डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा बोले- वैदिक संस्कृति को मिले बढ़ावा, यूनेस्को ने भी की पहल
इलाहाबाद: वैदिक ज्ञान भारतीय सनातन संस्कृति का सार है, जिसे समय के साथ अपनी ही भूमि ने हासिये में धकेल दिया। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा की मानें तो भारतीय वैदिक संस्कृति ही एक ऐसी संस्कृति है, जिसमें 'सर्वे भवंतु सुखिनः' के साथ सबके मंगल की कामना है।
फाफामऊ स्थित शिवगंगा विद्या मंदिर में आयोजित कार्यक्रम 'उत्तिष्ठ' के तहत डिप्टी सीएम ने कहा कि दुनिया की तमाम सभ्यताओं से हजारों साल पहले विश्व के सबसे प्राचीन ग्रंथ, वेदों की रचना हुई। भारत ऋषि-कृषि का देश रहा है। इससे पहले उन्होंने विद्यालय में स्थापित 'इंडो रशियन वैदिक कल्चरल सेंटर' का उद्घाटन किया।
वेदों के इस ज्ञान को अपने देशों के साथ भारत की भूमि में नए सिरे से विस्तार करने के लिए कई देशों का एक डेलिगेट्स इलाहाबाद आया है।
जिले के शिव गंगा विद्यामंदिर में इस प्रतिनिधि मंडल ने स्थानीय बच्चों के साथ अपने विचार साझा किए और विद्यालय प्रबंधन के साथ मिलकर वैदिक ज्ञान के प्रसार के एक बड़े अभियान का सूत्रपात किया है।
क्या कहा डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा
-इस अभियान का आरंभ यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने इन विदेशी मेहमानों के साथ मिलकर किया।
-उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि वेद और संस्कृत को बढ़ावा दिया जाएगा।
-वैदिक ज्ञान सहित धर्मों की तमाम अच्छी बातें जो पाठ्यक्रमों से बाहर कर दी गई हैं, उन्हें पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाएगा।
-उन्होंने कहा कि यह प्रतिनिधि मंडल देश में जगह-जगह वैदिक ज्ञान की पाठशालाएं चलाएगा, जिसमे वेदों की शिक्षा दी जाएगी।
-यूनेस्को से आए सदस्य एलेक्जेंडर निनोव की अगुवाई में इस अभियान का खाका तैयार किया गया, जिसे आने वाले समय में अमल में लाया जाएगा।
-दोनों पक्षों ने इस पर आम सहमति जाहिर करते हुए इसका प्रचार-प्रसार प्रदेश के दूसरे शहरों में भी करने का निश्चय किया है।
-इसकी मुख्य केंद्र संगम नगरी इलाहबाद ही होगी।