UP News: उच्च शिक्षा निदेशालय मामले पर डिप्टी सीएम मौर्य और मंत्री योगेंद्र उपाध्याय आमने-सामने, गलत आदेश जारी करने की होगी जांच

UP News: उच्च शिक्षा निदेशालय अब प्रयागराज से लखनऊ स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने गलत आदेश जारी करने की जांच करवाने संबंधी ट्वीट किया है।

Written By :  aman
Update: 2023-01-06 14:32 GMT

directorate of higher education (Social Media)

UP News: उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (UP Deputy CM Keshav Prasad Maurya) का एक ट्वीट अपनी ही सरकार के बीच विरोधाभास को बताने के लिए काफी है। दरअसल ये मामला उच्च शिक्षा निदेशालय से जुड़ा है। इससे पहले, उच्च शिक्षा निदेशालय को प्रयागराज से लखनऊ स्थानांतरित करने को लेकर एक पत्र जारी हुआ था। जिसके बाद निदेशालय कर्मियों में ऊहापोह की स्थिति थी।

केशव मौर्य के ट्वीट ने जहां कयासों पर विराम लगाया, वहीं यूपी सरकार के मंत्रालयों के बीच आपसी समन्वय की कमी को दिखाता है। इस मामले से एक बात तो सामने आ रही है कि सरकार के दो मंत्रियों के बीच ही परस्पर सामंजस्य नहीं है। बता दें, यूपी के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय (Yogendra Upadhyay) हैं।

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया। जिसमें लिखा है, प्रयागराज से उच्च शिक्षा निदेशालय लखनऊ स्थानांतरित नहीं होगा,कोई नया कार्यालय आये जो है वह नहीं जाये,यही प्रयास था है और रहेगा, ग़लत आदेश जारी करने की होगी जाँच! #गौरव_हैं_राज्य_और_केंद्र_सरकार_के_कार्यालय। इसके साथ पत्र भी है। जो विशेष सचिव डॉ. अखिलेश कुमार मिश्र द्वारा प्रेषित है।

पत्र में क्या?

यूपी सरकार के स्तर पर उच्च शिक्षा निदेशालय (Directorate of Higher Education, UP) को लखनऊ (Lucknow) स्थानांतरित किए जाने की प्रक्रिया का खंडन कर दिया गया है। यूपी सरकार के विशेष सचिव डॉ. अखिलेश कुमार मिश्र (Dr. Akhilesh Kumar Mishra) की ओर से उच्च शिक्षा निदेशक (Director of Higher Education) को लिखे पत्र में कहा गया है, कि 30 दिसंबर 2022 को लिखे पत्र में शासकीय कार्यहित में उच्च शिक्षा निदेशालय, प्रयागराज को लखनऊ में प्रतिस्थापित किए जाने के संदर्भ मे निदेशालय कार्मिकों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई। संपूर्ण निदेशालय को लखनऊ प्रतिस्थापित किये जाने हेतु निर्णय ले लिया गया है।

होगी कार्यवाही

इस संबंध में यह भी अवगत कराया गया है प्रशासनिक व विधिक दृष्टिकोण से सक्षम स्तर पर जो मत स्थिर किया जाएगा। उसी के आलोक में सरकार के सुशासन के सिद्धांतों के अनुरूप, अग्रेतर कार्यवाही की जाएगी।

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