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निर्भया केस: दोषियों के लिए उमड़ा वकील का दर्द, पर परिवार को नहीं शवों की चिंता

आखिरकार साढ़े 7 साल बाद देश की निर्भया को न्याय मिल गया। आज सुबह 5.30 बजे तिहाड़ जेल में चारों दोषियों को फांसी दे दी गई। इससे पहले दोषियों के वकील एपी सिंह ने आखिरी वक्त तक दोषियों को फांसी से बचाने की कोशिश की। देर रात सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सभी दलीलों को खारिज कर दी, जिसके बाद चारों दोषियों के फांसी का रास्ता साफ हो गया। और एक बार फिर साबित हो गया, 'अन्याय पर न्याय की विजय' देर से ही सही मगर होती जरूर है।

Ashiki
Published on: 20 March 2020 10:35 AM IST
निर्भया केस: दोषियों के लिए उमड़ा वकील का दर्द, पर परिवार को नहीं शवों की चिंता
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नई दिल्ली: आखिरकार साढ़े 7 साल बाद देश की निर्भया को न्याय मिल गया। आज सुबह 5.30 बजे तिहाड़ जेल में चारों दोषियों को फांसी दे दी गई। इससे पहले दोषियों के वकील एपी सिंह ने आखिरी वक्त तक दोषियों को फांसी से बचाने की कोशिश की। देर रात सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सभी दलीलों को खारिज कर दी, जिसके बाद चारों दोषियों के फांसी का रास्ता साफ हो गया। और एक बार फिर साबित हो गया, 'अन्याय पर न्याय की विजय' देर से ही सही मगर होती जरूर है।

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हत्यारों के शव के लिए परिजनों ने नहीं किया दावा:

अब चारों दोषियों के शव का पोस्टमॉर्टम भी शुरु हो गया है। लेकिन आखिरी वक्त में उनके अंतिम संस्कार का मुद्दा उलझ गया है। चारों गुनहगारों का अंतिम संस्कार जेल के अंदर होगा या बाहर इस पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। हालांकि जेल के अंदर अंतिम संस्कार करने के अपने कायदे-कानून हैं। यह मामला उस वक्त पेचिदा बन गया है जब गुनहगारों के घर वालों ने शवों को लेकर अभी तक कोई दावा नहीं किया है।

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हत्यारों के वकील ने कहा- 'मैं उनके बिना नहीं रह सकता':

6 दिसंबर 2012 को दिल्ली में हुए निर्भया केस ने पूरे देश में उबाल ला दिया था। इस घटना के दोषियों की कई बार फांसी टाल दी गई थी। जिसमें सबसे बड़ा योगदान देने वाले निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह का कहना है कि अब मैं उनके बिना नहीं रह सकता। बता दें कि दोषियों के वकील एपी सिंह ने आखिरी वक्त तक दोषियों को फांसी से बचाने की कोशिश की थी।

निर्भया के गांव बलिया में शुरू हुआ जश्न:

दोषियों को फांसी दिए जाने के बाद बलिया में निर्भया के गांव में जश्न शुरू हो गया है। पूरा गांव आज इस ऐतिहासिक दिन पर होली मना रहा है। नई दिल्ली में निर्भया के माता-पिता ने भी कहा कि गांव से फोन आया है। वह लोग रात से ही हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई पर नजर रखे हुए थे। वहीँ निर्भया की मां ने कहा कि वह जश्न नहीं मनाएंगीं, लेकिन आज खुश हैं कि इतने साल बाद बेटी को इंसाफ मिला है।

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