कोबास मशीनों को मंजूरी: अब रोज हो सकेगी KGMU में 1200 कोरोना संदिग्धों की जांच
मशीन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस मशीन से प्रतिदिन 1200 जांचें हो सकेंगी, इससे जांच के समय में कटौती होगी और संक्रमित मरीजों के इलाज की दिशा तय करने में भी सहायक होगी।
लखनऊ: कोरोना वायरस के संदिग्धों की जांच में तेजी लाने के लिए जल्द ही किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में पूरी तरह से स्वचालित कोबास 6800 मशीन अगले 15-20 दिनों में किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में लगेगी। 10.86 करोड़ रुपये से ज्यादा की कीमत वाली इस मशीन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस मशीन से प्रतिदिन 1200 जांचें हो सकेंगी, इससे जांच के समय में कटौती होगी और संक्रमित मरीजों के इलाज की दिशा तय करने में भी सहायक होगी। देश में लगने वाली यह दूसरी मशीन है, पहली मशीन पुणे की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में लगी है।
शासन ने कोबास 6800 मशीन के लिए दी 10.86 करोड़ रुपये की मंजूरी
केजीएमयू द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में कोरोना संक्रमण के लिए 24 घण्टे संचालित जांच को गति प्रदान करने तथा अधिकाधिक मरीजों की जांच सम्पन्न कराए जाने के लिए चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार से कोरोना संक्रमण की जांच के लिए पूरी तरह से स्वचालित कोबास 6800 मशीन स्थापित किए जाने का अनुरोध किया गया था।
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उत्तर प्रदेश शासन द्वारा चिकित्सा विश्वविद्यालय के अनुरोध पर स्वीकृति प्रदान करते हुए विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में कोबास 6800 मशीन की स्थापना के लिए 10 करोड़, 86 हजार, 173 रुपये की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। विज्ञप्ति के अनुसार इस प्रकार की पूरे देश में दो मशीनें हैं। एक मशीन एनआईवी पुणे में स्थापित है तथा दूसरी मशीन 2 से 3 सप्ताह में केजीएमयू में स्थापित कर दी जाएगी।
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चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने इस मशीन लगाए जाने की अनुमति प्रदान किए जाने के लिए मुख्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा मंत्री एवं प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि चिकित्सा विश्वविद्यालय में इस मशीन की स्थापना प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश द्वारा कोरोना संक्रमण के संदिग्ध मरीजों की जांच के उद्देश्य की पूर्ति में अत्याधिक सहायक होगी।
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देश में अभी केवल पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी में ही है कोबास मशीन
विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी विभाग डा. अमिता जैन ने बताया कि इस अत्याधुनिक जांच मशीन की स्थापना से प्रतिदिन 1200 कोरोना संक्रमण के संदिग्ध व्यक्तियों की जांच किया जाना संभव हो सकेगा। यह मशीन हाई थ्रू पुट मशीन तथा पूर्ण रूप से स्वचालित है तथा इस मशीन के प्रयोग से जांच रिपोर्ट जल्दी आयेगी जिससे संक्रमित मरीजों के उपचार में सुविधा होगी। इससे मानव श्रम शक्ति में भी बचत होगी तथा केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में इस मशीन की स्थापना के लिए पर्याप्त स्थान तथा प्रशिक्षित मानव श्रमशक्ति उपलब्ध है।