महाराष्ट्र: पर्ली सीट पर बीजेपी को मिली मात, भाई से चुनाव हार गईं पंकजा मुंडे
महाराष्ट्र की राजनीति से जुड़ी एक बड़ी खबर है। यहां परली विधानसभा सीट पर सियासी लड़ाई भाई (धनंजय मुंडे) और बहन (पंकजा मुंडे) के बीच थी जिसमें बहन को आखिरकार हार का सामना करना पड़ा है।
महाराष्ट्र: महाराष्ट्र की राजनीति से जुड़ी एक बड़ी खबर है। यहां परली विधानसभा सीट पर सियासी लड़ाई भाई (धनंजय मुंडे) और बहन (पंकजा मुंडे) के बीच थी जिसमें बहन को आखिरकार हार का सामना करना पड़ा है।
पंकजा फडणवीस सरकार में मंत्री है। उन्हें उनके चचेरे भाई, एनसीपी नेता व महाराष्ट्र विधान परिषद में नेता विपक्ष धनंजय मुंडे ने 30768 वोटों से हराया है।
बताते चले कि पंकजा मुंडे को जिताने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने चुनाव प्रचार किया था। लेकिन इस बार के चुनाव में इसका कोई खास असर देखने को नहीं मिला।
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विवादों से रहा है पुराना नाता
पंकजा मुंडे पर एक चुनावी रैली में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में एनसीपी नेता धनंजय मुंडे के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। हालांकि, उन्होंने अपने खिलाफ लगे आरोप से इनकार किया है।
पंकजा अपने कार्यकाल में कई बार विवादों के घेरे में रहीं। सूखे की मार झेल रहे लातूर का दौरा करने गईं पंकजा को सेल्फी लेने पर काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था। इस बार पंकजा और धनंजय के बीच जंग की शुरुआत कड़वाहट से हुई थी।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को पिछली बार से नुकसान होता हुआ दिख रहा है। 2014 में 122 सीटें जीतने वाली भाजपा को इस बार 100 सीटें ही मिलती हुई दिख रही हैं।
वहीं, उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना को 61 सीटें मिलती हुई दिख रही हैं। खबर लिखे जाने तक जहां भाजपा ने 100 सीटें और शिवसेना ने 61 सीटों पर बढ़त बनाई हुई है।
वहीं कांग्रेस 45 और एनसीपी 55 सीटों पर आगे चल रही है। पिछली बार बहुमत से दूर रही भाजपा को शिवसेना के साथ गठबंधन कर सरकार बनाना पड़ा था। इस बार भी दोनों पार्टियों ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा है।
बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने जैसे मुद्दों का जमकर इस्तेमाल किया, वहीं विपक्ष ने किसानों की परेशानी और बेरोज़गारी जैसे मुद्दे उठाए।
फडणवीस सरकार के पांच मंत्री हारे
फडणवीस सरकार के पांच मंत्री, पंकजा मुंडे, राम शिंदे, विजय शिवतारे, बाला भेगडे, अर्जुन खोतकर को इस बार के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है।
सीएम फडणवीस को मिली जीत
नागपुर दक्षिण-पश्चिम विधानसभा महाराष्ट्र की सबसे बड़ी हॉट सीट मानी जाती है। इसकी वजह यह है कि यहां से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बीजेपी उम्मीदवार थे।
2008 में परिसीमन के बाद वजूद में आई नागपुर साउथ-वेस्ट एसेंबली सीट पर अब तक 2 बार विधानसभा चुनाव हुए और दोनों बार देवेंद्र फडणवीस को जीत मिली।
नागपुर लोकसभा क्षेत्र में आने वाली इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने इस बार आशीष देशमुख को उतारा था। सीएम फडणवीस इस सीट पर तीसरी बार जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं।
आदित्य ठाकरे ने दर्ज की जीत
इस बार का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव ठाकरे परिवार के लिए ऐतिहासिक रहा है। पहली बार परिवार का कोई सदस्यर चुनाव मैदान में उतरा। इसके साथ ही ठाकरे परिवार का पहला सदस्यइ विधायक भी बन गया है।
वर्ली सीट से चुनाव मैदान में उतरे उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे चुनाव जीत गए हैं। बता दें कि मुंबई की इस सीट को शिवसेना का गढ़ माना जाता है।
पार्टी ने आदित्यु को इसी सीट से अपना उम्मीादवार बनाने का फैसला किया था। विधानसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को स्पउष्टम बहुमत मिलने के पूरे आसार हैं।
दूसरी तरफ, कांग्रेस-राष्ट्र्वादी कांग्रेस का गठजोड़ लगातार दूसरी बार सत्ता से दूर रही। राज ठाकरे की मनसे ने उनके सामने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था. ऐसे में उनकी जीत आसान मानी जा रही थी।
तय 50-50 फॉर्मूले से बनाई जाएगी सरकार
शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने भी थोड़ी ही देर पहले यह स्पष्ट किया था कि सरकार गठन के लिए 50-50 फॉर्मूला तय रहेगा।
उन्होंने कहा कि अनुमान से कुछ सीटें पार्टी को मिली हैं, लेकिन वे इसे निराशाजनक नहीं मान रहे हैं। उन्होंने शिवसेना के प्रदर्शन को अच्छा कहा है।
सरकार बनाने की बात पर वे बोले कि बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन बरकार है और आगे भी रहेगा। गठबंधन में यह तय किया गया था कि 50-50 के रेश्यो पर सरकार बनाई जाएगी और पार्टी अभी भी उसी बात पर कायम है।
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