G20 Summit: मुरादाबाद के शिल्पकार दिलशाद हुसैन को जी20 शिखर सम्मेलन ने दिलायी वैश्विक पहचान, मेहमानों ने की तारीफ

G20 Summit: हुसैन को अपनी कला पर गर्व है। वह इसे दुनिया भर में प्रचारित करना चाहते हैं। वह अपनी कला में युवाओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं, जिनमें कई महिलाएं भी हैं।

Report :  Network
Update:2023-09-11 20:21 IST

Dilshad Hussain artworks and pots praised By Guests at G20 summit

G20 Summit: यह काम है उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित दिलशाद हुसैन का, जिन्होंने अपने कौशल से किसी और को नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रभावित किया है। दिलशाद के हाथ से बनी कलाकृतियों और मटकों की प्रशंसा आस्ट्रेलिया,बांग्लादेश और नेपाल समेत अन्य कई देशों के प्रतिनिधियों ने की। हुसैन ने बताया कि लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में लगाये गये एक स्टॉल में पीएम मोदी ने उनकी कलाकृतियों की सराहना की थी। तीन दिनों के बाद , उन्हें फोन आया कि पीएम मोदी को काले बर्तन पर बनी एक कलाकृति पसंद आई है। वह इसे जर्मनी को उपहार में देना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि वो इस बात से उत्साहित थे कि उनकी कलाकृति को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है। तब से उनके उत्पादों की मांग बढ़ गई है। उन्होंने आगे कहा कि जब उन्हें जी20 शिखर सम्मेलन में अपनी कलाकृति प्रदर्शित करने का निमंत्रण मिला तो उन्हें बहुत खुशी हुई।

दिलशाद ने कहा, " हमारी कला को विदेशी प्रतिनिधियों ने देखा जिससे हमारी कला को बढ़ावा मिल रहा है ।दिलशाद हुसैन मुरादाबाद की पीतल कला के उस्ताद हैं, जिसे ‘पीतल नगरी’ या भारत का पीतल शहर भी कहा जाता है। शिल्प में उनके योगदान के लिए वर्ष 2023 में उन्हें देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया। उन्हें छह साल पहले तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से ‘शिल्पा गुरु’ पुरस्कार भी मिल चुका है।हुसैन ने अपने शिल्प के पीछे की तकनीक के बारे में बताते हुए, जो उन्होंने अपने दादा से सीखी थी, कहा कि वह पहले कागज पर डिज़ाइन का रेखाचित्र बनाते हैं, फिर एक बढ़िया उत्कीर्णन उपकरण और एक लकड़ी के ब्लॉक के साथ इसे पीतल के बर्तन पर बनाते हैं। इस प्रकार की नक्काशी को ‘मरोडी’ कहा जाता है।

विरासत को जीवित रखना

हुसैन को अपनी कला पर गर्व है। वह इसे दुनिया भर में प्रचारित करना चाहते हैं। वह अपनी कला में युवाओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं, जिनमें कई महिलाएं भी हैं। उन्हें उम्मीद है कि वह अपनी विरासत को अगली पीढ़ी तक पहुंचाएंगे।हुसैन का काम भारत की समृद्ध और विविध विरासत का प्रतिबिंब है, जिसे दुनिया भर के लोगों ने सराहा है। वह कई महत्वाकांक्षी कारीगरों के लिए प्रेरणा हैं , जो अपने जुनून को आगे बढ़ाना चाहते हैं और दुनिया में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं।

पद्मश्री से सम्मानित हो चुके शिल्पगुरु दिलशाद हुसैन को भारत सरकार की ओर से जी 20 की शिखर बैठक के उपलक्ष्य पर लगाये गये 'शिल्प बाजार' में अपनी कलाकृतियों को शामिल करने का न्योता मिला था। दिलशाद हुसैन ने 7 सितम्बर से 10 सितम्बर तक दिल्ली के प्रगति मैदान में अपना स्टाल लगाकर अपनी हस्तशिल्प कलाकृतियों को G 20 राष्ट्राध्यक्षों के समक्ष प्रस्तुत किया।भारत मंडपम में आयोजित इस 'शिल्प बाज़ार' में देश की विविध और उत्कृष्ट शिल्प कौशल के प्रदर्शन के बीच चमचमाते पीतल के बर्तनों पर उकेरे गये जटिल डिजाइन ने आगंतुकों का ध्यान आकृष्ट किया।

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