यूपी के 17 जनपद कोरोना मुक्त, अब कोरोना के 1589 एक्टिव मामले
प्रदेश के 59 जिलों से अब तक 1955 कोरोना पाॅजिटिव के मामले सामने आए हैं, जिसमें से 50 जनपदों में 1589 मामले एक्टिव हैं। प्रदेश के 17 जनपदों में कोरोना संक्रमण का कोई भी मामला सामने नहीं आया है तथा इस समयं 9 जनपद कोरोना संक्रमण से मुक्त हो गये हैं।
लखनऊ: राज्य में अब तक कोरोना के 1589 मामले सामने आए हैं। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश के समस्त जनपदों में मेडिकल इन्फेक्शन प्रिवेन्शन प्रोटोकाॅल का अनुपालन सुनिश्चित किये जाने हेतु अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जा रहा है। प्रदेश के 59 जिलों से अब तक 1955 कोरोना पाॅजिटिव के मामले सामने आए हैं, जिसमें से 50 जनपदों में 1589 मामले एक्टिव हैं। प्रदेश के 17 जनपदों में कोरोना संक्रमण का कोई भी मामला सामने नहीं आया है तथा इस समयं 9 जनपद कोरोना संक्रमण से मुक्त हो गये हैं।
335 मरीज पूरी तरह ठीक
उन्होंने बताया कि अब तक 335 मरीज पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में अब तक लगभग 59 हजार लोगों के सैम्पल टेस्ट किये गये हैं। 1784 लोगों को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है जिसमें से 15 मरीजों को आॅक्सीजन दी जा रही है, कोई भी मरीज वेंटीलेटर पर नहीं है। 11,363 लोगों को फैसिलिटी क्वारेंटाइन में रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि सभी प्रकार के सुरक्षात्मक उपाय अपनाकर राज्य में आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं तत्काल बहाल की जाएं। मेडिकल इंफेक्शन को रोकने के लिए आवश्यक है कि बचाव के सभी उपाय अपनाये जाएं। आपातकालीन चिकित्सा के दौरान मेडिकल इंफेक्शन रोकने के लिए स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभागों द्वारा हर सम्भव कदम उठाये जाएं।
डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाये जाने पर बल देते हुए उन्होंने कोविड अस्पतालों और नाॅन कोविड अस्पतालों को अलग-अलग परिसरों में बनाये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के सभी 52 मेडिकल काॅलेजों में कोविड अस्पताल बनाया जाए। जिन जनपदों में मेडिकल काॅलेज नहीं हैं, वहां जिला चिकित्सालय को कोविड अस्पताल बनाया जाए। कोविड और नाॅन कोविड अस्पतालों के लिए प्रोटोकाॅल भी तय किया जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि लाॅकडाउन व्यवस्था का प्रभावी पालन सुनिश्चित कराया जाए। उन्होंने 1 मई, से जरूरतमन्दों के लिए खाद्यान्न वितरण की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। मण्डी खुले स्थानों में लगवायी जाए तथा इनमें सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा जाए। होम डिलीवरी में लगे लोगों का मेडिकल टेस्ट भी कराया जाए। प्रत्येक जनपद में 15,000 से 25,000 क्षमता के क्वारंटीन सेण्टर तथा आश्रय स्थल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। क्वारंटीन स्थलों पर अच्छे व पर्याप्त भोजन एवं पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।