डिप्टी CM ब्रजेश पाठक ने प्रो सुखवीर सिंघल 'चित्र प्रदर्शनी' का किया उद्घाटन
Lucknow News: यूपी के डिप्टी CM ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) ने लखनऊ में प्रोफेसर सुखबीर सिंघल चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस मौके पर उनके साथ मेयर संयुक्ता भाटिया मौजूद रहीं।;
Lucknow News : राज्य ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश की ओर से वॉश शैली के मशहूर चित्रकार प्रो सुखवीर सिंघल (Painter Prof. Sukhveer Singhal) के चित्रों की 'सिंहावलोकन कला प्रदर्शनी' लगी। कैसरबाग स्थित लाल बारादरी भवन में प्रो सुखवीर सिंघल की सिंहावलोकन प्रदर्शनी का उद्घाटन डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak), मेयर संयुक्ता भाटिया (Sanyukta Bhatia) ने किया। इस दौरान राज्य ललित कला अकादमी के अध्यक्ष सीताराम कश्यप, उपाध्यक्ष गिरीश चंद्र मिश्र, सचिव डॉ यशवंत सिंह राठौर, प्रो सुखवीर सिंघल की नातिन प्रियम चंद्रा, दामाद राजेश चंद्र जायसवाल, बेटी चित्रकार डॉ स्तुति सिंघल सहित कई कलाप्रेमी मौजूद थे।
'सृजन से चित्रकला को किया समृद्ध'
मुख्य अतिथि ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रो सुखवीर सिंघल ने अपने सृजन से भारत की चित्रकला को समृद्ध किया है। उन्होंने अपनी चित्रों में भारतीय संस्कृति को दिखाने का प्रयास किया है। शहर के ऐसे अनूठे चित्रों की कलाकृतियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित किया जाएगा।
60 पेंटिंग की गई प्रदर्शित
डॉ यशवंत सिंह राठौर ने बताया कि 8 अप्रैल तक आयोजित प्रो सुखवीर सिंह सिंघल की सिंहावलोकन चित्रकला प्रदर्शनी में उनकी वॉश शैली की लगभग आठ दशक प्राचीन दुर्लभ 60 पेंटिंग प्रदर्शित की गईं हैं। प्रदर्शनी के दौरान 4 से 6 अप्रैल तक वॉश पेंटिंग कार्यशाला होगी। 8 अप्रैल को प्रो सुखवीर सिंघल के कृतित्व-व्यक्तित्व पर आधारित चर्चा होगी। प्रियम चंद्रा ने बताया कि मेरे नाना प्रो सुखवीर सिंघल लखनऊ कला एवं शिल्प महाविद्यालय के छात्र रहे। उनके गुरु असित कुमार हलदर थे। इलाहाबाद में कलाभारती संस्था के तहत कला के अलावा गीत-संगीत और वादन गुर सिखाते रहे। वापस लखनऊ कला एवं शिल्प महाविद्यालय के बतौर प्रोफेसर अध्यापन के बाद प्राचार्य भी बने। सेवानिवृत्त के बाद वह अंतिम क्षण तक सृजन और कला प्रशिक्षण में लीन रहे।
'औरंगजेब के दरबार में वीर शिवाजी' है मशहूर पेंटिंग
प्रो सुखवीर सिंघल के दामाद राजेश चंद्र जायसवाल ने बताया कि वॉश तकनीक उनकी बंगाल स्कूल ऑफ आर्टस से अलग भीड़ का चित्रण बखूबी करते थे। जो अत्यंत मुश्किल चित्रण किया। उनकी चर्चित पेंटिंग बारात और औरंगजेब के दरबार में वीर शिवाजी दुनिया में जानी गई। पेंटिंग में भारतीय संस्कृति, धर्म-अध्यात्म, दर्शन और परंपराएं देखने को मिलतीं हैं।
100 से भी ज़्यादा पेंटिंग्स बनाई
प्रो सुखवीर ने भिन्न-भिन्न माध्यमों पर वॉटर कलर्स से, ऑयल कलर्स, टेपेस्ट्रीवर्क, मूर्तिकारी, लेदर पर फाइन आर्ट और पोट्रेट भी बनाए। कला जगत के इस गुरु ने अपना सम्पूर्ण जीवन कला को समर्पित कर दिया और सौ से भी ज्यादा पेंटिंग्स बनायी। इनकी चित्रकला में इनके अपने खुद के विचार और भावनाओं की झलक देखने को मिलती है।
प्रो सुखवीर की लिखी पुस्तक 'भारतीय चित्रकला पद्धति' प्रकाशित है। इलाहाबाद में प्रो सुखवीर सिंघल ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के कहने पर 'एवेल्यूशन ऑफ आर्ट एंड आर्टिस्ट' की रचना की थी। चित्र कला प्रदर्शनी प्रतिदिन सुबह 11 से शाम 6 बजे तक लगी रहेगी।
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