कोरोना संक्रमित गर्भवती महिला का परिवार ने छोड़ा साथ, डॉक्टरों ने कराया प्रसव

एक तरफ जहां लोग कोरोना संक्रमण के डर से अपने परिवार से भी दूरी बना ले रहे हैं वहीं दूसरी तरफ महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कालेज की महिला

Update: 2020-07-24 14:06 GMT

अम्बेडकरनगर: एक तरफ जहां लोग कोरोना संक्रमण के डर से अपने परिवार से भी दूरी बना ले रहे हैं वहीं दूसरी तरफ महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कालेज की महिला चिकित्सकों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए कोरोना संक्रमित महिला का शल्य क्रिया कर प्रसव कराया।

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परिजनों ने छोड़ा साथ

प्रसव के उपरान्त मां-बेटी दोनों स्वस्थ हैं। प्रसव के उपरान्त जब चिकित्सकों ने महिला के परिजनों को सूचित किया तो वे आने के लिए तैयार ही नहीं हुए। काफी प्रयास के बाद आये महिला के पति को नवजात बच्ची को सौंप दिया गया। नवजात बच्ची कोरोना से संक्रमित नहीं पायी गयी। इस उपलब्धि पर मेडिकल कालेज के चिकित्सकों व कर्मचारियों में हर्ष की लहर दौड़ गयी।

दोपहर बाद पंहुचा पति

सुल्तानपुर जिले की 30 वर्षीय एक महिला को कोरोना संक्रमण के कारण एक सप्ताह पूर्व सुल्तानपुर से रेफर कर मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था। संक्रमित महिला के गर्भवती होने के कारण वह डाॅ. नूपुर पाण्डेय की देख रेख में थी। शुक्रवार की सुबह उसे प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों को सूचित किया गया लेकिन कोई भी आने को तैयार नहीं हुआ। काफी प्रयास करने के बाद उसका पति मेडिकल कालेज पंहुचा।

दोपहर बाद उसका सफलता पूर्वक आपरेशन किया गया तथा उसने बच्ची को जन्म दिया। कोरोना का डर मेडिकल कालेज के कर्मचारियों में इस हद तक है कि जब महिला को प्रसव कक्ष में ले जाया जा रहा था तो ड्यूटी पर तैनात वार्ड ब्वाय ही वहां से भाग निकला। इसके बाद प्रधानाचार्य ने दूसरे वार्ड ब्वाय को भेजा।

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वरिष्ठ चिकित्सक डाॅ ज्योत्सना द्विवेदी की देख रेख में असिस्टेन्ट प्रोफेसर डाॅ. नूपुर ने शल्य क्रिया को सफलता पूर्वक सम्पन्न कराया। मेडिकल कालेज में इस तरह का पहला मामला होने के कारण चिकित्सकों व कर्मचारियों के चेहरे पर आत्मविश्वास की झलक देखने को मिली। प्रधानाचार्य डाॅ. पीके सिंह ने कहा कि मेडिकल कालेज के चिकित्सक हर मुश्किल कार्य को आसान करने में पूरी तन्मयता के साथ लगे हैं।

रिपोर्ट: मनीष मिश्रा

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