यूपी में अस्थाई विद्युत संयोजनों की तिथि बढे़गी, शुल्क होगा समायोजित

प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पावर कार्पोरेशन प्रबंधन को अस्थायी संयोजन की तिथि को बढ़ाने तथा शादी-विवाह के प्रकरणों में जमा शुल्क को अग्रिम तिथि के लिए समायोजित करने का निर्देश दिया है।

Update:2020-05-18 17:06 IST

लखनऊ। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पावर कार्पोरेशन प्रबंधन को अस्थायी संयोजन की तिथि को बढ़ाने तथा शादी-विवाह के प्रकरणों में जमा शुल्क को अग्रिम तिथि के लिए समायोजित करने का निर्देश दिया है।

प्रदेश में कई उपभोक्ताओं ने अपने कार्यक्रमों के लिए अस्थाई संयोजन लिया था और इसके लिए बिजली विभाग में शुल्क जमा किया था। कोरोना वायरस के कारण लागू लाकडाउन के चलते यह सभी नहीं हो पाए और अस्थाई संयोजन की तिथि निकल गई लेकिन अस्थाई संयोजन का जमा शुल्क बिजली विभाग में ही जमा रह गया।

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तिथि संशोधित करने का निर्देश

इसके संबंध में राज्य विद्युत परिषद ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से वार्ता की जिस पर ऊर्जा मंत्री ने सभी अस्थाई संयोजनों की तिथि संशोधित करने का निर्देश दिया है।

इस संबंध में उप्र. राज्य विद्युत परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बताया कि लॉक डाउन की अवधि 31 मई तक बढ़ा दी गयी है इसके बाद अनेको ऐसे उपभोक्ता सम्बन्धी मामले है जिसका समाधान करने के लिए उपभोक्ता लगातार अनुरोध कर रहे है।

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विवाह के लिए जो भी टेम्परोरी संयोजन

जिसको लेकर उपभोक्ता परिषद ने सोमवार को ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा से शक्ति भवन स्थित उनके कार्यालय में मुलाकात कर चर्चा की और एक लोकमहत्व जनहित प्रस्ताव सौंपते हुए यह मुदा उठाया कि जितने भी टेम्परोरी संयोजन पूर्व में निर्गत किए गये है उनकी अवधि आगे बढायी जाय।

लॉकडाउन में शादी विवाह के लिए जो भी टेम्परोरी संयोजन लिए गए और शादी नहीं हुई उनके शुल्क को उनके नियमित संयोजन में समायोजित कराया जाय अथवा उनकी वापसी कराई जाय।

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स्मार्ट मीटर में आ रही प्रॉब्लम फीडिंग

उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में हजारो ऐसे किसान जिन्होने निजी नलकूप का संयोजन सामान्य योजना में पैसा बहुत पहले जमा कर दिया है। पर स्टोर से उनके संयोजन के विरुद्ध अभी तक सामान निर्गत नहीं किया गया है जिससे उन्हे संयोजन नहीं मिल पाया तुरंत कार्यवाही जरूरी है।

स्मार्ट मीटर में आ रही प्रॉब्लम फीडिंग से लेकर अन्य सभी वयवधानो को समय से ठीक कराया जाए । छोटे मछली पालन को प्रदेश सरकार के शासनादेश के अनुसार कृषि का दर्जा दिलाया जाए।

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