कांग्रेस का योगी सरकार पर हमला, यूपी को कुपोषण मुक्त बनाने के दावे को बताया झूठा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार पर झूँठ बोलने का आरोप लगाया है। योगी सरकार का प्रदेश को कुपोषण मुक्त बनाने का दावा सरासर झूँठा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार पर झूँठ बोलने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार का प्रदेश को कुपोषण मुक्त बनाने का दावा सरासर झूँठा है। प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह क्षेत्र गोरखपुर से सटे बस्ती जिले के कप्तानगंज थाने के ओझा गंज गांव के निवासी हरीश चन्द्र का पूरा परिवार कुपोषण की भेंट चढ़ गया।
केंद्र और राज्य सरकार पर लगाया आरोप
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि यूपी सरकार की नाकामी के चलते राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया है और प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है। यह केन्द्र और प्रदेश की भाजपा सरकार के कुपोषण मुक्त और स्वस्थ व सबल भारत बनाने के झूठ को आईना दिखाता है। प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि देश में कुपोषण के मामले में बिहार के बाद यूपी दूसरे स्थान पर है।
यूपीए सरकार में थी कई योजनाएं
लल्लू ने कहा कि प्रदेश में सर्वाधिक युवाओं की आबादी है। ऐसे में अगर बच्चे कुपोषित होंगे तो उनके भविष्य का क्या होगा। प्रदेश अध्यक्ष ने यूपीए सरकार की तारीफ करते हुए कहा, कि यूपीए सरकार इन बातों से अवगत होते हुए ही गरीब व कुपोषित महिलाओं व बच्चों के लिए विभिन्न योजनाएं चालू की थी लेकिन कांग्रेस की सरकार जाने के बाद केन्द्र सरकार और प्रदेश की योगी सरकार इन योजनाओं के प्रति गंभीर नहीं रही और जिसका परिणाम है कि आज प्रदेश में महिलाएं और बच्चे कुपोषण तथा रक्त अल्पता से अपनी जान गंवाने के लिए मजबूर हैं।
सरकारी मदद की करी मांग
अजय लल्लू ने कहा कि यूपी में हर तीसरा बच्चा कुपोषित है और हर साल सितम्बर माह को सुपोषण माह के रूप में मनाने का छलावा किया जा रहा है। दूसरी तरफ प्रदेश में भयावह बेरोजगारी है। जिसके चलते हरिश्चन्द्र जैसे गरीब लोगों का परिवार भुखमरी और कुपोषण से अपनी जान गंवा रहा है।
प्रदेश में जितने भी कुपोषण मुक्त बनाने के लिए अभियान चलाये जा रहे हैं वह सिर्फ कागजी हैं। ये सभी अभियान सरकार व अधिकारियों की मिलीभगत की भेंट चढ़ रहे हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने प्रदेश सरकार से हरिश्चन्द्र के परिवार को तत्काल सरकारी मदद मुहैया कराने की मांग की। और साथ ही प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों व प्रशासनिक अधिकारियों को सरकार निर्देशित करे कि प्रदेश के किसी भी जनपद में इस तरह की दुखद घटना की पुनरावृत्ति न हो।