गंगा दशहरा पर काशी के घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, भक्तों ने लगाई डुबकी

पतित पावनी गंगा के अवतरण के दिन को गंगा दशहरा के रूप में भी मनाया जाता है। इस खास मौके पर वाराणसी के घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी है। लोग गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य कमा रहे हैं। दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट, केदार घाट, अस्सी घाट, तुलसी घाट पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की लाइन लगी है। 

Update: 2019-06-12 08:15 GMT

वाराणसी: पतित पावनी गंगा के अवतरण के दिन को गंगा दशहरा के रूप में भी मनाया जाता है। इस खास मौके पर वाराणसी के घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी है। लोग गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य कमा रहे हैं। दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट, केदार घाट, अस्सी घाट, तुलसी घाट पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की लाइन लगी है।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

गंगा दशहरा पर उमड़ने वाली भीड़ के मद्देनजर सभी प्रमुख घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे ।घाट की सीढ़ियों के पास बैरिकेडिंग की गई थी। जल पुलिस के अलावा स्थानीय पुलिस हमेशा चौकसी बरत रहे थे। सादे वेश में पुलिस के जवान नजर बनाए हुए थे। स्नान के दौरान कोई अप्रिय घटना ना हो इसके लिए हर घाट पर गोताखोरों की टीम लगाई गई थी।

क्या है गंगा दशहरा की मान्यता ?

गंगा दशहरा हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है । इसे जेष्ठ शुक्ल दशमी को मनाया जाता है । इसमें नाम , दान और रूपात्मक होता है। स्कंद पुराण में लिखा है कि जेष्ठ शुक्ल दशमी संवत्सर मुखी मानी गई है। आज ही के दिन मां गंगा का अवतरण हुआ था और मां गंगा कैलाश पर्वत से होते हुए मैदानी क्षेत्रों में आई थी।

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