Coronavirus: UP की रिकवरी दर पहुंची 95.4 फीसदी तक, योगी सरकार ने जारी किए नए दिशा-निर्देश

Coronavirus: कोरोना संक्रमण को जड़ से खत्म करने के लिए योगी सरकार ने नया दिशा-निर्देश जारी किया है।

Newstrack :  Network
Published By :  Chitra Singh
Update:2021-05-27 18:58 IST

योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

Coronavirus, लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना (Coronavirus) के मामले धीरे-धीरे कम हो रहे हैं। योगी सरकार की कोरोना कर्फ्यू ( Corona Curfew) और टी-3 की रणनीति कोरोना के खिलाफ कारगर सिद्ध हो रही है। कोरोना की चैन तोड़ने के लिए योगी सरकार हमेशा प्रयत्नशील है। प्रदेश में कोरोना के संक्रमण को जड़ से खत्म करने के लिए योगी सरकार ने नया दिशा-निर्देश जारी किया है।

नये दिशा-निर्देश के अनुसार, प्रदेश में कोविड महामारी की गति दिनों-दिन मंद पड़ती जा रही है। टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट के मंत्र के अनुरूप कोरोना के खिलाफ योगी सरकार की रणनीति कारगर सिद्ध हो रही है। वर्तमान में, प्रदेश की रिकवरी दर 95.4% फीसदी हो गई है। वहीं कुल 58,270 एक्टिव कोरोना मरीज हैं। फिलहाल एक्टिव केस में यह कमी संतोषप्रद है। 30 अप्रैल की 3,10,783 मरीजों की कोविड पीक की स्थिति के सापेक्ष 27 दिन के भीतर मरीजों की संख्या में 81.6% फीसदी गिरावट हुई है।

प्रदेश में कम हो रहे है कोरोना के मामले

योगी सरकार ने बताया है कि अब तक 16,06,895 प्रदेशवासी कोविड को हराकर स्वस्थ हो चुके हैं। विगत 24 घंटों में कोविड संक्रमण के 3,278 केस सामने आए हैं, जबकि इसी अवधि में 6,995 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज भी हुए हैं। यह संतोषप्रद है कि प्रदेश में कोरोना महामारी की आक्रामकता न्यूनतम हो गई है, लेकिन थोड़ी-सी भी लापरवाही अब तक के सभी प्रयासों को निरर्थक बना सकती है। हमें लगातार सतर्क और सावधान रहना होगा।

बता दें कि कोविड टेस्टिंग में उत्तर प्रदेश ने शुरुआत से ही एग्रेसिव नीति अपनाई है। प्रदेश में अब तक 4,80,68,329 कोविड टेस्ट हो चुके हैं। वहीं बीते 24 घंटे में 3,47,821 टेस्ट किए गए हैं। इसमें 1,59,000 सैम्पल आरटीपीसीआर के लिए जिलों से भेजे गए हैं। विगत 24 घंटों में टेस्ट पॉजिटिविटी दर मात्र एक फीसदी रही।


ब्लैक फंगस के खिलाफ मिला उपचार

उधर, प्रदेश सरकार ने ब्लैक फंगस (Black fungus) को लेकर भी जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज के संबंध में सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। संक्रमित मरीजों के उपचार में उपयोगी माने जा रहे एम्फोटेरेसिन-बी इंजेक्शन (Amphotericin-B Injection) के अतिरिक्त विशेषज्ञों ने दो टैबलेट को भी कारगर पाया है। इस मामले पर सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञों से परामर्श करते हुए इन टैबलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। लखनऊ, मेरठ, गोरखपुर, वाराणसी सहित जहां कहीं भी ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज हो रहा है, स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग यहां के सभी अस्पतालों के सतत सम्पर्क में रहें, कहीं भी उपयोगी दवाओं का अभाव न हो।

सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों की सीएचसी और पीएचसी में उपकरणों की मरम्मत, क्रियाशीलता, परिसर की रंगाई-पुताई, स्वच्छता और मैन पावर की पर्याप्त उपलब्धता के लिए की जाने वाली विशेष कार्यवाही की गति तेज की जाए। इसके लिए एक विशेष टीम गठित हो, जो इसकी सतत मॉनीटरिंग करे। साथ ही सभी जिलों में वेंटिलेटर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए गए हैं। वेंटिलेटर संचालन के लिए एनेस्थेटिक और तकनीशियन की तैनाती भी की गई है। आवश्यकतानुसार प्रशिक्षित युवाओं को इन उपकरणों के संचालन का प्रशिक्षण देकर उनकी सेवाएं ली जा सकती हैं।

ब्लैक फंगस (कॉन्सेप्ट फोटो- सोशल मीडिया)

होम आइसोलेशन में हैं कुल 34,805 लोग

वहीं होम आइसोलेशन (Home isolation) को लेकर सीएम ने निर्देश दिए है कि प्रदेश में कुल 34,805 लोग होम आइसोलेशन में उपचाराधीन हैं। इन मरीजों की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाए। इनसे लगातार संवाद बनाए रखा जाए। जरूरत के अनुसार उनके परिजनों को मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाए। मेडिकल किट वितरण व्यवस्था की सतत मॉनीटरिंग की जाए।

ऑक्सीजन की व्यवस्था

इसके अलावा प्रदेश में ऑक्सीजन (Oxygen) की व्यवस्था को देखते हुए उन्होंने जानकारी दी है कि लगातार प्रयासों से ऑक्सीजन की मांग और आपूर्ति में संतुलन की स्थिति बन गई है। तेजी से सामान्य होती स्थितियों के बीच ऑक्सीजन की मांग में कमी भी आई है। विगत 24 घंटे में 572 एमटी ऑक्सीजन वितरित की गई, इसमें 326 एमटी रीफिलर को उपलब्ध कराई गई। ऑक्सीजन उपलब्धता की स्थिति को देखते हुए औद्योगिक इकाइयों को उनके उपयोग के लिए ऑक्सीजन उपयोग की अनुमति दी जाए। औद्योगिक गतिविधियां सामान्य रूप से क्रियाशील रखी

प्रो-एक्टिव नीति

बता दें कि प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर योगी सरकार प्रो-एक्टिव नीति अपनाई जा रही है। इस नीति के तहत सभी मेडिकल कॉलेजों में पीआईसीयू और एनआईसीयू की स्थापना को तेजी से पूरा किया जाए। इसके लिए उन्होंने कार्य को शीर्ष प्राथमिकता के साथ करने के निर्देश दिए हैं, साथ ही चिकित्सा शिक्षा मंत्री के स्तर से इसकी दैनिक मॉनीटरिंग कराने की भी बात कही है।

प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन

योगी सरकार ने प्रदेश में हो रहे कोरोना वैक्सीनेशन की भी जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया है कि अब तक प्रदेश में 1,70,75,158 कोरोना वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं। इसमें 1,36,81,405 लोगों को पहली और 33,93,753 लोगों को दोनों डोज लागाई जा चुकी है। 18 से 44 आयु वर्ग का टीकाकरण तेजी से चल रहा है। बीते 24 घंटों में 1,51,574 लोगों को टीका-कवर प्राप्त हुआ। एक जून से सभी 75 जिलों में 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों के कोविड टीकाकरण का कार्यक्रम प्रारम्भ हो रहा है। इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिन अभिभावकों के बच्चे 12 वर्ष से कम आयु के हैं, उनका टीकाकरण प्राथमिकता के साथ किया जाना आवश्यक है। हर जिले में 'अभिभावक स्पेशल' बूथ बनाये जाएंगे। अभिभावक के साथ-साथ बच्चों की सुरक्षा के लिए उपयोगी होगा।

वैक्सीनेशन (फोटो- सोशल मीडिया)

आपको बता दें कि योगी सरकार ने भविष्य की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए विभिन्न जिलों में 400 से अधिक ऑक्सीजन प्लांट को स्वीकृत प्रदान किया हैं, इनमें से 55 क्रियाशील हो चुके हैं। वहीं सरकार सभी जनपदों में कम्युनिटी किचन के माध्यम से जरूरतमंद लोगों को फूड पैकेट उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं। 

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