गोरखपुर: पढ़ाई छूटने के बाद गांव में ही रहने वाले एक लड़के ने अर्थक्वेक इंडिकेटर डेवलप कर लेने का दावा किया है। यह इंडिकेटर भूकंप आने से पहले ही इसके संकेत दे देगा। यही नहीं, ये इंडिकेटर भूकंप की दिशा भी बता देगा। लेकिन त्रासदी यह है, कि इसे डेवलप करने वाले 16 साल के किशोर ने आर्थिक तंगी के चलते इसका विकास रोक देना पड़ा है।
चौंकाने वाले दावे
-दावा है, कि भूकंप आने के आधा घंटा पहले इंडिकेटर ऐक्टिव हो जाएगा।
-इंडिकेटर की सुई यह भी बताएगी कि भूकंप किस दिशा में आने वाला है।
-किशोर साइंटिस्ट विकास का दावा है कि वह 24 और 25 अप्रैल 2015 को इसका टेस्ट कर चुका है।
कैसे करता है काम
-अर्थक्वेक इंडिकेटर तांबा, ऐलुमिनियम, कॉपर और कांच से तैयार हुआ है।
-मशीन की सुई और कांच के टुकड़े मैग्नेटिक फोर्स के सहारे भूकम्प की तीव्रता और दिशा का पता देते हैं।
-भूकंप से पहले सुई गिर जाती है, और उसके दिशा का तार टूट जाता है।
-अब तक इस मशीन की लागत महज 10,000 रुपए आई है
किशोर साइंटिस्ट
-16 वर्षीय दलित किशोर सहजनवा इलाके के तिलौरा गांव का है।
-अपने गुरु की इंसपिरेशन से उसने यह मशीन डेवलप की।
-गांव में लोगों ने उसकी हंसी उड़ाई और मशीन तोड़ दी।
-वह संत कबीर नगर में अपनी ननिहाल बड़गो चला गया। यहीं उसने मशीन बनायी।
आड़े आई तंगी
-इंडिकेटर डेवलप करने के लिए धन की तंगी आड़े आ रही है।
-इंडिकेटर में सायरन लगाना है, जो 10 किलोमीटर तक सूचना देगा।
-बिजली से चलने वाली मशीन सोलर एनर्जी में कनवर्ट करनी है।
-जानकारी के बाद, मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कॉलेज के वीसी ने इसकी जांच के बाद मदद का भरोसा दिलाया है।