बुंदेलखंड की महिलाएं बनीं मिशाल, अब पूर्वांचल में भी इस योजना को किया जाएगा लागू

प्रदेश में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है। जिसके जरिए महिलाओं की आय तो बढ़ ही रही है। बुन्देलखण्ड में प्रतिदिन 1.22 लाख लीटर दूध का संग्रहण किया जा रहा है।

Update:2022-08-01 20:51 IST

पूर्वांचल में भी दुग्ध योजना को किया जाएगा लागू

Lucknow: प्रदेश में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है। जिसके जरिए महिलाओं की आय तो बढ़ ही रही है। साथ ही सशक्त भी बन रही हैं। इसमें सबसे अहम रोल राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों द्वारा पूरे प्रदेश में विभिन्न गतिविधियों में प्रतिभाग कर जहां अपने स्वावलंबन व आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त किया जा रहा है।

बुन्देलखण्ड में प्रतिदिन 1.22 लाख लीटर दूध का किया संग्रहण

इसी कड़ी में बुंदेलखंड में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा मिल्क संग्रहण कर महिला सशक्तिकरण (women empowerment) की दिशा में बहुत ही सराहनीय, उल्लेखनीय व उत्कृष्ट कार्य किये जा रहे हैं। स्वयं सहायता समूहों द्वारा बुन्देलखण्ड में प्रतिदिन 1.22 लाख लीटर दूध का संग्रहण किया जा रहा है जो अपने आप में एक मिशाल है। बुंदेलखंड में दुग्ध संग्रहण (Milk Collection in Bundelkhand) महिलाओं की आमदनी का बेहतर जरिया बना है और महिलाओं की मेहनत रंग ला रही है।

डेयरी वेल्यू चैन बुन्देलखण्ड क्षेत्र में दुग्ध बेचने के लिए महिलाओं की प्रोड्यूसर कम्पनी का किया गठन

ग्राम्य विकास विभाग (Rural Development Department) से प्राप्त जानकारी के अनुसार बुन्देलखण्ड क्षेत्र में डेयरी वेल्यू चैन (दुग्ध मूल्य श्रंखला) बुन्देलखण्ड क्षेत्र में दुग्ध बेचने के लिए महिलाओं की प्रोड्यूसर कम्पनी का गठन किया गया है। इस योजना का क्रियान्वयन एनडीडीबी डेयरी सर्विसेज के सहयोग से बुन्देलखण्ड के पांच जिलों (चित्रकूट, झांसी, बांदा, हमीरपुर एवं जालौन) में किया जा रहा है। इस परियोजना का मुख्यालय झांसी है और बुन्देलखंड के इन्टेन्सिव जिलों के 651 ग्रामों में एनडीएस के सहयोग से डेयरी परियोजना के अन्तर्गत 3600 स्वयं सहायता समूहों की 48000 महिलाओं को 'बालिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी' वेल्यू चेन के रूप में विभिन्न चरणों में संगठित किया जाना है, जिसके सापेक्ष 'बालिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी' वेल्यू चेन के रूप में अब तक 5 जनपदों के 651 ग्रामो से 33000 शेयर होल्डर्स है।

दुग्ध संग्रहण से 13.34 करोड़ का लाभ अर्जित

वर्तमान में प्रतिदिन 1.22 लाख लीटर दुग्ध का संग्रह किया जा रहा है। अभी तक कुल 245 करोड़ रुपये का भुगतान करते हुए 13.34 करोड़ का लाभ अर्जित किया गया है। कार्यक्रम की सफलता के दृष्टिगत जनपद महोबा एवं ललितपुर की सम्मिलित करते हुए बुंदेलखंड क्षेत्र के नए 350 ग्रामों को भी सम्मिलित किया जायेगा। इसकी सफलता के दृष्टिगत पूर्वांचल क्षेत्र के पांच जनपदों गाजीपुर, सोनभद्र, बलिया, मिर्ज़ापुर एवं चंदौली में इसी तर्ज पर काशी दुग्ध उत्पादक कंपनी का गठन किया जा चुका है।

700 ग्रामों में की गई दुग्ध वैल्यू चैन परियोजना स्वीकृत

काशी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी : बलिया, मिर्ज़ापुर, सोनभद्र, गाजीपुर एवं चंदौली के 700 ग्रामों में दुग्ध वैल्यू चैन परियोजना स्वीकृत की गई है। जिसके तहत दुग्ध का संग्रह करते हुए उसकी प्रसंस्करण करते हुए बिक्री की जायेगी। इस योजना में 3 वर्ष में 35000 दुग्ध उत्पादकों को जोड़ा जाना है। इसके लिए 42.23 करोड़ रुपया का बजट प्राविधान किया गया है। वर्तमान में कंपनी के 1700 महिला सदस्य बन चुके हैं एवं 50 गांव में दुग्ध संग्रहण का कार्य किया जा रहा है, प्रतिदिन लगभग 4500 लीटर दुग्ध संग्रहण किया जा रहा है।

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