गवाही के लिए हाजिर ना होने पर इंस्पेक्टर 'सिरोही' दिन भर कटघरे में खड़े रहे
सीबीआई के विशेष जज कृष्ण कुमार ने हत्या के एक मामले में बार -बार बुलाने पर भी गवाही के लिए हाजिर नहीं होने वाले इंस्पेक्टर अभिषेक सिरोही को शनिवार को दिन भर न्यायिक हिरासत में रखा और इस बीच सिरोही दिन भर कोर्ट के कटघरे में खड़े रहे।
विधि संवाददाता
लखनऊ: सीबीआई के विशेष जज कृष्ण कुमार ने हत्या के एक मामले में बार बार बुलाने पर भी गवाही के लिए हाजिर नहीं होने वाले इंस्पेक्टर अभिषेक सिरोही को शनिवार को दिन भर न्यायिक हिरासत में रखा और इस बीच सिरोही दिन भर कोर्ट के कटघरे में खड़े रहे।
इंस्पेक्टर सिरोही पूर्व आदेश के अनुपालन में कोर्ट में हाजिर हुए थे। सिरोही के खिलाफ कोर्ट ने गिरफ्तारी वांरट जारी कर रखा था। कोर्ट ने उन्हें दिन भर कस्टडी में रखा और देर शाम पचास हजार रूपये के एक जमानत नामा व निजी मुचलका दाखिल कर रिहा करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने सिरोही को इस शर्त पर जमानत दी कि वह आगे से प्रत्येक तारीख पर गवाही के लिए हाजिर रहेंगे। इंस्पेक्टर अभिषेक सिरोही इस समय सहारनपुर में तैनात हैं।
दूसरी ओर आदेश के बावजूद सिरोही के वेतन से सौ रूपये काटकर अदालत में जमा ना करने पर कोर्ट ने एसएसपी सहारनपुर को नेाटिस जारी कर जवाब तलब किया है। कोर्ट ने कहा कि एसएसपी का मामला अवमानना की श्रेणी में आता है। अतः कोर्ट ने उनसे पूंछा है कि क्योंकि उनका मामला हाई कोर्ट को संदर्भित कर दिया जाये।
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दरअसल 6 मार्च 2014 को थाना ठाकुरगंज से संबधित हत्या के इस मामले में इंस्पेक्टर अभिषेक सिरोही की गवाही दर्ज हुई थी। लेकिन इसके बाद वह हाजिर नहीं हो रहे हैं। सरकारी वकील अरुण पांडेय के मुताबिक पिछले पांच साल में नोटिस व कई दफे वारंट भी जारी हो चुका था।
इस पर कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर सिरोही के खिलाफ सौ रुपए के अर्थदंड लगाया था। कोर्ट ने इस के साथ ही सहारनपुर के एसएसपी को निर्देश दिया था कि वह सिरोही के वेतन से यह धनराशि काटकर अदालत में जमा कराए।
विशेष जज ने इस मामले में अभिषेक सिंरोही के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी करने का आदेश दिया था। उन्होंने इस संदर्भ में पुलिस महानिदेशक को पत्र जारी कर कहा था कि लखनऊ व सहारनपुर के एसएसपी इस गवाह को अदालत में हाजिर नहीं करा सके। लिहाजा वे सिरेाही केा गवाही के लिए उसकी गिरफ्तारी सुनिश्चित कराएं।
यह भी कहा था कि यदि 30 मार्च को गवाह सिरोही को गिरफ्तार कर अदालत में पेश नहीं कराया जाता हैए तो इसे अदालत की अवमानना करार दिया जाएगा। तब इस मामले को हाईकोर्ट संदर्भित करने व सिरोही के खिलाफ कुर्की की कार्यवाही पर भी विचार किया जा सकता है।
इसी आदेश के अनुपालन मे सिरेाही कोर्ट में हाजिर हुए थे। जिसके बाद कोर्ट ने सुबह ही उन्हें कस्टडी में ले लिया और देर शाम रिहा किया।
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