा लाभ मिला। किसान अब अपने फल या सब्जी की राज्य में कहीं से भी बिक्री करने के लिए स्वतंत्र हैं। किसानों को मण्डियों में भी अपनी उपज का विक्रय करने का विकल्प उपलब्ध हैं। जहां मण्डी शुल्क के स्थान पर मात्र 01 प्रतिशत यूजर चार्ज खरीद करने वाले व्यापारियों से लिया जा रहा है।

सीएम ने बताया कि जल्द ही यूपी सरकार कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को प्रोत्साहित करने के लिए एक व्यापक नीति लेकर आ रही है। इस नीति के तहत प्रदेश में क्रियाशील व भविष्य में गठित होने वाले एफपीओ को कन्वर्जन्स के माध्यम से केन्द्र व राज्य की विभिन्न कल्याणकारी नीतियों का लाभ दिया जा सकेगा।

एफपीओ के गठन से कृषि विपणन का उपलब्ध लाभ सीधे कृषकों को मिलेगा

एफपीओ की समस्याओं का निराकरण करने के लिए कृषि विभाग के अधीन डेडीकेटेड सेल गठित कर वरिष्ठ अधिकारियों व विशेषज्ञों के दल को तैनात किया जायेगा। एफपीओ की क्रियाशील पूंजी की समस्या के निराकरण के लिए उन्हें ब्याज की छूट पर क्रियाशील पूंजी उपलब्ध कराई जायेगी तथा इस छूट का व्यय भार राज्य सरकार वहन करेगी। एफपीओ के गठन से कृषि विपणन का उपलब्ध लाभ सीधे कृषकों को मिलेगा। इससे वे कृषि कार्य की लागत कम करते हुए उत्पादकता व गुणवत्ता में सुधार लाकर अपनी उपज का अधिक मूल्य प्राप्त कर सकेंगे।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार किसानों की उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कटिबद्ध है। कोविड काल में भी प्रदेश के किसानों का 35.77 लाख टन गेहूं खरीदा गया। साथ ही दलहन व तिलहन फसलों की भी खरीद की गई। किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए धान, तिलहन व दलहन को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय करने की पूरी तैयारी की जा रही है।

मनीष श्रीवास्तव

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