Ram Mandir: सीएम योगी ने मंत्री और विधायकों संग रामलला के किए दर्शन, डिप्टी सीएम मौर्य ने भगवान से की ये कामना
Ram Mandir:सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज अपने तमाम कैबिनेट सहयोगियों के साथ अयोध्या में भगवान रामलला के दर्शन किए।
Ram Mandir. अयोध्या में 22 जनवरी को नवनिर्मित राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भक्तों का सैलाब उमड़ा हुआ है। रामनगरी की गली-गली भक्तों से भरी हुई है। देश के कोने-कोने से लोग हवाई, रेल और सड़क मार्ग के जरिए यहां पहुंच रहे हैं। विदेशों से भी लोग श्रद्धालु आ रहे हैं। आम भक्तों के साथ – साथ सियासतदां भी इस चुनावी वर्ष में रामलला का दर्शन करने पहुंच रहे हैं। इसी कड़ी में आज पूरी योगी आदित्यनाथ सरकार भगवान रामलला के दर पर पहुंची। रामनगरी में लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया। उनके काफिले पर बुलडोजर से पुष्प वर्षा की गई।
स्पीकर सतीश महाना के नेतृत्व में सत्तारूढ़ एनडीए के सभी विधायक और विधान परिषद सदस्यों के अलावा रालोद, कांग्रेस और बसपा के भी सदस्यों ने राम दरबार में हाजिरी लगाई। भगवान के दर्शन करने के बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि आज यूपी विधानसभा और विधान परिषद के सभी सदस्यों ने भगवान रामलला के दर्शन किए। भगवान राम सबकी मनोकामना पूरी करें और तीसरी बार 400 पार के साथ प्रचंड बहुमत की मोदी सरकार देश में बने और 2027 में एकबार फिर यूपी में 300 पार बहुमत के साथ बीजेपी की सरकार बन, ऐसी कामना करते हैं। सपा के नहीं आने पर प्रतिक्रिया देते हुए मौर्य ने कहा कि जो नहीं आए हैं वो केवल सपा है और सपा मतलब सफा है।
विधानसभा स्पीकर सतीश महाना ने कहा, मैं बहुत भावुक हूं क्योंकि मैं जब इस स्थान पर आया था तो यहां एक ढ़ांचा खड़ा था, जो 6 दिसंबर को हमारे सामने टूटा था। मैं उस समय यहां पर आया था जब 1990 में यहां गोली चली थी। मैं उस समय यहां पर आया था जिस समय चबूतरे का निर्माण हुआ था। और आज सबसे सौभाग्य की बात है कि भगवान के प्रत्यक्ष रूप से दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हूं।
वहीं, कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी ने सपा द्वारा न्योता ठुकराने पर कहा कि विपक्ष में सभी तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले लोग हैं, चाहे कांग्रेस हो या समाजवादी पार्टी हो। समाजवादी पार्टी को विरासत में इनके पुरखों ने सनातन धर्म का विरोध दिया है। जिन्होंने राम भक्तों पर गोली चलवाने का काम किया है वो किस मुंह से यहां आएंगे, इसलिए उन्होंने(सपा) विरोध किया।
दरअसल, मंदिर के उद्घाटन के बाद ये पहला मौका है, जब इतनी बड़ी संख्या में मंत्रियों और विधायकों का जत्था दर्शन के लिए पहुंचा। इससे पहले भाजपा शासित अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों और विधायकों के साथ अयोध्या पहुंचे थे। उनके जत्थे में 70 लोग थे।
लग्जरी बसों से अयोध्या आए मंत्री और विधायक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को छोड़कर सभी मंत्री और विधायकों को लग्जरी बस से राजधानी लखनऊ से अयोध्या लाया गया। रविवार सुबह आठ – साढ़े आठ बजे के करीब विधानभवन से 10 बसों में सवार होकर सभी रवाना हुए। दरअसल, अयोध्या में जाम की स्थिति को देखते हुए मंत्रियों और विधायकों को बसों में एकसाथ ले जाने का निर्णय लिया गया। सीएम योगी राजकीय विमान से दोपहर 12 बजे महर्षि वाल्मीकी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे। यहां से सड़क मार्ग से अयोध्या धाम के लिए रवाना हुए।
दोपहर साढ़े 12 बजे मंत्रियों और विधायकों का दल रामजन्मभूमि पहुंचा। दोपहर सवा तीन बजे तक सभी जन्मभूमि परिसर में ही रहेंगे। सीएम योगी एयरपोर्ट से पहले सीधे हनुमानगढ़ी गए, इसके बाद मंत्रियों और विधायकों संग राम मंदिर पहुंचे। भगवान रामलला के दर्शन करने के बाद सभी को परिसर में ही लंच कराया जाएगा। दरअसल, पहले मंत्रियों और विधायकों को भी हनुमानगढ़ी जाना था लेकिन बाद में उसे कैंसिल कर दिया गया।
सपा के न आने पर दोनों डिप्टी सीएम की प्रतिक्रिया
अयोध्या रवाना होने से पहले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि भगवान श्री राम लला के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। हम अपने दोनों सदनों के सम्मानित सदस्यों के साथ प्रस्थान कर रहे हैं। वहीं सपा के साथ आने पर उन्होंने कहा कि सपा आने वाले चुनाव में सफा हो जाएगी।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सपा पर हमला बोलते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के चाल-चरित्र के बारे में सब जानते हैं। उन लोगों ने भारत की संस्कृति और प्रभु राम लला के प्रति हमेशा द्वेष भावना के तहत काम किया है। इन्हीं लोगों की सरकार में अयोध्या रक्तरंजित हुई थी, तो वे कैसे जा पाएंगे। हम सब भारत की जो सांस्कृतिक विरासत को और आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
बता दें कि विधानसभा स्पीकर सतीश महाना की ओर से सभी विधायकों को अयोध्या में राम मंदिर के दर्शन करने का न्योता दिया गया था। शनिवार को नेता प्रतिपक्ष और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने इस निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया। इससे पहले सपा नेता शिवपाल यादव और विधानसभा में सचेतक मनोज पांडे ने भी बीजेपी के बुलावे पर अयोध्या न जाने की बात कही थी।