KGMU के ट्रामा सेंटर की सीटी स्कैन मशीन एक्सपायर, मरीज हो रहे परेशान
केजीएमयू के ट्रामा सेंटर की सीटी स्कैन मशीन राम भरोसे चल रही है। मशीन की एक्सपायरी डेट पूरी हो चुकी है।
लखनऊः केजीएमयू के ट्रामा सेंटर की सीटी स्कैन मशीन राम भरोसे चल रही है। मशीन की एक्सपायरी डेट पूरी हो चुकी है। एक्सपायरी सीटी स्कैन मशीन से ट्रामा सेंटर में पिछले 5 सालों से मरीजों की जांच होती है। इस स्थिति में रिपोर्ट की गुणवत्ता पर भी सवाल उठते हैं।
दूसरी ओर मशीन कई दिनों से खराब है। जांच के लिए आए मरीजों को वापस लौटना पड़ रहा है। गंभीर मरीज प्राइवेट संस्थानों में मोटी रकम देने को मजबूर है। आए दिन ट्रामा सेंटर के सीटी स्कैन मशीन खराब होती रहती है। मशीन काम न करने से करीब 150 मरीज जांच से वंचित रह गए।
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पुराने जमाने की है मशीन
ट्रामा सेंटर में 2004 में सीटी स्कैन मशीन लगी थी। उस समय सिंगल स्लाईस मशीनें चल रही थी। ये मशीन काफी पुरानी हो चुकी है। इन दिनों मल्टी स्लाईस सिटी स्कैन मशीनों का दौर चल रहा है। पुराने दौर की मशीन होने से इनके पार्ट मिलने में परेशानी होती है। एक ओर मशीन का पुराना होना और दूसरी ओर पुरानी टेक्नोलॉजी का प्रयोग होना। मरीज परेशान है।
एक्सपायर हो चुकी है मशीन
विशेषज्ञों के अनुसार सीटी स्कैन मशीनों की उम 10 साल होती है। इसके बाद मशीनों को बदलने का प्रावधान है। ट्रामा में 2004 में मशीन लगी थी। इस तरह से 2014 में मशीन की उम्र पूरी हो गई है। अब जो मरीजों की जाचें हो रही हैं वे एक्सपायर सीटी स्कैन मशीन से हो रही है।
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मल्टी स्लाईस मशीनों का है दौर
इन दिनों 64, 16 और क्वाएड स्लाईस मशीनों का युग चल रहा है। इसमें लेटेस्ट टेक्नोलॉजी इस्तेमाल हैं। ये मशीनें सिंगल रोटेशन में 6 से 16 अलग-अलग पिक्चर निकालने की क्षमता रखती हैं वहीं सिंगल स्लाईस में एक रोटेशन में केवल 4 पिक्चरें आती हैं। इस तरह से मल्टी मशीनें हर तरह से बेहतर हैं।
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सीएमएस बोले,'जल्द लगेगी दूसरी मशीन'
केजीएमसी के सीएमएस डॉ शंखवार ने बताया कि मशीन की पिक्चर ट्यूब खराब हो गई थी। इंजीनियर आज मशीन बनाने आए हैं। जल्दी ही मशीन सही हो जाएगी। उन्होंने बताया कि करीब 1 महीने में दूसरी सीटी स्कैन मशीन लगाने का भी प्रयास किया जा रहा है।