CM योगी का BAMS छात्रों से संवाद, आयुर्वेद पर बोले, आधुनिक चिकित्सा पद्धति ही अंतिम नहीं

CM योगी ने आज ने आज Bachelor of Ayurvedic Medicine and Surgery (BAMS) छात्रों के साथ संवाद किया। इस दौरान सीएम योगी ने कहा, बदलते समय में आयुर्वेद को नई पहचान मिल रही है।

Written By :  aman
Update: 2022-03-28 05:40 GMT

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (तस्वीर :आशुतोष त्रिपाठी)

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने आज, 28 मार्च को Bachelor of Ayurvedic Medicine and Surgery (BAMS) छात्रों के साथ संवाद किया। इस दौरान सीएम योगी ने कहा, बदलते समय में आयुर्वेद को नई पहचान मिल रही है। उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान आयुष के का महत्व पर भी प्रकाश डाला। सीएम योगी ने बेहतर भविष्य के लिए BAMS छात्रों को शुभकामनाएं भी दी। 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयुर्वेद के संबंध में कहा, आज इसके महत्व को पूरी दुनिया समझ रही है। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, 'आयुष, भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति है। हमने देखा कोरोना महामारी ने किस तरह एक साथ पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लिया। भारत की अपेक्षा अमेरिका में कोरोना से सबसे ज्यादा मौतें हुईं। वहीं, दिल्ली में मौत के आंकड़े 30 हजार से ज्यादा रहे।'


BAMS फर्स्ट ईयर छात्रों से संवाद 

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम की संस्था गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (Ayurveda College) में BAMS फर्स्ट ईयर (First Year) के नए छात्रों के ट्रांजिशनल करिकुलम समारोह का आज शुभारंभ हुआ। यह समारोह आगामी 15 दिनों तक चलेगा। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में आज सीएम योगी ने छात्रों को संबोधित किया। 


आधुनिक चिकित्सा पद्धति पर अति निर्भरता खतरनाक 

छात्रों से संवाद में सीएम योगी बोले, 'अगर कोरोना काल की ही बात करें तो इस 25 करोड़ की आबादी वाले राज्य में मार्च 2020 से मार्च 2022 तक में प्रदेश ने 23 हजार लोगों को खोया है। जिन्होंने अपनों को खोया उनके प्रति हमारी संवेदना हैं। लेकिन अगर देश के भीतर है अन्य राज्यों की तुलना करें तो महाराष्ट्र की आबादी यूपी से आधी है लेकिन वहां मौतों का आंकड़ा 1 लाख से ज्यादा है। उन्होंने आगे कहा, ये मौतों के आंकड़े हमें बताते हैं कि जब हमने आधुनिक चिकित्सा पद्धति को ही अंतिम मान लिया तो उसका खामियाजा भुगतना पड़ा है। इसलिए ऐसे में आयुर्वेद एक बेहतर विकल्प है।'    


13 अप्रैल तक चलेगा कार्यक्रम 

यह जानकारी दीक्षा पाठ्यचर्या समारोह के आयोजन समिति के अध्यक्ष और गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्राचार्य डॉ. पी. सुरेश ने दी। उन्होंने बताया कि 13 अप्रैल तक अलग-अलग सत्रों में होने वाले ज्ञानवर्धन कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जाएगी।





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