पोकेमॉन गो गेम के खिलाफ जारी हुआ फतवा, इसलिए बताया हराम और नाजायज

पोकेमॉन गो गेम पर बरेली की दरगाह आला हजरत से फतवा जारी किया है। मुफ्तियों की टीम ने सलाह-मशवरे के बाद इस गेम को हराम और नाजायज करार देते हुए मुसलमानों को इस गेम को नहीं खेलने की नसीहत दी है। दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन मौलाना मोहम्मद अहसन रजा कादरी के अनुसार पोकेमॉन गो गेम को दरगाह के मुफ्तियों ने हराम और नाजायज करार दिया है।

Update: 2016-08-06 09:06 GMT

बरेली: दुनियाभर में जबरदस्त क्रेज का सबब बन चुके पोकेमॉन गो गेम पर बरेली की दरगाह आला हजरत ने फतवा जारी किया है। मुफ्तियों की टीम ने सलाह-मशवरे के बाद इस गेम को हराम और नाजायज करार देते हुए मुसलमानों को इस गेम को नहीं खेलने की नसीहत दी है।

फतवा साउथ अफ्रीका के शहर डरबन और मॉरिशस में रहने वाले आला हजरत के अकीदतमंदों ने मांगा था। गौरतलब है कि, सऊदी अरब और मिस्र के उलेमा पोकेमॉन गो गेम पर फतवा पहले ही दे चुके हैं। सऊदी अरब में भी इस गेम के खेलने पर रोक लगाई जा चुकी है।

इन्होंने पूछा था यह सवाल

डरबन में रहने वाले मोहम्मद शाहिद और मॉरिशस के मोहम्मद अली उर्फ रोम जॉन ने पोकेमॉन गो गेम को लेकर बच्चों के साथ बड़ों में भारी क्रेज है, कुछ खबरें ऐसी आ रही हैं कि इस गेम का खेलना मजहबी तौर पर गलत है, लिहाजा इस मसले पर शरीयत की रूह से स्थिति साफ करें, गेम जायज है या नाजायज?

यह दिया गया जवाब

दरगाह आला हजरत के प्रवक्ता और मंजरे इस्लाम के मुफ्ती मोहम्मद सलीम नूरी का कहना है कि गेम के बारे में मुफ्तियों को जानकारी नहीं थी। इस पर रिसर्च की गई। उसके बाद तमाम चीजें साफ हुईं। जिसके बाद इस नतीजे पर पहुंचे कि गेम का खेलना हराम है। इससे बचने की जरूरत है।

इस वजह से हराम करार दिया

मुफ्ती सलीम नूरी का कहना है कि पोकेमॉन गो गेम में शैतान को प्रमोट किया गया है। इस गेम में यह दिखाया गया कि वह कितना शक्तिशाली है। इससे शैतानियत बढने का अंदेशा है। इसे खेलते वक्त वॉकिंग करनी पड़ती है। इस गेम को खेलने वाला उसमें पूरी तरह डूब जाता है। जान का खतरा भी बन जाता है।

गेम खेलने वाले को मजहबी और पारिवारिक कर्तव्य पूरे करने तक का ख्याल नहीं रहता। ऐसी कोई भी चीज जो मजहब से हटाने का काम करे, हराम है। शरीयत में ऐसे खेल खेलने से मना किया गया है।

दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन मौलाना मोहम्मद अहसन रजा कादरी के अनुसार पोकेमॉन गो गेम को दरगाह के मुफ्तियों ने हराम और नाजायज करार दिया है। लिहाजा इसका खेलना गुनाह का सबब होगा। मुसलमानों को इससे बचना चाहिए।

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