कोरोना वायरस: अयोध्या में रामकोट की सभा और परिक्रमा स्थगित

नव संवत्सर महोत्सव की तैयारियां शुरू हो गयी हैं। लेकिन कोरोना वायरस की वजह से इस बार नव संवत्सर का स्वागत शहरवासियों की भाल पर तिलक लगाने के बजाय हाथ जोड़कर ही होगा। भारतीय नववर्ष पर दो दिवसीय मेले के आयोजन से भी आयोजकों ने हाथ खींच लिए हैं। रामनवमी के जुलूस पर भी संशय बना हुआ है।

Update: 2020-03-20 08:21 GMT

लखनऊ: नव संवत्सर महोत्सव की तैयारियां शुरू हो गयी हैं। लेकिन कोरोना वायरस की वजह से इस बार नव संवत्सर का स्वागत शहरवासियों की भाल पर तिलक लगाने के बजाय हाथ जोड़कर ही होगा। भारतीय नववर्ष पर दो दिवसीय मेले के आयोजन से भी आयोजकों ने हाथ खींच लिए हैं। रामनवमी के जुलूस पर भी संशय बना हुआ है।

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24 मार्च को होनी थी रामकोट की परिक्रमा-

24 मार्च की पूर्व संध्या पर श्री विक्रमादित्य महोत्सव न्यास के संयोजन में होने वाली रामकोट परिक्रमा की तैयारियां तेज हो गयी थीं। लेकिन अब कोरोना का असर रामकोट की परिक्रमा पर भी पड़ा है। इस बार परिक्रमा से पूर्व होने वाली सभा को स्थगित कर दिया गया है। इस वर्ष मतगजेंद्र भगवान का पूजन-अर्चन के तुरंत बाद परिक्रमा शुरू कर दी जाएगी जिसमें बड़ी संख्या में साधु-संत एवं भक्त शामिल होंगे।

रामकोट की परिधि में आता है रामलला का गर्भ गृह-

कोरोना वायरस की वजह से इसका आयोजन करने वाली विक्रमादित्य महोत्सव समिति ने फैसला लिया है। नवरात्र व नव संवत्सर की पूर्व संध्या पर रामकोट की परिक्रमा होती थी। रामकोट की परिधि में आता है रामलला का गर्भ गृह।

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अध्यक्ष राजकुमार दास संतो के साथ करते थे राम कोट की परिक्रमा-

रामकोट की परिक्रमा में विक्रमादित्य महोत्सव समिति के अध्यक्ष राजकुमार दास संतो के साथ राम कोट की परिक्रमा करते थे। उनके साथ इसमें कई बड़े लोग भी शामिल होते आये हैं।

नृत्य गोपाल दास ने प्रशासन से जागरूकता पर काम करने को कहा-

अयोध्या जिला प्रशासन के अधिकारी महंत नृत्य गोपाल दास से मिलकर उनसे आग्रह किया कि वो लोगों से अयोध्या ना आने की अपील करें। इसपर महंत नृत्य गोपाल दास ने मना करते हुए कहा कि लोगों को मना करके वो पाप के भागीदार नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा कि अयोध्या का परंपरागत मेला है, जिसमें किसी के आने का फैसला उनका निजी होता है, ऐसे में अगर लोग खुद से ना आएं तो भीड़ नहीं आएगी। इसके लिए प्रशासन को लोगों से आग्रह करना चाहिए।

कोरोना प्रकोप को देखते हुए नहीं होगी रामकोट की परिक्रमा-

देश भर में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। बता दें कि देश कोरोना के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। अब तक कोरोना की चपेट में लगभग 200 लोग आ चुके हैं। वहीँ अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है।

सभी मस्जिदों में नमाज पर भी रोक-

वहीँ उत्तरप्रदेश के जनपद बागपत से भी शहर इमाम द्वारा जुम्मे की नमाज के दौरान अपील की गई है। जुम्मे की नमाज के दौरान अक़ीदतमन्दों द्वारा कोरोना वायरस से बचने के लिए लाउड स्पीकर से अपील की गई कहा गया कि सभी लोग साफ सफाई पर खासतौर से ध्यान रखे और कोरोना जैसी बीमारी से बचने के लिए मास्क का प्रयोग किया जाए। शहर इमाम ने सभी लोगो को सलाह दी है कि यदि अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है तो ही लोग घरों से बाहर निकले अन्यथा जिन लोगो को खासी, नजला, बुखार है जो लोग बीमार है वो अपने घर मे रहकर ही नमाज अदा करे ।

हजारों की संख्या में आते हैं लोग-

बड़ौत की फूंस वाली मस्जिद में जुम्मे की नमाज पढ़ने पहुँचे सैकड़ो अकीदतमंदों ने कोरोना वायरस बीमारी से छुटकारा पाने व मुल्क में शांति के लिए अल्लाह से दुआ मांगी । आपको बता दे कि बागपत के बड़ौत में स्थित फूंस वाली मस्जिद को मरकजी मस्जिद कहा जाता है जोकि जनपद की लगभग 550 मस्जिदों की हेड है जहां प्रत्येक शुक्रवार को हज़ारों की संख्या में लोग नमाज अदा करने आते है लेकिन इस बार जुम्मे की नमाज के दौरान यहां सैकड़ो की संख्या में लोग नमाज अदा करने पहुँचे। अधिकतर सभी लोगों ने अपने पास की मस्जिदों या घरों में रहकर ही नमाज पढ़ी है । शहर इमाम मौलाना आरिफ उल हक ने भी लोगो से कम से कम नमाजियों के आने व घर मे रहकर नमाज अदा करने की अपील करते हुए अपना एक वीडियो जारी किया है ।

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