सहारनपुर : विश्व प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम की मजलिस-ए-शुरा (सुप्रीम पावर कमेटी) ने इस संस्था के लिए आगामी वर्ष का बजट 35 करोड़ रुपए तय दिया है। मदरसा छात्रों को बहतर चिकित्सा मुहैया कराने के उद्देश्य से संस्था के पुराने अस्पताल का जीर्णोद्धार कर बीस बेड पर आधारित नई सुविधाओं से लैस अस्पताल बनाए जाने के प्रस्ताव को भी शूरा द्वारा मंजूरी दी है।
मजलिस ए शूरा की दो दिवसीय बैठक 15 अक्टूबर को सम्पन्न हुई। बैठक में कई चरण में अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा हुई व वार्षिक रिपोट्र्स देखी गईं। तीसरे चरण की बैठक में गहन विचार विमर्श के बाद कई अहम फैसले लिए गए। शूरा सदस्यों ने संस्था के बजट में एक करोड़ रुपए की बढ़ोतरी करते हुए आगामी वर्ष के लिए 35 करोड़ अनुमोदित किए। इसके अलावा संस्था के सभी उस्तादों व कर्मचारियों के वतन में दो से चार हजार रुपए की बढ़ोतरी की गई। शेखुल हिंद एकेडमी और शोबा तंजीम व तरक्की के रिक्त चल रहे प्रभारी के पदों पर भी नियुक्ति की गई। इसके अलावा शूरा सदस्यों ने एक अहम फैसला लेते हुए मदरसा छात्रों को बहतर चिकित्सा मुहैया कराने के लिए संस्था के पुराने 'अजमत अस्पताल' का जीर्णोद्धार कर 20 शैय्याओं का अस्पताल बनाने का प्रस्ताव भी सर्वसम्मति से पास किया।
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संस्था के मेस को दुरुस्त करने के लिए दो शूरा सदस्यों मौलाना अनवारुल रहमान और महमूद हसन राजस्थानी की कमेटी का गठन भी किया गया। मौलाना अब्दुल अलीम फारूकी की तिलावत से शुरू हुई शुरा की बैठक की अध्यक्षता मौलाना मुफ्ती अहमद खानपुरी ने की। बैठक मेंं मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी, सांसद मौलाना बदरुउद्दीन अजमल, मौलाना मुफ्ती मोहम्मद इस्माईल, मौलाना मुफ्ती अहमद खानपुरी, हकीम कलीमुल्लाह, मौलाना रहमतुल्ला कश्मीरी, पूर्व विधाकय मौलाना इसरारुल हक, सैयद अनजर हुसैन मियां, मौलाना महमूद हसन, मौलाना निजामुद्दीन खामोश, मौलाना अब्दुल समद, मुफ्ती सईद अहमद पालमपुरी मौजूद रहे।
देवबंंद नगर में बुखार के प्रकोप से पीडि़त मदरसा छात्रों को उपचार के लिए इधर उधर भटकते देख प्रसिद्ध लेखक मौलाना नदीमुल वाजदी ने मीडिया के माध्यम से संस्था का निजी अस्पताल निर्माण कराए जाने की मांग शूरा दस्यों से की थी। वहीं, देवंबद इंस्टिट्यूट ऑफ इस्लामिक थोट के डायरेक्टर आतिफ सुहैल सिद्दीकी ने अमेरिका से सोशल मीडिया पर दारुल उलूम प्रबंधतंत्र और शूरा सदस्यों के नाम खुला खत लिख कर छात्रों के लिए लिए अस्पताल के निर्माण को वक्त की अहम जरूरत करार दिया था।