DHFL पीएफ घोटाला: UPPCL के पूर्व MD एपी मिश्रा गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के पीएफ घोटाले मामले में मंगलवार को बड़ी गिरफ्तारी हुई है। यूपी के बिजली विभाग के कर्मचारियों के पीएफ का पैसा निजी कंपनी कंपनी DHFL में लगाने वाले यूपीपीसीएल के पूर्व एमडी एपी मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है।

Update: 2019-11-05 04:15 GMT

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के पीएफ घोटाले मामले में मंगलवार को बड़ी गिरफ्तारी हुई है। यूपी के बिजली विभाग के कर्मचारियों के पीएफ का पैसा निजी कंपनी कंपनी DHFL में लगाने वाले यूपीपीसीएल के पूर्व एमडी एपी मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले की फिलहाल EOW जांच कर रहा है। इसके अलावा यूपी सरकार ने सीबीआई जांच की भी सिफारिश की है।

इससे पहले कॉर्पोरेशन के पूर्व निदेशक (वित्त) सुधांशु द्विवेदी और इम्पलाइज ट्रस्ट के तत्कालीन सचिव प्रवीण कुमार गुप्ता को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार किया था।

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हजरतगंज पुलिस ने उनके घर से हिरासत में लिया है और अज्ञात स्थान पर एपी मिश्रा से पुलिस अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। EOW के अधिकारी भी मौके पर मौजूद हैं। सोमवार रात से गोमतीनगर और अलीगंज के आवास और दफ्तर पर यूपी पुलिस की विशेष टीम एपी मिश्रा पर नजर रखे हुई थी।

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सरकार ने यूपीपीसीएल की एमडी और सचिव ऊर्जा अपर्णा यू को भी हटा दिया है और उनकी जगह एम देवराज को जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह पूरा घोटाला लगभग 2 हजार 631 करोड़ रुपए का है। DHFL कंपनी डूब चुकी है और बिजली विभाग के कर्मचारियों के पैसे भी डूब गए हैं।

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पूर्व एमडी एपी मिश्रा राजनीतिक रसूख वाला अधिकारी और उनको अखिलेश यादव का करीबी माना जाता है। एपी मिश्रा ने अखिलेश यादव पर किताब भी लिखी थी। अखिलेश यादव सरकार ने एपी मिश्रा का रिटायरमेंट के बाद तीन बार सेवा विस्तार किया था।

और लोगों पर हो सकती है कार्रवाई

अब चर्चा है कि इस घोटाले में जल्द ही यूपी पावर कारपोरेशन के चेयरमैन और प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार भी हटाए जा सकते हैं। वे ट्रस्ट के चेयरमैन हैं।

सूत्रों के हवाले से आई खबर के मुताबिक भविष्य निधि घोटाले को लेकर पावर कारपोरेशन प्रबंधन के रवैये से ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा नाराज हैं।

ऐसे में उन्होंने मामला सामने आने के बाद जहां पहले सीबीआइ जांच कराने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा तो वहीं अब संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है।

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EOW की टीम ने सोमवार को पीपीसीएल के पूर्व निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी और यूपीपीसीएल ट्रस्ट के तत्कालीन सचिव पीके गुप्ता से जेल में पूछताछ की थी। इसके बाद शक्ति भवन से EOW की टीम ने कई दस्तावेज जब्त किए थे।

मिली जानकारी के मुताबिक डीएचएफएल में निवेश को मंजूरी देने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर शिकंजा कसने की तैयारी है। अब एपी मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद कई अन्य अधिकारियों पर भी जांच की आंच पहुंच सकती है।

तो वहीं उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों ने भविष्य निधि घोटाले के विरोध में मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया और 18 नवंबर से दो दिवसीय कार्य बहिष्कार करने की घोषणा की है।

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