Sant Kabir Nagar News: सरकारी अस्पताल में डॉक्टरो की मनमानी, बाहर की महंगी दवाएं बन रहीं गरीबों की मजबूरी
Sant KabIr Nagar News : मेहदावल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CSC) की हकीकत सरकारी दावों से अलग नजर आ रही है। अस्पताल में मुफ्त इलाज की उम्मीद लेकर आने वाले गरीब मरीजों को न डॉक्टर मिल रहे हैं, न दवाएं।;
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Sant Kabir Nagar News: संतकबीरनगर मेहदावल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CSC) की हकीकत सरकारी दावों से अलग नजर आ रही है। अस्पताल में मुफ्त इलाज की उम्मीद लेकर आने वाले गरीब मरीजों को न डॉक्टर मिल रहे हैं, न दवाएं। नतीजा ये है कि उन्हें या तो डॉक्टर के क्वार्टर पर निजी इलाज के लिए जाना पड़ता है, या फिर इलाज के बिना लौट जाना पड़ता है।
मरीजों का कहना है कि कई बार अस्पताल पहुंचने पर पता चलता है कि "डॉक्टर साहब क्वार्टर पर हैं", यानी ड्यूटी के दौरान भी डॉक्टर अस्पताल की बजाय अपने निवास स्थान पर मरीज देख रहे हैं। मजबूरी में कई मरीज वहां जाकर इलाज कराते हैं, जिससे उन्हें अस्पताल की मुफ्त सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाता।
बाहर की दवाओं ने तोड़ी कमर
सबसे बड़ी समस्या डॉक्टरों द्वारा बाहर की महंगी दवाएं लिखना है। एक स्थानीय मजदूर रामनरेश ने बताया, "सरकारी अस्पताल में इलाज कराने गए थे, लेकिन डॉक्टर ने बाहर की दवा लिख दी। दवा की कीमत 350 रुपये थी, जो हम जैसे दिहाड़ी मजदूरों के लिए बहुत भारी है।" ऐसे कई मरीज हैं जो कर्ज लेकर दवा खरीद रहे हैं, जबकि कुछ इलाज छोड़ने को मजबूर हैं।
प्रशासन मौन, जिम्मेदारी तय नहीं
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस अव्यवस्था की शिकायत कई बार की गई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। सवाल यह उठता है कि जब अस्पताल में डॉक्टर मौजूद नहीं होते, तो उनकी उपस्थिति दर्ज कैसे होती है? और क्या बाहर की दवा लिखना किसी निजी लाभ से जुड़ा हुआ है?सरकारी अस्पतालों का उद्देश्य जरूरतमंदों को सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं देना है, लेकिन मेहदावल CSC की स्थिति इसके बिल्कुल विपरीत है।
जरूरत है कड़ी निगरानी और जवाबदेही की
जनहित में जरूरी है कि स्वास्थ्य विभाग इस मामले की गंभीरता से जांच करे और दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई हो। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाए कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बेहतर और मुफ्त इलाज मिले।