फिर से डराने लगा कोरोना: क्या नाइट कर्फ्यू के लिए तैयार है यूपी, यहां जानें
प्रदेश के अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि एक दिन में कुल 90,537 सैम्पल की जांच की गई। सूबे में अब तक कुल 3,29,48,378 सैम्पल की जांच की जा चुकी है।
लखनऊ: देश के अंदर कोरोना के केस फिर से तेजी से बढ़ने शुरू हो गए हैं। गुरुवार को कोरोना संक्रमण के नए मरीजों की संख्या बढ़कर 35,871 पहुंच गई है।
इसी के साथ देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 1,14,74,605 हो गया है। पंजाब में कोरोना के बढ़ते मामलों को को देखते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 9 जिलों में नाइट कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया है।
उधर, दिल्ली में कोरोना को लेकर केजरीवाल सरकार ने आज एक बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री कोरोना की रोकथाम को लेकर नाइट कर्फ्यू जैसे कुछ कड़े कदम उठा सकते हैं।
ऐसे में सवाल उठाता है कि अगर पंजाब की तरह ही दिल्ली सरकार भी नाइट कर्फ्यू का एलान करती है तो इसका यूपी पर क्या असर पड़ेगा।
क्योंकि यूपी इससे सटा हुआ है। सवाल ये भी उठता है कि अगर यूपी में नाइट कर्फ्यू की जरूरत पड़ती है तो क्या वह इसके लिए तैयार है।
तो आइए जानते हैं यूपी में कोरोना की ताजा स्थिति क्या है, इससे निपटने के लिए सरकार ने क्या तैयारियां कर रखी हैं और नाइट कर्फ्यू को लेकर सरकार के मंत्री क्या कहते हैं?
बांग्लादेशियों को सजाः भारत में अवैध निवास पर फंसे, UP ATS ने किया था गिरफ्तार
यूपी में कोरोना की ताजा स्थिति
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक यूपी में अब तक कोरोना वायरस के 6 लाख 5 हजार 915 लोग केस पाए जा चुके हैं, जबकि 8751 लोगों की इसके चलते मौत हो चुकी है। प्रदेश में 5 लाख 95 हजार 150 लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं इस समय सूबे कोविड-19 के 2014 सक्रिय मामले मौजूद हैं।
क्या नाइट कर्फ्यू के लिए यूपी तैयार है?
अगर खुदा न खास्ता आगे चलकर स्थिति और भी खराब हो जाती है और नौबत नाइट कर्फ्यू की आती है तो क्या
राजधानी लखनऊ समेत पूरी यूपी इसके लिए तैयार है? इस सवाल पर हमने राजधानी के लोगों, जिनमें विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं, व्यापारी, शिक्षाविद, स्वास्थ्य विभाग के अलावा जिला प्रशासन से जुड़े अफसरों और सियासी दलों से जुड़े नेताओं से बात की।
सभी ने खुलकर अपने विचार रखें। इनमें से कुछ लोगों का कहना है कि यूपी तो क्या अभी राजधानी लखनऊ ही नाइट कर्फ्यू के लिए तैयार नहीं है।
अगर नाइट कर्फ्यू लगता है तो लोगों में इससे हाय तौबा मच सकती है। महंगाई बढ़ने के साथ लोगों की तमाम तरह की परेशानियां बढ़ जाएंगी। जैसा कि पिछले साल लॉकडाउन के दिनों में देखने को मिला था।
वहीं प्रशासन से जुड़े लोगों का कहना है कि अभी नाइट कर्फ्यू जैसी नौबत नहीं दिखाई दे रही है लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो हम इसके लिए तैयार है।
प्रशासन के लिए 24 घंटे का समय पर्याप्त है।हम हर तरह की स्थिति की निपटने के लिए तैयार हैं। हमारे पास सभी आवश्यक संसाधन है। जिसका जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल किया जाएगा।
गोरखपुर में शिवपाल का एलान- अखिलेश की सपा में प्रसपा के विलय पर ये फैसला
नाइट कर्फ्यू पर क्या सरकार के मंत्री क्या कहते हैं?
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अभी लॉकडाउन या नाइट कर्फ्यू पर विचार नहीं है। ऐसी नौबत अभी नहीं आई है। उत्तर प्रदेश की सरकार ने कोरोना की रोकथाम के लिए पहले भी अच्छा काम किया है और आगे भी कर रही है।
जांच से लेकर भर्ती के लिए बेड और इलाज के पर्याप्त चिकित्सकीय स्टाफ हमारे पास मौजूद हैं। चिंता करने की जरूरत नहीं है। लोगों को कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करना है।
यूपी में कोरोना को बढ़ने से रोकने के लिए सरकार ने बनाया ये खास प्लान
उत्तर प्रदेश सरकार को आशंका है कि मार्च के महीने के आखिर में पड़ने वाले होली के त्योहार के समय कोरोना के केस में फिर से बढ़ोतरी हो सकती है।
ऐसी आशंका को देखते हुए प्रदेश सरकार 18 से 45 साल के लोगों का टीकाकरण करने की योजना बना रही है। योगी सरकार इस मामले में मंजूरी के लिए अपना प्रस्ताव केंद्र को भेज रही है।
स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह के मुताबिक केंद्र को भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया है कि 18 से 45 आयु वर्ग के उन युवाओं को भी कोविड-19 वैक्सीन लेने की अनुमति देनी चाहिए, खासकर जिन्हें टाइप-1 डायबिटीज, उच्च रक्तचाप की समस्या या दिल की बीमारी हो।
साथ ही ऑटो-इम्यून बीमारियों वाले रोगियों का भी टीकाकरण करने की अनुमति दी जा सकती है। स्वास्थ्य मंत्री की मानें तो इससे निश्चित ही यूपी में कोरोना की रफ्तार पर लगाम लगेगी।
कुल 90,537 सैम्पल की जांच की गई: अमित मोहन
प्रदेश के अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि एक दिन में कुल 90,537 सैम्पल की जांच की गई। प्रदेश में अब तक कुल 3,29,48,378 सैम्पल की जांच की जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि कुछ जिलों में संक्रमण बढ़ते हुए दिखा है। विशेषकर ऐसे जिले, जहां दूसरे प्रदेशों से लोग आए हैं। हमें आवश्यकता है कि हम लगातार सावधान रहें।
पिछले साल मार्च, अप्रैल में जो हम सतर्कता बरत रहे थे, जरूरत है वही सावधानी हम अपनाएं।
औरैया में LIC कर्मचारी हड़ताल पर, शेयर मार्केट को लेकर काम किया ठप
दोस्तों देश दुनिया की और को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।